बेंगलुरु में 10वीं क्लास के एक स्टूडेंट को उसके कथित ऑनलाइन दोस्त ने इतना ब्लैकमेल किया कि पीड़ित नग्न होने को मजबूर हो गया. खबर के मुताबिक, आरोपी ने अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर नाबालिग के कपड़े उतरवाए, उसे पीटा और फिर उसे वीडियो में झूठा आरोप कबूलने के लिए मजबूर किया. पीड़ित की मां ने बेटे की एक महिला मित्र पर आरोप लगाए कि उसी ने ये हमला कराया. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
नाबालिग से ऑनलाइन दोस्ती कर ब्लैकमेल किया, नग्न होने पर मजबूर हो गया पीड़ित, ये मामला पैरेंट्स को डरा देगा
वीडियो बनाने के बाद आरोपियों ने कथित तौर पर नाबालिग से 10 हजार रुपये की डिमांड की थी. पैसे न देने पर उसके वीडियो को सोशल मीडिया और स्कूल के दोस्तों के बीच वायरल करने की धमकी दी. साथ ही, उसे मां या पुलिस को बताने से मना किया.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, पीड़ित की मां ने 25 अप्रैल को पुलिस में FIR दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को आरोपी के घर से आने के बाद से उनका बेटा परेशान था. दोनों की दोस्ती ऑनलाइन हुई थी. घर आने के बाद से उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया. कई बार पूछने के बाद बेटे ने बताया कि उसके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे धमकाया और उसके कपड़े उतरवाकर उसकी वीडियो रिकॉर्ड की है.
पीड़ित की मां ने FIR में बताया कि जब उनके बेटे ने विरोध किया, तो आरोपियों ने जबरदस्ती उसके कपड़े उतरवाए और झूठा आरोप कबूलने को कहा. रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग पीड़ित को ये कहकर जबरदस्ती बुलवाया गया था कि उसने लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें रिकॉर्ड की हैं और एक पीड़िता से 50 हजार रुपये भी वसूले हैं.
मां ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि आरोपी ने करीब छह महीने पहले, उनके बेटे के ईयरबड्स और मोबाइल फोन उधार लिए थे, लेकिन उसने बाद में सिर्फ फोन लौटाया और ईयरबड्स रख लिए. महिला ने बताया कि इस घटना के बाद उनके बेटे ने आरोपी से मिलना बंद कर दिया था.
FIR के मुताबिक, 5 अप्रैल को पीड़ित बेंगलुरु के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) के पास से गुजर रहा था. इस दौरान उसे आरोपी दोस्त भी मिला. वो पीड़ित को एक रेजिडेंशियल अपार्टमेंट की पार्किंग में ले गया जहां पहले से पांच युवक मौजूद थे.
वीडियो बनाने के बाद आरोपियों ने कथित तौर पर नाबालिग से 10 हजार रुपये की डिमांड की थी. पैसे न देने पर उसके वीडियो को सोशल मीडिया और स्कूल के दोस्तों के बीच वायरल करने की धमकी दी. साथ ही, उसे मां या पुलिस को बताने से मना किया.
पीड़ित की मां ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने बेटे की सुरक्षा के डर से घटना के 20 दिनों बाद FIR दर्ज कराई. पुलिस अभी आरोपियों की उम्र और पहचान की पुष्टि कर रही है. उसने POCSO एक्ट, इंफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी एक्ट और BNS की धारा 133 (बेइज्जती के इरादे से हमला), 115 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 118 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 126 (गलत तरीके से रोकना) और 308 (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया है.
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