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साइबर ठगों ने टेक कर्मचारी से फर्जी ED अफसर बन 11 करोड़ रुपये ठगे, पूरा प्लान दुबई में बना था

Bengaluru के विजय कुमार एक कंपनी में काम करते हैं. किसी तरीके से उनके पास पैसे होने की बात साइबर ठगों को पता चल गई. ठगों ने विजय से संपर्क किया और फर्जी ED अधिकारी बन करोड़ों रुपये ठग लिए. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को अरेस्ट किया है. इस मामले में अब तक क्या-क्या पता चला है?

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पुलिस द्वारा साइबर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो आरोपी (तस्वीर : इंडिया टुडे)
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सगाय राज

बेंगलुरु की आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाले विजय कुमार के साथ 11 करोड़ रुपये का साइबर स्कैम (Cyber Scam) हो गया. साइबर ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर विजय से आधार, पैन और KYC की जानकारी निकलवा ली. इसके बाद उन्होंने नौ अलग-अलग खातों में उनके पैसे ट्रांसफर कराए. जब पुलिस ने मामले की जांच की तो इसके इंटरनेशनल कनेक्शन निकले. मामले में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे की जांच जारी है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ समय पहले विजय कुमार एक कंपनी में काम करते हैं. उनके पास 50 लाख रुपये के शेयर थे, जो बढ़कर 12 करोड़ रुपये के हो गए थे. किसी तरीके से ये बात साइबर ठगों को पता चल गई. ठगों ने विजय से संपर्क किया और खुद को पुलिस, कस्टम और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के रूप में पेश किया. यही नहीं, विजय को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तारी की धमकियां दी गईं.

गिरफ्तारी के डर से विजय कुमार ने अपने आधार, पैन कार्ड और KYC जैसे पर्सनल डाक्यूमेंट्स ठगों से शेयर कर दिए. कई महीनों तक विजय से अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए गए. आरोपियों ने बताया कि ये सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है. कुल नौ बैंक खातों में पूरा पैसा भेज दिया गया. जब विजय को समझ आया कि उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस को इस बात की जानकारी दी.

खुलीं परतें और फिर सब पता लगा 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरु कर दी. पुलिस ने इलाहाबाद में एक बैंक अकाउंट से 7.5 करोड़ रुपये का पता लगाया. पुलिस को पता चला कि ठगी के पैसों से गुजरात के सूरत में सोना खरीदा गया है. इस काम को धवल शाह नाम के एक ब्रोकर ने अंजाम दिया था.

जांच में पता चला कि धवल ने ये सारा काम दुबई में स्थित एक ठग के कहने पर किया. सोना खरीदने के बदले उसे 1.5 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था. इस सोने को “नील भाई” नाम के एक अज्ञात व्यक्ति को दे दिया गया था. पुलिस ने धवल शाह को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. जिनके नाम तरुण नतानी और करण हैं.

आरोपी तरुण नतानी ने पैसों के बदले नकली सिम कार्ड और बैंक खाते महैया कराए थे. साथ ही उसने VPN के जरिए सारे स्कैम को छुपाया. दूसरे आरोपी करण के कथित तौर पर चीन और पाकिस्तान सहित कई इंटरनेशनल ठगों के नेटवर्क से कनेक्शन हैं. साथ ही ये खातों और सिम की जानकारियों को ठगों को बेचता है.

दुबई से कनेक्शन निकला

सगाय राय की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को पता चला कि दुबई में स्थित एक ठग ने इस पूरी ठगी को अंजाम दिया है. पुलिस अब आगे के लिंक की जांच कर रही है, जिससे रैकेट के इंटरनेशनल कनेक्शन का पता लग सके.

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पुलिस अधिकारियों ने फेक KYC, डिजिटल हेरफेर और इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले एक नेटवर्क का पता भी लगाया है. पुलिस को अन्य लोगों के साथ भी इस तरह की ठगी की आशंका है. इसलिए अधिकारी अपनी जांच का दायरा बढ़ा रहे हैं. इस मामले में नॉर्थ-ईस्ट डिवीजन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया है और बाकी के संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश जारी है.

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