तेलंगाना में शराब (Alcohol) की कमी हो सकती है. शराब बनाने वाली कंपनी United Breweries ने राज्य में शराब/बीयर की सप्लाई पर रोक लगा दी है. कंपनी का कहना है कि तेलंगाना सरकार ने शराब की कीमतें बढ़ाने की मंज़ूरी नहीं दी है. वहीं शराब की तीन अन्य कंपनियों ने दावा किया है कि तेलंगाना सरकार पर उनका करोड़ों का बकाया है. उनके 4003 करोड़ रुपये से ज्यादा सरकार के पास फंसे हुए हैं. इन कंपनियों में डियाजियो (Diageo), पर्नो रिका (Pernod Ricard) और कार्ल्सबर्ग (Carlsberg) शामिल हैं. कंपनियां लंबे समय से बकाया भुगतान की मांग कर रही हैं.
इस राज्य के शराब प्रेमियों के साथ बहुत बुरा हुआ, कंपनी ने सप्लाई ही बंद कर दी
तेलंगाना में शराब की सप्लाई संकट में है. United Breweries कंपनी ने राज्य में बीयर की सप्लाई रोक दी है. कंपनी का कहना है कि तेलंगाना सरकार ने शराब की कीमतें बढ़ाने की मंज़ूरी नहीं दी और बकाया भुगतान भी लंबित है. वहीं राज्य सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी पर विरोध किया है.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, लंबे वक्त से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने की वजह से इन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. भारत के किंगफिशर ब्रैंड की निर्माता United Breweries देश की सबसे बड़ी बीयर कंपनी है. अब United Breweries ने तेलंगाना राज्य में बीयर की सप्लाई बंद कर दी है. United Breweries ने अपने बयान में कहा,
“हम कई बार कह चुके हैं कि हमारे प्रॉडक्ट की कीमतें बढ़ाई जाएं. लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद कोई ऐक्शन नहीं लिया गया. पेमेंट मिलने में भी देरी हो रही है. इससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मजबूरन हमें राज्य में सप्लाई रोकनी पड़ी है.”
बीते वर्ष मई में United Breweries के सीईओ विवेक गुप्ता ने कहा था कि दक्षिण राज्य से उन्हें 7-8 अरब रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है.
उधर, बीयर की सप्लाई रोके जाने पर तेलंगाना के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“United Breweries ने अपनी बीयर पर ज़रूरत से ज्यादा कीमतें बढ़ाने की मांग की है. इससे कंज्यूमर्स पर काफी बोझ पड़ेगा. हमने कीमतें बढ़ाने के लिए एक स्वतंत्र कमिटी बनाई है. इसी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार कीमतें बढ़ाएगी ना कि कंपनी की मांग के मुताबिक.”
इस बीच सप्लाई रुकने की खबर से United Breweries के शेयरों में 7% तक की गिरावट देखी गई.
तेलंगाना को भारत का सबसे बड़ा बीयर मार्केट बताया जाता है. यहां सिर्फ सरकारी डिपो से ही शराब की सप्लाई होती है. डिपो फिर इसे रिटेलर्स को बेचते हैं. इसके कारण कंपनियों को पेमेंट के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है. अल्कोहल इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना सरकार पर शराब कंपनियों का ‘40 अरब रुपये’ बकाया है.
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