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बांग्लादेश हाई कोर्ट ने ISKCON पर बैन नहीं लगाया, लेकिन चिन्मय कृष्ण दास को बड़ा झटका

बांग्लादेश सरकार ने 27 नंवबर को इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए एक रिट याचिका दायर की थी. सरकार ने ISKCON को एक 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' करार दिया था.

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रिपोर्ट इस हफ्ते देशद्रोह के आरोप में एक हिंदू मोंक Chinmoy Krishna Das की गिरफ्तारी के बाद जारी हिंसा के बीच प्रस्तुत की गई थी.

बांग्लादेश हाई कोर्ट ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) पर बैन लगाने के लिए स्वत: संज्ञान आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने यह फैसला, बांग्लादेश सरकार के हिंदू धार्मिक संगठन पर अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद सुनाया है. यह रिपोर्ट हिंदू संत चिन्यम कृष्ण दास (Chinmoy Krishna Das) की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के बीच प्रस्तुत की गई थी. चिन्मय दास के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया है.

इंडिया टुडे से जुड़े इंद्रजीत कुंडू और आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश सरकार ने 27 नंवबर को इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए एक रिट याचिका दायर की थी. सरकार ने ISKCON को एक 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' करार दिया था. इससे पहले 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे से चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी हुई थी. सरकार का कहना था कि ISKCON की वजह से हिंसा हुई. चिन्मय दास पर अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. सरकार की याचिका के जवाब में हाई कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को सरकार की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

रिपोर्ट के मुताबिक 28 नवंबर की सुनवाई के दौरान एडिशनल अटॉर्नी जनरल अनीक आर हक और डिप्टी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असद उद्दीन ने कोर्ट को बताया कि 26 नंवबर को चटगांव में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें एक मुस्लिम वकील की हत्या हुई. इस मामले में 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों पर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उम्मीद जताई कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखेगी. साथ ही बांग्लादेश के लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहेगी.

ISKCON का जवाब?

सुनवाई के दौरान मामले में नाटकीय मोड़ देखने को मिला. कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए ISKCON बांग्लादेश ने खुद को चिन्मय कृष्ण दास से अलग कर लिया. कहा कि वह निष्कासित सदस्य (expelled member) के शब्दों और कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं है. ISKCON के महासचिव चारु चंद्र दास ने कहा,

“चिन्मय कृष्ण दास ISKCON बांग्लादेश के प्रवक्ता नहीं हैं और इसलिए उनकी टिप्पणी पूरी तरह से निजी है.”

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Chinmoy Das पर क्या आरोप लगे हैं?

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिन्मय दास को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अक्टूबर महीने में उन्होंने एक रैली को संबोधित किया था. इसी रैली को लेकर उन पर आरोप लगे हैं. रिपोर्ट है कि उन्हें ढाका एयरपोर्ट  से ढाका पुलिस की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है.

बांग्लादेश में उनकी गिरफ्तारी के विरोध में भारी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. ढाका कोक्स बाजार और चिटगांव जैसे इलाकों में भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं. उन्होंने मशाल रैली निकाली है. इसके कारण कई जगहों पर सेना और सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है. कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया है.

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