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मणिपुर में मार दिए गए 10 महीने के बच्चे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़कर रूह थर्रा जाएगी

परिवार की 8 साल की बेटी तेलेम थजमनबी देवी के शव में भी कीड़े पड़ने लगे थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके कंधे में गोली लगी थी, जो दिल, फेफड़े और पसलियों को चीरती हुई बाहर निकल गई थी.

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परिवार के सदस्यों के शव 15 से 18 नवंबर के बीच जिरीबाम की एक नदी में तैरते हुए पाए गए थे. पिछले हफ्ते सभी छह शवों का पोस्टमार्टम किया गया था. (फोटो- X)

मणिपुर का जिरीबाम जिला. 11 नवंबर के दिन यहां कथित तौर पर कुकी विद्रोहियों ने एक परिवार के छह लोगों का अपहरण कर उन्हें मार दिया था. परिवार के इन छह सदस्यों में एक 10 महीने का बच्चा भी मौजूद था. अब बच्चे के साथ की गई क्रूरता की जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद आई है. परिवार द्वारा साझा की गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार 10 महीने के बच्चे को घुटने में गोली मारी गई (Autopsy Report Of Meitei Baby), उसकी छाती में चाकू घोंपा गया और जबड़े पर किसी धारदार हथियार से वार भी किया गया था.

आखिरी बार अपनी मां की गोद में देखा गया बच्चा

एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट बताती है कि इस 10 महीने के बच्चे की पहचान लैशराम लमंगनबा सिंह के रूप में हुई है. उसे आखिरी बार अपनी मां की गोद में एक तस्वीर में देखा गया था. ये तस्वीर 'ज़ोगाम न्यूज़' नाम के एक सार्वजनिक वॉट्सऐप चैनल से उनके अपहरण के एक दिन पहले सर्कुलेट की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक ये वॉट्सऐप चैनल इस साल के मार्च महीने में बनाया गया था. इसमें 12 हजार सब्सक्राइबर थे. NIA की जांच के बाद इस चैनल को बंद कर दिया गया था.

बता दें कि परिवार के सदस्यों के शव 15 से 18 नवंबर के बीच जिरीबाम की एक नदी में तैरते हुए पाए गए थे. पिछले हफ्ते सभी छह शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था. लेकिन सिर्फ तीन रिपोर्ट ही जारी की गई थीं. बाकी तीन रिपोर्ट आज सामने आईं हैं. एनडीटीवी के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 महीने के बच्चे की दोनों आंखें गायब थीं और उसके शरीर में कीड़े पाए गए थे. उसके पूरे चेहरे पर चोट के निशान थे और पेट में एक गहरा घाव भी था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे की छाती पर घाव के कारण पसलियां टूट गई थीं.

8 साल की तेलेम के साथ क्या हुआ?

रिपोर्ट के मुताबिक 8 साल की तेलेम थजमनबी देवी के शव में भी कीड़े पड़ने लगे थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके कंधे में गोली लगी थी, जो दिल, फेफड़े और पसलियों को चीरती हुई बाहर निकल गई थी. उसकी 31 वर्षीय मां, तेलेम थोइबोई देवी को सीने में चार बार गोली मारी गई थी. उनका सिर कुचला हुआ था.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार थोइबोई देवी का शरीर भी सड़ चुका था और दोनों आंखें बाहर निकली हुई थीं. उनके सिर के कई हिस्से जख्मी थे और सिर का स्कल टूटकर अंदर की ओर धंसा हुआ था.

बता दें कि जिरीबाम में 7 नवंबर को फिर से हिंसा शुरू हुई थी. हिंसा संदिग्ध मैतेई विद्रोहियों द्वारा हमार जनजाति के एक गांव पर हमला करने के बाद शुरू हुई थी. हमले में हमार जनजाति की एक महिला की मौत हो गई. पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में उनके पति ने आरोप लगाया कि संदिग्ध मैतेई विद्रोहियों ने उनके पैर में गोली मारी, उनके साथ बलात्कार किया और फिर उन्हें आग के हवाले कर दिया.

मणिपुर कैबिनेट ने 16 नवंबर को एक बयान में कहा था कि कुकी उपद्रवियों ने 19 अक्टूबर को जिरीबाम जिले में कई घरों को जला दिया और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया. ये भी कहा गया कि 7 नवंबर के हमले के बजाय इस हमले ने हिंसा भड़काने का काम किया. 

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया