हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अनोखे ग्रह की खोज की है. इसे ‘TOI-3261 b’ नाम दिया गया है. इसके अनोखे होने की वजह इसकी स्पीड है. यह ग्रह अपने तारे के चारों ओर इतनी तेजी से घूमता है कि यहां 21 घंटे में एक साल पूरा हो जाता है. मतलब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करने में जितना समय (365 दिन) लेती है, उससे करीब 17 गुना ज्यादा तेजी से ये ग्रह अपने सूरज का चक्कर पूरा कर लेता है.
अंतरिक्ष में नया ग्रह मिला है, 21 घंटे में ही एक साल पूरा कर लेता है!
वैज्ञानिकों ने खोजा नया ग्रह 'TOI-3261 b'. जहां हर 21 घंटे में आता है नया साल. लेकिन यह ग्रह हमारे सौर मंडल में नहीं बल्कि उससे बाहर स्थित है. NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर इस ग्रह के वातावरण के बारे में स्टडी की जाएगी.
यह ग्रह हमारे सौर मंडल में नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी स्टडी से वे ग्रहों के बनने की अपनी समझ को और दुरुस्त कर सकेंगे.
पृथ्वी के उदाहरण से समझें तो इसे अपने तारे यानी सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है. यही समय हमारे लिए एक साल के बराबर होता है. अगर पृथ्वी सूर्य के और करीब होती तो यह समय कम होता और इसका तापमान भी काफी ज्यादा होता. इसी तरह ग्रह ‘TOI-3261 b’ को समझें. यह ग्रह अपने तारे का चक्कर 21 घंटे में लगा लेता है. यानी इसका एक साल पृथ्वी से 417 गुना ज्यादा तेजी से पूरा हो जाता है.
लेकिन अपने सूरज के बेहद करीब होने के चलते इसका वातावरण काफी गर्म है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि अमूमन इस स्थिति में ग्रह के वातावरण में मोटी गैसें नहीं बच पातीं, लेकिन इस ग्रह के साथ ऐसा नहीं हुआ. यही बात इस ग्रह को खास बनाती है.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक 'TOI-3261 b’ लगभग 650 करोड़ साल पुराना है. शुरुआत में यह ग्रह शायद बृहस्पति (Jupiter) जितना बड़ा रहा होगा, लेकिन समय के साथ इसका बहुत सारा द्रव्यमान खत्म हो गया. सवाल ये कि ये नुकसान हुआ क्यों?
वैज्ञानिकों ने इसके दो कारण बताए. पहला- 'फोटोइवैपोरेशन'(Photoevaporation) के कारण, यानी तारे की तेज ऊर्जा ने इसके वातावरण की गैसें उड़ा दीं. दूसरा कारण- टाइडल स्ट्रीपिंग (Tidal Stripping), माने तारे की ग्रैविटी ने इसके वातावरण की परतें खींच लीं.
इस ग्रह की डेन्सिटी नेपच्यून से दोगुना है. माने इसके वातावरण में केवल भारी गैसें बची हैं. TOI-3261 b उन ग्रहों में से है जिन्हें अल्ट्रा-शॉर्ट-पीरियड हॉट नेपच्यून कहा जाता है. ऐसे ग्रह बहुत कम होते हैं और उन्हें खास परिस्थितियों में ही देखा गया है. इस तरह के ग्रहों की खोज हाल के वर्षों में हुई है, जैसे - LTT-9779 b,TOI-849 b, TOI-332 b
इस ग्रह की स्टडी क्यों जरूरी?TOI-3261 b की स्टडी से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि ग्रह इतनी कठिन परिस्थितियों में कैसे टिके रहते हैं. इस ग्रह के वातावरण को जानने के लिए NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है. इस टेलीस्कोप की मदद से इंफ्रारेड रोशनी में ग्रह के वायुमंडल का विश्लेषण किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि इसमें कौन-कौन सी गैसें अभी बची हैं.
यह खोज मात्र TOI-3261 b के बारे में नहीं है. यह ग्रह हमें यह समझने में मदद करेगा कि ब्रह्मांड में ग्रह कैसे बनते हैं, बदलते हैं, और टिके रहते हैं. यह वैज्ञानिकों के लिए एक तरह की प्रयोगशाला है, जिससे उन्हें नई जानकारियां मिलेंगी.
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