The Lallantop

पुल का शिलान्यास करने गए विधायक, लाल फीता नहीं दिखा तो गाली-गलौच और मार कुटाई पर उतर आए

असम के धुबरी जिले के पूर्वी बिलासिपारा विधानसभा से विधायक हैं समसुल हुदा. Samsul Huda, बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIDUF से विधायक हैं. विधायक जी को एक पुल के शिलान्यास के लिए बुलाया गया था. उनको पुल निर्माण से पहले लगाए जाने वाले शिलापट्ट का उद्घाटन करना था.

post-main-image
बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIDUF से विधायक हैं.

असम के धुबरी का एक वीडियो वायरल है. वायरल वीडियो एक विधायक जी का है. आम तौर पर विधायक या सांसद के स्पीच के वीडियो वायरल होते हैं. लेकिन यहां पेंच है. ये वीडियो उनके भाषण का नहीं बल्कि ऐसे कारनामे का है, जिसकी उम्मीद किसी जनप्रतिनिधि से कतई नहीं की जाती. विधायक जी वीडियो में मारपीट और गाली गलौच करते दिख रहे हैं. 

असम के धुबरी जिले के पूर्वी बिलासिपारा विधानसभा से विधायक हैं समसुल हुदा. Samsul Huda, बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIDUF से विधायक हैं. विधायक जी को एक पुल के शिलान्यास के लिए बुलाया गया था. उनको पुल निर्माण से पहले लगाए जाने वाले शिलापट्ट का उद्घाटन करना था. 

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक जी को शिलान्यास के लिए फीता काटना था. इसके लिए केले के दो पौधों के बीच एक गुलाबी फीता लगाया गया था. लेकिन विधायक जी इस बात पर भड़क गए कि शिलान्यास की रस्म के लिए लाल फीता क्यों नहीं है. वीडियो में देखा जा सकता है कि गुस्से में विधायक जी ने पास खड़े एक शख्स का गिरेबान पकड़ लिया. फिर उसे थप्पड़ जड़ दिया. उनका गुस्सा यहीं नहीं थमा. उन्होंने शिलान्यास के लिए लगाए गए केले के दोनों पौधे उखाड़ दिए. और उसे मुग्दर की तरह भांजते हुए एक शख्स पर टूट पड़े. विधायक जी का कोपभाजन बना शख्स पुल के ठेकेदार का सहकर्मी बताया जा रहा है. विधायक जी का रौद्र रूप देख कर आसपास के लोग सकते में आ गए. 

खबर यहीं खत्म होती है. लेकिन आखिर में एक किस्सा सुनते जाइए. कुछ दिनों पहले देश की संसद में भाषण देते पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का एक वीडियो वायरल था. वीडियो में चंद्रशेखर जी एक कविता पढ़ते हैं, जिन हाथों में शक्ति होती है राजतिलक देने की उन हाथों में शक्ति होती है सर उतार लेने की. इस लाइन को अभिधा में नहीं लेना है. यहां सर उतार लेने का मतलब है कि जम्हूरियत में जनता की ताकत सर्वोपरि है. जो जनता किसी नेता को चुनकर अपने मुस्तकबिल का फैसला करने के लिए लोकसभा या विधानसभा में भेजती है. वही जनता उसे अपने वोट की ताकत से धूल भी चटा सकती है.

वीडियो: राजस्थान के गवर्नर का बयान हुआ वायरल, बोले- 'रेप के अपराधियों को नपुंसक बनाकर छोड़ दो'