केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने समाचार संस्थानों को फेक न्यूज का समाधान ढूंढने को कहा है. उन्होंने संस्थानों से इसकी जवाबदेही और खबरों के मामले में निष्पक्षता का आह्वान किया है. उन्होंने मीडिया संस्थानों के सामने आने वाली चार बड़ी चुनौतियों की बात की है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के मुताबिक, अश्विनी वैष्णव ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के मौके पर 16 नवंबर को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
"फेक न्यूज का समाधान खोजिए" अश्विनी वैष्णव ने समाचार संस्थानों को चेताया
Ashwini Vaishnaw ने फर्जी खबरों (Fake News) के साथ-साथ एल्गोरिथम आधारित खबरें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उचित मुआवजे को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कुछ प्लेटफॉर्म ऑनलाइन पोस्ट की गई जानकारी को वेरिफाई नहीं करते हैं.
उन्होंने फर्जी खबरों के साथ-साथ एल्गोरिथम आधारित खबरें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उचित मुआवजे को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कुछ प्लेटफॉर्म ऑनलाइन पोस्ट की गई जानकारी को वेरिफाई नहीं करते हैं. इसके कारण प्लेटफॉर्म पर ‘झूठी और भ्रामक’ जानकारी भर जाती है.
अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और बड़े संस्थानों से फेक न्यूज का समाधान खोजकर लोकतंत्र की रक्षा करने की बात की है. उन्होंने कहा,
“फर्जी खबरों का तेजी से फैलना न केवल मीडिया के लिए बल्कि लोकतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा है. क्योंकि इससे भरोसा कम होता है.”
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वैष्णव ने 'सेफ हार्बर' प्रावधान पर फिर से विचार करने का भी प्रस्ताव रखा. ये मेटा, एक्स और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया को जवाबदेही से बचाता है. उन्होंने तर्क दिया कि 1990 के दशक में विकसित ये प्रावधान अब डिजिटल मीडिया की व्यापक पहुंच और प्रभाव को देखते हुए उपयुक्त नहीं हो सकता है. उन्होंने पूछा,
"हमारे समाज की विविधता के साथ, हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. हमारे देश में कई संवेदनशील मुद्दे हैं जो उन देशों में मौजूद नहीं हैं जहां ये प्लेटफॉर्म उत्पन्न होते हैं. इसलिए, यदि परिस्थितियां अलग हैं, तो क्या प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग मापदंड नहीं होने चाहिए? क्या प्लेटफॉर्म पर अधिक जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए?"
वर्तमान में, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत, प्लेटफॉर्म को यूजर की ओर से पोस्ट किए गए कॉन्टेंट के लिए कानूनी कार्रवाई से बचाता है.'सेफ हार्बर' क्लॉज को हटाने या बदलने से ये प्लेटफॉर्म यूजर के कॉन्टेंट के लिए सीधे जवाबदेह हो जाएंगे. इससे उनकी कानूनी प्रतिरक्षा समाप्त हो जाएगी.
वैष्णव ने चेतावनी दी कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को चलाने वाले एल्गोरिदम अक्सर ऐसे कॉन्टेंट को प्राथमिकता देते हैं जो सनसनीखेज या विभाजनकारी सूचनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया हो.
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