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"बताइए मोहन भागवत आप कब शादी कर रहे हैं?" प्रजनन वाली बात पर ओवैसी का हमला

AIMIM के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने आश्चर्य जताया और कहा कि क्या मोहन भागवत लोगों को भुगतान करने और इसके लिए एक योजना शुरू करने का प्लान बना रहे हैं.

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कई नेताओं ने उनकी टिप्पणी को राजनीतिक एजेंडा बताया है. (फोटो- PTI/ANI)

भारत अब उन देशों में है जहां जनसंख्या वृद्धि में गिरावट देखी जा रही है. इस पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया देते हुए लोगों को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी. मोहन भागवत के बयान पर अब विपक्षी पार्टियों की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने बेरोजगारी की ओर इशारा किया तो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि क्या मोहन भागवत ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के अकाउंट में 1500 रुपये देंगे (Asaduddin Owaisi hits at Mohan Bhagwat).

बता दें कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 1 दिसंबर को भारतीय समाज को ‘जीवित रखने के लिए तीन की प्रजनन दर’ का आह्वान करके एक बहस छेड़ दी थी. इसके बाद 2 दिसंबर को AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आश्चर्य जताया और कहा कि क्या भागवत लोगों को भुगतान करने और इसके लिए एक योजना शुरू करने का प्लान बना रहे हैं. X पर एक पोस्ट कर ओवैसी ने लिखा,

“पिछले 10 साल से हम सुनते आ रहे हैं कि मुल्क में मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, इसको कम करना चाहिए. मगर अब मोहन भागवत खुद ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कर रहे हैं. बताइए मोहन भागवत आप कब शादी कर रहे हैं?”

भागवत के बयान पर तंज कसते हुए ओवैसी ने आगे कहा,

"मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि वो अधिक बच्चे पैदा करने वालों को क्या इनाम देंगे? क्या वो अधिक बच्चे पैदा करने वालों के बैंक खातों में 1500 रुपये देंगे? क्या वो इसके लिए कोई योजना लाएंगे?"

भागवत के बयान के बाद से कई भाजपा नेताओं ने उनका समर्थन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भागवत की टिप्पणी 'राष्ट्रीय हित' में थी. हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं. कई नेताओं ने उनकी टिप्पणी को राजनीतिक एजेंडा बताया है. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने बेरोजगारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कोई भी अपनी बेटियों की शादी बेरोजगार पुरुषों से करने को तैयार नहीं है. उन्होंने ये भी पूछा, "क्या हम खरगोश हैं जो हम प्रजनन करते रहेंगे?"

एनडीटीवी से बात करते हुए राज्यसभा सदस्य ने रेणुका ने कहा,

"देश में बेरोजगार पुरुष शादी नहीं कर सकते, क्योंकि कोई भी अपनी बेटी की शादी बेरोजगार आदमी से तय करने को तैयार नहीं है. उनके पास नौकरी नहीं है. वो अपने जीवनसाथी की देखभाल कैसे करेंगे? पैसे ही नहीं हैं. बुजुर्ग माता-पिता काम कर रहे हैं और अपने बच्चों की देखभाल कर रहे हैं. और वो कह रहे हैं कि अधिक बच्चे पैदा करो. क्या हम खरगोश हैं जो हम प्रजनन करते रहेंगे? जो लोग बात कर रहे हैं, वो कितने बच्चे पाल सकते हैं? उनका अनुभव क्या है? हम जानते हैं."

वहीं कांग्रेस के लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने कहा,

"भागवत जो कह रहे हैं वो विरोधाभासी है, क्योंकि भाजपा नेता कह रहे हैं कि जनसंख्या को नियंत्रित किया जाना चाहिए. उन्हें इन विरोधाभासों को दूर करना चाहिए और सरकार को जनसंख्या पर नीति बनानी चाहिए."

आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसे बयान राजनीतिक एजेंडे के तहत दिए जाते हैं और लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है. उन्होेंने आगे बताया कि अगर हम मैन्युफैक्चरिंग शुरू करते हैं, तो लोगों को रोजगार मिलेगा. लेकिन सरकार इसमें विफल रही है.

बताते चलें, भारत में आदर्श प्रजनन दर 2.1 है. जिसका मतलब है कि एक महिला अपने जीवन में औसतन 2.1 बच्चे यानी 2 से 3 बच्चे पैदा करे. ये आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निर्धारित किया है. जिसका मतलब होता है कि इस दर पर जनसंख्या स्थिर रहेगी. बताया जाता है कि भारत में लगातार बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय बनी हुई है.

सरकार भी लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के अभियान चला रही है. 19 अप्रैल, 2023 को खबर आई कि भारत चीन को पीछे छोड़ सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में तब बताया गया कि भारत की आबादी 142.86 करोड़ है.

वीडियो: तीन बच्चे पैदा करने के पीछे क्या तर्क दे रहे हैं RSS के Mohan Bhagwat?