अमेरिकी कोर्ट में अडानी ग्रुप (Gautam Adani) के खिलाफ लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) का भी नाम सामने आया था. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि इन आरोपों से राज्य की ब्रांड इमेज को ठेस पहुंची है. नायडू की प्रतिक्रिया के कुछ दिन बाद अब आंध्र प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों ने बताया है कि जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा अडानी ग्रुप से बिजली खरीदने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ किए गए बिजली खरीद समझौते जांच के दायरे में हैं.
अडानी ग्रुप को अमेरिका-बांग्लादेश के बाद देश के अंदर भी लगा झटका, आंध्र सरकार करेगी डील की जांच
NDA के कुछ सदस्यों ने विधानसभा में Jagan Mohan Reddy सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जिसके जवाब में Chandrababu Naidu ने कहा कि YSRCP के खिलाफ लगे आरोपों ने आंध्र प्रदेश की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचाया है. और यह दुखद है. इससे राज्य की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने बताया,
हम इस मामले की सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं. हम हर चीज की जांच करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे. हमारा डिपार्टमेंट जगन शासन के दौरान की गई समझौते से जुड़े फाइलों की जांच कर रहा है.
पय्यावुला केशव ने ही सबसे पहले 2021 में आंध्र प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहते इन समझौते पर आपत्ति जताई थी. राज्य के शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश ने कहा,
हम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPA) के अनुसार नियम, शर्तों और खऱीद मू्ल्यों की जांच कर रहे हैं. हमें कानूनी मुद्दों और बिजली आपूर्ति में आने वाली किसी भी तरह की बाधा को ध्यान में रखना होगा. जोकि समझौते को रद्द किए जाने की स्थिति में पैदा हो सकती है.
उन्होंने आगे बताया कि कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार को सब कुछ जांचना और उसका मूल्यांकन करना होगा. साथ ही उन्होंने समझौतों को रद्द किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया. 25 नवंबर को विधानसभा में बोलते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा,
हमारे पास अमेरिका में दर्ज अभियोग की सारी रिपोर्ट हैं. हम उनका अध्ययन करेंगे. उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. और बताएंगे कि हम क्या कार्रवाई करेंगे.
NDA के कुछ सदस्यों ने विधानसभा में जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जिसके जवाब में नायडू ने कहा कि YSRCP के खिलाफ लगे आरोपों ने आंध्र प्रदेश की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचाया है. और यह दुखद है. इससे राज्य की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
अडानी ग्रुप पर आंध्र प्रदेश में क्या आरोप हैं?अमेरिकी कोर्ट के अभियोग के मुताबिक, गौतम अडानी ने SECI(सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) और आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों के बीच PSA(बिजली आपूर्ति समझौतों) को अंतिम रूप देने के लिए आंध्र प्रदेश में विदेशी अधिकारी 1 से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की. इसमें 7 अगस्त 2021, 12 सितंबर 2021, और 20 नवंबर 2021 को या इसके आसपास की गई मुलाकातें शामिल हैं.
अभियोग के मुताबिक, विदेशी अधिकारी 1 ने मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश के एक हाई रैंक सरकारी अधिकारी के रूप में काम किया था. हालांकि अभियोग में विदेशी अधिकारी 1 का नाम नहीं है. लेकिन सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन की फाइलिंग में इसका जिक्र है कि अगस्त 2021 में अडानी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात की थी. मई 2019 से जून 2024 के बीच जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
TDP ने विपक्ष में रहते हुए भी समझौते पर आपत्ति जताई थी. 5 नवंबर 2021 को अमरावती में विधानसभा के बाहर बोलते हुए पय्यावुला केशव ने सवाल उठाए थे कि जगन सरकार ने अडानी सोलर से 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से 7,000 मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला क्यों किया. जबकि देश के दूसरे सभी राज्यों को लगा कि यह बहुत महंगा है. और उन्होंने इससे इनकार कर दिया.
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