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Exclusive: "पूरी तरह से टूट चुकी थी..." अनाया बांगर ने बताया क्यों छोड़ी क्रिकेट

Anaya Bangar Interview: वह लेफ्ट हैंडेड थीं. मुंबई और पुडुचेरी की टीम से U16 क्रिकेट खेल चुकी हैं. मुंबई की U23 टीम के लिए ट्रायल भी दिए थे. आज के दौर के कई नामी क्रिकटरों जैसे यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, मुशीर खान के साथ भी खेल चुकी हैं.

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अनाया बांगर. (फोटो- इंस्टाग्राम @anayabangar)

एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं नाम है अनाया बांगर (Ananya Bangar). पहले इनका नाम आर्यन बांगर (Aryan Bangar) था. पहले क्रिकेट भी खेला करती थीं. हाल में इसलिए चर्चा में क्योंकि उन्होंने अपने जेंडर चेंज करवाया है. पुरुष से ट्रांस महिला बन गई हैं. लल्लनटॉप बैठकी में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. अपने क्रिकेट करियर के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि पहले तो वह अपने पिता के साथ ही क्रिकेट खेला करती थीं. लेकिन प्रोफेशनल ट्रेनिंग 12 साल की उम्र से शुरू हुई.

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वह लेफ्ट हैंडेड थीं. मुंबई और पॉन्डीचेरी की टीम से U16 क्रिकेट खेल चुकी हैं. मुंबई की U23 टीम के लिए ट्रायल भी दिए थे. आज के दौर के कई नामी क्रिकटरों जैसे यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, मुशीर खान के साथ भी खेल चुकी हैं. 

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क्रिकेट में नेपोटिज़्म को लेकर भी अनाया ने अपनी बात रखी. जब उनसे पूछा कि अगर आपके घरवाले स्थापित क्रिकेटर हैं तो आपके लिए चीज़ें आसान होती हैं. इस पर अनाया कहती हैं,

कुछ हद तक यह बात ठीक है क्योंकि क्रिकेट की दुनिया का एक्सपोज़र आपको मिलता है. लेकिन बाहरी दुनिया में उन्हें खुद को साबित करने की चुनौती और दबाव रहता है.

अनाया आगे कहती हैं,

जिनके बैकग्राउंड स्ट्रांग नहीं होते उन्हें काफी तरह की मानसिक चीज़ों से गुज़रना पड़ता है. हम उनसे सिर्फ एक लेवल ही आगे होते हैं. लेकिन इससे आगे बढ़ने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती है.

लल्लनटॉप के इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि क्रिकेट में वह करियर बनाना चाहती थीं या सिर्फ ट्रेनिंग के तौर पर चलते रहने देना चाहती थीं. इस पर उन्होंने बताया कि बचपन से इंडिया के लिए खेलना उनका सपना था. अनाया कहती हैं,

तीन साल की उम्र से ही उनका सपना था कि वह क्रिकेट में बड़े लेवल पर खेलें. उन्हें जुनून था कि इंडियन टीम को रिप्रेज़ेंट करे. 17 साल की उम्र तक उम्मीद थी कि मैं आगे क्रिकेट खेलूं.

ड्रेसिंग रूम का अनुभव भी बताया

अनाया ने क्रिकेट खेलने के दौरान ड्रेसिंग रूम का अनुभव भी साझा किया. उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्हें कुछ खास दिक्कत नहीं हुई. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे यहां UK-ऑस्ट्रेलिया जैसा कल्चर नहीं है, जहां खिलाड़ी एक-दूसरे के सामने ही कपड़े चेंज करते हैं.

जेंडर आइडेंटिटी के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह 2022 तक क्रिकेट खेल रही थीं. लेकिन इस बीच अपनी जेंडर आइडेंटिटी के सवालों से भी दो-चार हो रही थीं. इस दौरान उन्होंने खुद के भीतर महसूस हो रहे ख्यालों को दबाने की कोशिश की. उन्हें डर था कि इसकी वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. क्रिकेट से भी समझौता करना पड़ेगा. लोग क्या कहेंगे. क्रिकेट की दुनिया के लोग उनके बारे में क्या कहेंगे?

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यह सब सोचने के बाद अनाया ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा, 

एक समय ऐसा आ गया था जब मैं बिलकुल भी कुछ सोच-समझ नहीं पा रही थी. बहुत डिप्रेस्ड हो गई थी. एंटी-डिप्रेसेंट पर थी. साइकेट्रिस्ट की काउंसलिंग जैसी चीज़ें भी चल रही थी. उस समय जैब मैच होते थे तो मैं सिर्फ ड्रेसिंग रूम में बैठकर रोती थी. सबसे छुपती थी और रोती थी. फिर एक समय ऐसा आ गया कि मैंने क्रिकेट से नफरत करनी शुरू कर दी थी. इसके बाद मैंने फैसला लिया कि मैं  UK जाऊंगी और मास्टर्स करूंगी और सामान्य जीवन जीऊंगी.

बता दें कि अनाया के पिता संजय बांगर (Sanjay Bangar) इंडियन क्रिकेट टीम के बैटिंग कोच रह चुके हैं. एक टाइम पर वह बतौर ऑल-राउंडर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा भी थे. 

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