सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने BJP पर धार्मिक महाकुंभ मेला को राजनीतिक लाभ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. आयोजन को राजनीतिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की योजना थी. इस दौरान उन्होंने इस आयोजन में गंभीर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया.
"महाकुंभ धार्मिक नहीं सियासी आयोजन, वो भी बीजेपी वाला" अखिलेश यादव के इस बयान पर बवाल तय
Akhilesh Yadav Comment on Mahakumbh: सपा सांसद Ramji Lal Suman और विधायक Indrajeet Saroj के विवादित बयान के बाद अब SP प्रमुख अखिलेश यादव का भी बयान आया है. अखिलेश ने आरोप लगा है कि प्रयागराज MahaKumbh 2025 के दौरान PM Narendra Modi की जगह Yogi Adityanath को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करने की तैयारी थी.

अखिलेश यादव प्रयागराज में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे. यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
वे इसे धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक कुंभ में बदलना चाहते थे. यह श्रद्धालुओं के लिए कुंभ नहीं था, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए था. महाकुंभ की विफलता के लिए CM खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने इसे BJP के आयोजन में बदलने की कोशिश की.
उनकी ये टिप्पणी प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के संदर्भ में आई, जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हो गए थे. कई विपक्षी नेताओं ने इस घटना को “VIP कल्चर” और प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा बताया था. अखिलेश यादव ने कहा कि इस आयोजन में प्रधानमंत्री पद के लिए नाम के एलान करने की योजना थी. उन्होंने दावा किया,
सुना जा रहा है कि महाकुंभ के दौरान उनके (CM योगी) नाम को प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित करने की योजना थी.
अखिलेश यादव ने इस दौरान महाकुंभ 2025 के आयोजन में गंभीर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा,
क्या आपने कभी कुंभ के दौरान टीवी चैनलों को इंटरव्यू देते देखा है? यहां ऐसी व्यवस्था की गई थी. इस पूरे कुप्रबंधन ने आयोजन पर एक बड़ा धब्बा लगा दिया है…भविष्य में आप इसे और बेहतर समझ पाएंगे. कई चीजें शायद मुझ तक न पहुंचें, लेकिन आप यहां रहते हैं - आप सच्चाई जानते हैं.
अखिलेश यादव ने योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भगदड़ में घायलों की संख्या और वित्तीय आंकड़ों में हेरफेर की गई. उन्होंने दावा किया कि पीड़ित परिवारों पर मृत्यु प्रमाण पत्र में बदलाव करने का दबाव भी डाला गया. उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रोन और CCTV या तो बंद कर दिए गए हैं या बेकार छोड़ दिए गए हैं, जिससे जवाबदेही और तैयारियों पर और सवाल उठ रहे हैं.
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