बीजिंग में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल (Ajit Doval) और चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) की मुलाकात हुई. दोनो देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुए ‘डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट’ के नतीजों पर बातचीत की. 2019 के बाद से ये इस तरह की पहली सीमा वार्ता थी जिसमें कोई विशेष नेता या अधिकारी (SRs) शामिल थे.
चीनी विदेश मंत्री से मिले अजित डोभाल, सीमा विवाद को लेकर ये बात हुई
इस बातचीत में China और India के बीच डायरेक्ट फ्लाइट और पत्रकारों के एक्सचेंज का उल्लेख नहीं किया गया. ये वैसे मुद्दे हैं जिस पर पिछले महीने रियो डी जेनेरियो में विदेश मंत्री S Jaishankar और Wang Yi की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई थी.
बातचीत के दौरान डोभाल और वांग ने कहा कि LAC पर चार साल लंबे सैन्य गतिरोध से सबक लेना चाहिए. ताकि सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे. उन्होंने उन दूसरे कारणों पर भी बात की जो इस सीमा तनाव से प्रभावित हुए थे. इसमें भारत से तिब्बत तक कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, ट्रांस-बॉर्डर नदियों पर डेटा साझा करना और सीमा व्यापार शामिल है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा,
“अजित डोभाल और वांग यी, चर्चा के दौरान छह-सूत्री सहमति पर पहुंचे. इसके तहत सीमाओं पर शांति बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे.”
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हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने ‘छह-सूत्री सहमति’ का उल्लेख नहीं किया. लेकिन एक्सचेंज के अधिकांश बिंदुओं को दोहराया. चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्षों ने 2005 में सीमा मुद्दे पर समाधान की तलाश शुरू की.
द हिंदू कि रिपोर्ट के मुताबिक, इस बातचीत में डायरेक्ट फ्लाइट और पत्रकारों के एक्सचेंज का उल्लेख नहीं किया गया. ये वैसे मुद्दे हैं जिस पर पिछले महीने रियो डी जेनेरियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग वी की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई थी. हालांकि, बीजिंग में डोभाल और चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग की बीच हुई बैठक के बाद एक अधिकारिक बयान में ‘आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यापार’ क्षेत्रों में आदान-प्रदान को जोर दिया गया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,
“साल 2020 में पश्चिमी क्षेत्र में टकराव होने के बाद ये विशेष प्रतिनिधियों (SRs) की पहली बैठक थी. विशेष प्रतिनिधियों ने अक्टूबर 2024 के नवीनतम ‘डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट' पर कार्रवाई के लिए सकारात्मक पुष्टि की है.”
इस बयान में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया का जिक्र किया गया. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है,
“2020 की घटनाओं से सीख लेते हुए, उन्होंने सीमा पर शांति बनाए रखने और प्रभावी सीमा प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए कई उपायों पर चर्चा की.”
उन्होंने LAC पर शांति और स्थिरता के महत्व पर चर्चा की ताकि बॉर्डर के मुद्दे पर कोई बाधा ना आए.
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