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'एयर इंडिया ने व्हीलचेयर नहीं दी, 82 साल की महिला गिरीं, अब ICU में', आरोप पर एयरलाइन क्या बोली?

महिला के परिवार ने कहा है कि उन्होंने बुजुर्ग के लिए व्हीलचेयर की बुकिंग की थी. लेकिन Air India की लापरवाही के कारण उनको समय पर व्हीलचेयर नहीं मिली. महिला पैदल नहीं चल पाईं, गिर गईं. फिलहाल वो ICU में हैं. इस पूरे मामले पर एयर इंडिया की भी प्रतिक्रिया आई है.

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इस पूरे मामले पर एयर इंडिया का भी जवाब आया है. (तस्वीर: सोशल मीडिया)

एयर इंडिया पर आरोप लगे हैं कि उनकी लापरवाही के कारण 82 साल की एक महिला को ICU में भर्ती होना पड़ा है. उनकी हालत गंभीर है. महिला एक लेफ्टिनेंट जनरल की विधवा हैं. रिपोर्ट है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर उनको व्हीलचेयर (Air India Wheelchair) उपलब्ध नहीं कराई गई. व्हीलचेयर के लिए पहले से बुकिंग की गई थी. बुजुर्ग महिला को पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके परिवार ने दावा किया है कि वो कुछ दूर तो चल पाईं, लेकिन फिर हिम्मत हार गईं और गिर गईं. 

सोशल मीडिया X पर महिला की पोती पारुल कंवर ने इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने लिखा,

मैं ये पोस्ट कर रही हूं क्योंकि मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है. क्योंकि मैं इस बात से नाराज हूं कि इंसानों के जीवन का मूल्य इतना कम हो गया है. एयरइंडिया, आपने मेरी दादी के साथ इतना बुरा किया, और उनको सम्मान भी नहीं दिया. आपको शर्म आनी चाहिए. 4 मार्च, 2025 को दिल्ली से बेंगलुरु वापस जाने के लिए, हमने अपनी 82 साल की दादी के लिए पहले से ही व्हीलचेयर बुक कर ली थी. (मेरी दादी एक सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल की विधवा हैं. मेरे दादा ने भारत के लिए कई युद्ध लड़े). एयरलाइन ने व्हीलचेयर की पुष्टि भी की थी. एयरपोर्ट पर पहुंचने पर, उन्हें व्हीलचेयर नहीं दी गई. हमने एयरलाइन स्टाफ, एयरपोर्ट हेल्प डेस्क, वैकल्पिक एयरलाइन स्टाफ से अनुरोध करते हुए लगभग एक घंटे तक कोशिश की.

उन्होंने आगे लिखा,

इंडिगो के पास संयोग से एक व्हीलचेयर थी, लेकिन उन्होंने शेयर नहीं की. कोई अन्य विकल्प न होने के कारण, इस वृद्ध महिला ने अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से धीरे-धीरे पार्किंग की 3 लेन को पार किया. वो पैदल ही किसी तरह एयरपोर्ट के भीतर पहुंचीं. फिर भी कोई व्हीलचेयर या सहायता नहीं की गई. अंत में उनके पैर जवाब दे गए, और वो गिर गईं. वो एयर इंडिया प्रीमियम इकॉनमी काउंटर के सामने गिरीं. कोई भी व्यक्ति मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा. हमने किसी से प्राथमिक उपचार दिलाने में मदद करने का अनुरोध किया- कोई मदद नहीं मिली. अंत में, व्हीलचेयर दी गई, और उन्हें बिना किसी मेडिकल जांच के तुरंत ही प्लेन पर चढ़ा दिया गया.

इसके बाद पीड़िता की तबीयत खराब होने लगी. पारुल कंवर ने लिखा,

उनके होंठ से खून बह रहा था और सिर और नाक पर चोट लगी थी. फ्लाइट क्रू ने आइस पैक से मदद की. मेडिकल हेल्प के लिए उन्होंने बेंगलुरु एयरपोर्ट को पहले ही फोन कर दिया था. वहां उन्हें एक डॉक्टर ने देखा और 2 टांके लगाए. आज, मैं यहां ICU से ये टाइप कर रही हूं. मस्तिष्क में खून बहाव की संभावना के कारण वो 2 दिनों से डॉक्टरों की निगरानी में हैं. उनका बायां हिस्सा कमजोर हो रहा है. हमें लगता है इस दर्द की रिकवरी में लंबा समय लगेगा. उनके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था. हमने DGCA और एयर इंडिया में शिकायत दर्ज कराई है और कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं.

कंवर ने बुजुर्ग महिला की 3 मार्च की तस्वीरें भी शेयर की हैं. उन्होंने बताया है कि अपने पोते की शादी में महिला बिल्कुल स्वस्थ थीं. इसके बाद 4 और 5 मार्च की तस्वीरों में उनकी हालत गंभीर दिख रही है. 

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एयर इंडिया का जवाब

एयरलाइन कंपनी ने सोशल मीडिया पर पारुल कंवर से कहा कि वो उनसे कॉल पर बात करेंगे. हालांकि, पारुल इससे संतुष्ट नहीं थीं. उन्होंने लिखा कि बिना जांच-पड़ताल किए सिर्फ बहाने बनाने के लिए उनको फोन ना किया जाए. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने भी एक बयान जारी किया. उन्होंने बताया,

हम महिला के साथ पूरी तरह से सहानुभूति रखते हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. हम अपनी जांच के आधार पर निम्नलिखित बातें बताना चाहेंगे- 

  • यात्री अपने परिवार के सदस्यों के साथ यात्रा कर रही थीं. वो टर्मिनल पर देरी से पहुंची थीं. प्रस्थान से 2 घंटे पहले पहुंचने की सलाह दी जाती है.
  • यात्री के साथ आए परिवार के लोग, व्हीलचेयर के अनुरोध के लिए डिपार्चर से 90 मिनट से भी कम समय पहले टिकटिंग कार्यालय के पास पहुंचे थे. उस समय ज्यादा डिमांड के कारण, उनको 15 मिनट के भीतर व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई जा सकी.
  • व्हीलचेयर के लिए एक घंटे तक इंतजार करने का दावा निराधार है. घटना को देखते हुए, दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ-साथ ड्यूटी पर मौजूद एयरपोर्ट डॉक्टर ने तुरंत उनका इलाज किया और प्राथमिक उपचार दिया.
  • डॉक्टर की ओर से अतिरिक्त चिकित्सा सहायता देने की बात की गई थी. लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया. परिवार के सदस्यों ने बेंगलुरु की अपनी यात्रा जारी रखने पर जोर दिया.
  • इस प्रक्रिया के दौरान, एयर इंडिया के कर्मचारी विनम्र थे, उन्हें तत्काल चेक-इन से लेकर प्राथमिकता सुरक्षा जांच और बोर्डिंग तक ले गए. दिल्ली से बेंगलुरु की उड़ान के दौरान यात्री को हर संभव देखभाल भी प्रदान की गई.
  • बेंगलुरु पहुंचने पर, परिवार के सदस्यों के अनुरोध के अनुसार, उनको आगे की चिकित्सा सहायता दी गई.

एयरलाइन कंपनी ने दावा किया है कि यात्री को किसी भी समय व्हीलचेयर या किसी अन्य सहायता से इनकार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कंपनी ने महिला के परिवार से संपर्क किया है.

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