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यूपी के कई जिलों में प्रदूषण, लेकिन आगरा में उतना नहीं था, असली झोल तो अब पता चला

Agra के एक वीडियो में दिखा कि एक छत पर लगे एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जा रहा था.

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ताजमहल के लिए प्रसिद्ध आगरा में नगर निगम की छत पर लगा एक यंत्र चर्चा में है. (तस्वीर:इंडिया टुडे/सोशल मीडिया)

नवंबर का महीना आते ही उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इसके बढ़ने की कई वज़हें बताई जाती रही हैं. प्रदूषण मापने वाला मीटर AQI नवंबर में अस्थिर रहता है. लेकिन यूपी के आगरा में इसे ‘स्थिर’ बनाने के लिए एक टेक्निक अपनाई गई, जिसका वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में एक छत पर लगे एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे AQI कम होने की खुशफहमी तो मिल जाएगी, लेकिन प्रदूषण की असली तस्वीर वही रहेगी. वीडियो वायरल होने पर प्रदूषण बोर्ड हरकत में आया और स्प्रिंकलर को छत से हटा दिया गया.

नगर निगम की छत से हो रहा था छिड़काव

उत्तर प्रदेश का शहर आगरा. वहीं, जहां देश-दुनिया से पर्यटक ताज़ (ताजमहल) का दीदार करने आते हैं. प्रेम की निशानी ताजमहल का शहर आगरा आज प्रदूषण के कारण चर्चा में है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक छत पर लगे स्वचालित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इस सेटअप ने कथित तौर पर AQI के आंकड़े को कम कर दिया यानी जितना असल में प्रदूषण है उससे कम करके दिखाया गया, लेकिन इससे क्षेत्र में वास्तविक वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ.आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में नज़र आ रही छत आगरा नगर निगम की है और वहां ये काम पिछले 5 दिन से चल रहा था.

वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में

आगरा नगर निगम की छत का वीडियो वायरल होते ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने मामले का संज्ञान लिया. UPPCB के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ विश्वनाथ शर्मा और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया. जब टीम ने जांच पड़ताल की तो ये स्पष्ट हुआ कि स्प्रिंकलर को आगरा नगर निगम की तरफ से लगाया गया था. उसके बाद स्प्रिंकलर को हटाने का तुरंत आदेश हुआ. स्प्रिंकलर को हटा दिया गया.

आजतक से जुड़े आगरा के पत्रकार अरविंद शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार, 

“नगर निगम की दीवार पर बॉटेनिकल गार्डन बनाया गया था जिसपर लगे पौधे सूख रहे थे. इन पौधों को पानी की जरूरत थी. उस आवश्यक्ता को पूरा करने के लिए ये स्प्रिंकलर स्थापित किया गया था. लेकिन इसके कारण तमाम ऐसे सवाल खड़े होने लगे कि स्प्रिंकलर की वजह से प्रदूषण के आंकड़ों को कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा.”

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स्प्रिंकलर का असर दिखा भी

नगर निगम की छत पर लगे इस अनोखे यंत्र से जो हुआ, उसका असर AQI के आंकड़ों में भी देखने को मिला. जिस जगह ये स्प्रिंकलर चल रहा था तो उस जगह का AQI 11 नवंबर को 127 और 12 नवंबर को 138 था. जबकि उससे एक सप्ताह पहले यानी 4 नवंबर को AQI 172 और 5 नवंबर को AQI 210 था. स्प्रिंकलर की घटना से उठे विवाद ने आगरा नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल तो खड़ा कर ही दिया है.

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