तेलंगाना के एक 23 साल के छात्र की अमेरिका में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि छात्र के जन्मदिन पर उसकी बंदूक से गलती से गोली चल गई, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना 13 नवंबर को हुई है. मृतक का शव आज रात तेलंगाना पहुंचने की उम्मीद है.
अमेरिका पढ़ने गए भारतीय छात्र ने हंटिंग गन ले ली, बर्थडे पर उसी से चली गोली से मौत
मृतक का नाम आर्यन रेड्डी है. वह तेलंगाना के उप्पल का रहने वाला था. जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि आर्यन ने अमेरिका में हंटिंग गन (शिकार के लिए ली गई बंदूक) का लाइसेंस प्राप्त किया था.
इंडिया टुडे से जुड़े अब्दुल बशीर के इनपुट्स के मुताबिक मृतक का नाम आर्यन रेड्डी है. वह तेलंगाना के उप्पल का रहने वाला था. जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि आर्यन ने अमेरिका में हंटिंग गन (शिकार के लिए ली गई बंदूक) का लाइसेंस लिया हुआ था.
बताया जा रहा है कि आर्यन अपने जन्मदिन पर उसी बंदूक का इस्तेमाल कर रहा था, तभी गलती से गोली चल गई. और उसकी मौत हो गई. मीडिया से बात करते हुए आर्यन के पिता सुदर्शन रेड्डी ने गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को समझाएं कि विदेश में पढ़ाई के दौरान बंदूक का लाइसेंस मिलने को लेकर सावधानी बरतें. उन्होंने कहा,
"हमें नहीं पता था कि छात्र वहां शिकार के लिए बंदूक का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. किसी भी माता-पिता को कभी भी ऐसी त्रासदी का सामना नहीं करना चाहिए."
इस बीच, हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने एक डेटा शेयर किया है. डेटा में दिए आंकड़ों से पता चला है कि साल 2023-24 में भारत से सबसे ज्यादा छात्र अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए भेजे गए हैं. पहले टॉप पर चीन था. इस साल भारत ने उसे पीछे छोड़ दिया है. सबसे ज्यादा छात्र आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से भेजे गए हैं. इन दो राज्यों से लगभग 56 प्रतिशत भारतीय छात्र अमेरिका गए हैं. तेलंगाना से 34 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश से 22 प्रतिशत.
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हैदराबाद स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के प्रमुख रेबेका ड्रेम ने बताया कि साल 2024 में 47,000 से अधिक छात्र वीजा इंटरव्यू के लिए आए थे. जबकि साल 2023 में यह संख्या 35,000 थी. पब्लिक अफेयर ऑफिसर अलेक्जेंडर मैकलारेन ने वीजा की मांग पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने पिछले साल लगभग 3.3 लाख छात्रों को अमेरिका भेजा था, जिनमें से ज्यादातर मास्टर डिग्री हासिल कर रहे थे.
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