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वज़न घटाने के बाद शरीर का एक्स्ट्रा फैट कहां चला जाता है? एक्सपर्ट ने सब समझा दिया

वज़न घटाने के लिए हमें कैलोरी डेफिसिट करना पड़ता है. कैलोरी डेफिसिट होने पर शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है. तब शरीर उस कमी की भरपाई के लिए फैट का इस्तेमाल करता है.

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फैट लॉस करना है तो कैलोरी कम लें और बर्न ज़्यादा करें

एक यूट्यूबर हैं निकोलस पैरी. बड़े नामी-गिरामी. लोग उन्हें निकोकाडो एवोकाडो नाम से भी जानते हैं. वो खाने से जुड़ी वीडियोज़ बनाते हैं. निकोलस इन दिनों बड़ी चर्चा में हैं. दरअसल उन्होंने करीब 114 किलो वज़न घटाया है. वो भी पिछले दो सालों में. लेकिन, उनके फैंस, उनके फॉलोअर्स को इसकी भनक तक नहीं लगी.

असल में निकोलस अपने चैनल पर पहले रिकॉर्ड की गई वीडियोज़ डाल रहे थे. फिर जब उन्होंने अपनी लेटेस्ट वीडियो डाली तो सनसनी मच गई. लोग उनके मेकओवर को देखकर शॉक्ड हैं और उनकी तारीफ भी कर रहे हैं.

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निकोकाडो एवोकाडो की पहले और बाद की तस्वीर

वैसे निकोलस पैरी को देखकर सोच में तो हम भी पड़े. कुछ सवाल हमारे मन में भी आने लगे. अव्वल तो ये कि शरीर में जो फैट यानी चर्बी जमा होती है. जैसे हमारे पेट, कमर, जांघों, और चेहरे पर. वो घटकर आखिर जाती कहां है? क्या होता है उसका? वो शरीर से बाहर कैसे निकलती है?

अपने इन्हीं सवालों के जवाब आज हम पता करेंगे. एक्सपर्ट से जानेंगे कि फैट लॉस कैसे होता है. जब हम वेट लॉस करते हैं तो शरीर की चर्बी जाती कहां है? सबसे पहले शरीर के किस हिस्से से वज़न घटता है. और, वज़न घटाने के लिए अपना मेटाबॉलिज़्म कैसे ठीक रखें? 

फैट लॉस कैसे होता है?

ये हमें बताया फिटनेस एक्सपर्ट कुशल पाल सिंह ने. 

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कुशल पाल सिंह, फिटनेस एंड परफॉर्मेंस एक्सपर्ट, एनीटाइम फिटनेस

फैट लॉस करने का एकमात्र तरीका कैलोरी या एनर्जी डेफिसिट पैदा करना है. यानी कैलोरी कम लें और बर्न ज़्यादा करें. जब हम एनर्जी डेफिसिट करते हैं, तब हमारा शरीर और उसके ज़रूरी अंग काम करना बंद नहीं करते. बल्कि एनर्जी की कमी होने पर हमारा शरीर फैट से ऊर्जा लेता है. ऐसा लंबे समय तक करने से फैट लॉस होता है. 

जब हम वेट लॉस करते हैं तो मौजूदा चर्बी कहां जाती है?

वज़न घटाने के लिए हमें कैलोरी डेफिसिट करना पड़ता है. कैलोरी डेफिसिट होने पर शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है. तब हमारा शरीर उस कमी की भरपाई के लिए फैट का इस्तेमाल करता है. जब शरीर फैट को एनर्जी में बदलता है तो उसके दो बाय-प्रोडक्ट बनते हैं. पहला बाय-प्रोडक्ट कार्बन डाईऑक्साइड है. करीब 85 फीसदी कार्बन डाईऑक्साइड जेनरेट होता है. जो सांस बाहर छोड़ने पर शरीर से निकल जाता है.

इसके अलावा लगभग 15 प्रतिशत पानी भी शरीर से रिलीज़ होता है. जो पसीने या यूरिन के ज़रिए बाहर निकल जाता है. यानी फैट को तोड़ने के बाद शरीर कार्बन डाईऑक्साइड और पानी के रूप में चर्बी को बाहर निकाल देता है. 

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वेट लॉस शरीर के एक हिस्से से नहीं, बल्कि पूरे शरीर से एक साथ होता है

सबसे पहले शरीर के किस हिस्से से वज़न घटता है?

शरीर के किसी स्पॉट या किसी एक अंग से फैट लॉस नहीं होता बल्कि पूरे शरीर से होता है. हालांकि कुछ फैक्टर्स हैं जो फैट लॉस पर असर डालते हैं. जैसे जेनेटिक्स, हॉर्मोन्स का बैलेंस और शारीरिक बनावट. फैट लॉस कैसे होगा, ये इन्हीं फैक्टर्स पर निर्भर करता है. आमतौर पर, पुरुषों में पेट के आसपास विज़िबल फैट लॉस होता है. वहीं महिलाओं में कूल्हों या जांघ के पास फैट लॉस होता है. हालांकि ऐसा सबके साथ हो, ये ज़रूरी नहीं है. हर किसी में फैट लॉस अलग-अलग हिस्सों से होता है.

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मेटाबॉलिज़्म ठीक रखने के लिए हेल्दी डाइट लें

अपना मेटाबॉलिज़्म ठीक रखने के लिए क्या करें?

मेटाबॉलिज़्म ठीक रखने के लिए हेल्दी डाइट लें. जितना शरीर को ज़रूरत है, उतना खाना खाएं. आपका कैलोरी इनटेक ठीक होना चाहिए. खाने में प्रोटीन, फाइबर, फल और सब्ज़ियां पर्याप्त मात्रा में हों. 

इसके अलावा फिज़िकल एक्टिविटी करें. आप अपने फिटनेस लेवल के आधार पर कार्डियो, वेट ट्रेनिंग या HIIT यानी हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग कर सकते हैं. मेटाबॉलिज़्म ठीक रखने के लिए नींद भी ज़रूरी है. रोज़ कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें. ये रिकवरी में हमारी मदद करती है. 

आपका हाइड्रेशन लेवल भी मेंटेन होना चाहिए. अगर आप हाइड्रेटेड होंगे तो आपका मेटाबॉलिज़्म लेवल भी हाई रहेगा. लिहाज़ा खूब पानी पिएं. साथ ही, स्ट्रेस न लें. ये मेटाबॉलिज़्म पर बुरा असर डालता है. आपको स्ट्रेस मैनेज करना आना चाहिए. स्ट्रेस मैनेज करने में योग और मेडिटेशन जैसी एक्टिविटीज़ बहुत मदद करती हैं. 

अगर आप अपना वज़न घटाना चाहते हैं, तो आपको अपने कैलोरी इनटेक पर ध्यान देना होगा. इसका मतलब ये नहीं कि आप खुद को भूखा रखें. हेल्दी खाइए ताकि शरीर में पोषण की कमी न हो. पर ज़्यादा मत खाइए. एक्सरसाइज ज़रूर करिए ताकि खाने से मिलने वाली कैलोरी बर्न हो. तभी आपका वेट लॉस टिका रहेगा.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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