जब भी दो लोग आपस में शादी करने का फ़ैसला करते हैं तो बहुत सारी चीज़ें डिस्कस की जाती हैं. कुंडलियां मिलाई जाती हैं. बैकग्राउंड भी चेक होता है. कौन कितना कमाता है, इस पर बातचीत होती है. आगे ज़िंदगी कैसे बितानी है, ये प्लान किया जाता है. बच्चे पैदा करने हैं या नहीं. करने हैं तो कब करने हैं. इन सबके बारे में शादी से पहले खुलकर बात कर ली जाती है ताकि आगे कोई समस्या न हो.
शादी से पहले ये मेडिकल टेस्ट नहीं करवाए तो आगे पछताना पड़ सकता है
हर जोड़े का जेनेटिक टेस्ट होना ज़रूरी है ताकि बच्चे में जेनेटिक समस्याएं न आएं.
मगर सबसे ज़रूरी जो चीज़ है, उस पर कोई ध्यान नहीं देता. जिसका असर आगे जाकर आपकी पूरी ज़िंदगी पर पड़ेगा. हम बात कर रहे हैं कुछ टेस्ट की जो हर जोड़े को शादी से पहले करवाने ही चाहिए. ये टेस्ट इसलिए ज़रूरी हैं ताकि आगे जाकर आपको कोई झटका न लगे. अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान करते हैं तो उस वक़्त आपको समस्या न हो. यही नहीं, ये टेस्ट आपके होने वाले बच्चे की सेहत के राज़ भी खोल देते हैं. ऐसे में आज डॉक्टर से समझेंगे कि शादी से पहले कौन से टेस्ट ज़रूर करवाने चाहिए और इनमें कितना खर्चा आता है.
शादी से पहले कौन-से टेस्ट हैं ज़रूरी?
ये हमें बताया डॉक्टर अमोदिता आहूजा ने.
सबसे ज़रूरी हैं जेनेटिक टेस्ट (Genetic Test). हर जोड़े का जेनेटिक टेस्ट होना ज़रूरी है ताकि बच्चे में जेनेटिक समस्याएं न आएं. थैलेसीमिया (Thalassemia) का टेस्ट करवाना बहुत ज़रूरी है. थैलेसीमिया एक खून की बीमारी है. अगर मां-बाप दोनों में इस बीमारी के लक्षण हैं. तब बच्चों में ये बीमारी भयानक रूप ले सकती है. इसलिए थैलेसीमिया का टेस्ट करवाना बहुत ज़रूरी है.
दूसरा टेस्ट है सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस का. जैसे HIV. HBsAg टेस्ट यानी हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और हेपेटाइटिस ई. ये सारे टेस्ट भी दोनों को करवाने चाहिए. महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट ( pap smear test) करवाना चाहिए. इससे पता चलता है कि सर्विकल कैंसर का आगे जाकर कोई चांस तो नहीं है. फ़ुल बॉडी चेकअप, अल्ट्रासाउंड भी बहुत ज़रूरी हैं. इनसे पता चलता है कि आगे जाकर प्रेग्नेंसी होने में कोई समस्या तो नहीं होगी इसलिए ये टेस्ट बेहद ज़रूरी हैं.
खर्चा
फ़ुल बॉडी चेकअप, अल्ट्रासाउंड, जेनेटिक टेस्ट, कैरियोटाइपिंग टेस्ट और थैलेसीमिया टेस्ट को करवाने में 20-25 हज़ार रुपये का खर्चा आता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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