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बेहद खतरनाक है हाशिमोटो रोग, एक्टर अर्जुन कपूर इससे बहुत परेशान हैं!

Hashimoto's Disease एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जो हमारी थायरॉइड ग्रंथि पर असर डालता है.

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बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर

Bollywood Actor Arjun Kapoor ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें Hashimoto's Thyroiditis है. आम बोलचाल की भाषा में इसे Hashimoto's Disease (हाशिमोटो रोग) भी कहते हैं. ये एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है. जो हमारी थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) पर असर डालता है. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) यानी जब अपनी ही इम्यूनिटी शरीर की दुश्मन बन जाए और खुद को नुकसान पहुंचाने लगे. इम्यून सिस्टम शरीर के हेल्दी सेल्स पर हमला करने लगता है. और उन्हें दुश्मन समझकर उनके खात्मे में जुट जाता है.

इस बीमारी के बारे में हमें और जानकारी दी डॉक्टर हिमिका चावला ने.

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डॉ. हिमिका चावला, कंसल्टेंट, एंडोक्राइनोलॉजी, पीएसआरआई हॉस्पिटल

क्या है Hashimoto's Disease?

डॉक्टर हिमिका बताती हैं कि Hashimoto's Disease, थायरॉइड से जुड़ी बीमारी है. थायरॉइड एक ग्रंथि है, यानी ग्लैंड जो हमारे गले में होती है. ये तितली के आकार की होती है.

अब जिन्हें Hashimoto's Disease होती है, उनके शरीर के वाइट ब्लड सेल्स और एंटीबॉडीज़, थायरॉइड ग्रंथि के हेल्दी सेल्स पर हमला करने लगते हैं. वैसे WBC यानी वाइट ब्लड सेल्स ही हमें बीमारियों और इन्फेक्शन से बचाते हैं. मगर इस बीमारी में ये शरीर के दुश्मन बन जाते हैं. अब चूंकि Hashimoto's Disease भी एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है. तो, इसमें भी शरीर का इम्यून सिस्टम थायरॉइड ग्रंथि के हेल्दी सेल्स पर अटैक कर देता है. इससे थायरॉइड ग्रंथि सही से काम नहीं कर पाती और शरीर को नुकसान पहुंचता है.

क्यों होती है Hashimoto's Disease?

Hashimoto's Disease होती क्यों है, ये अभी तक मालूम नहीं चल सका है. लेकिन माना जाता है कि ये हमारे जीन्स और लाइफस्टाइल की वजह से होती है. ये बीमारी किसी को भी हो सकती है. हालांकि महिलाओं, खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं में इसका रिस्क ज़्यादा होता है. वहीं जिनके घर में ऑटोइम्यून बीमारियों की हिस्ट्री है, उनमें भी इसका चांस बढ़ जाता है. अर्जुन कपूर के केस में उनकी मां को भी Hashimoto's disease थी और उनकी बहन को भी है.

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मरीज़ को कब्ज़ की शिकायत रहती है

लक्षण

इसके लक्षणों की बात करें तो मरीज़ को कब्ज़ की शिकायत रहती है. उसका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है. स्किन ड्राई हो जाती है. मांसपेशियों में कमज़ोरी, दर्द और जकड़न रहती है. जोड़ों में भी दर्द होता है. चेहरा फूल जाता है. जीभ मोटी हो जाती है. बाल झड़ने लगते हैं. थकान और सुस्ती रहती है. ठंड के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है. डिप्रेशन होने लगता है. याद्दाश्त और फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें भी होने लगती हैं. महिलाओं के पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं. उन्हें हेवी पीरियड्स होते हैं.

Hashimoto's Disease धीरे-धीरे बढ़ती है. हो सकता है कि मरीज़ को इस बीमारी के लक्षण बहुत सालों बाद दिखाई दें. इससे पीड़ित लोगों की थायरॉइड ग्रंथि का साइज़ भी बढ़ जाता है. जिससे उनकी गर्दन का आगे वाला हिस्सा सूज जाता है. इस सूजे हिस्से में आमतौर पर दर्द नहीं होता. लेकिन खाना निगलने में दिक्कत होती है.

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Hashimoto's Disease से जुड़ा कोई भी लक्षण है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

बचाव और इलाज

डॉक्टर हिमिका आगे बताती हैं कि अगर किसी को Hashimoto's Disease से जुड़ा कोई भी लक्षण है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. वो आपके कुछ ब्लड टेस्ट करेंगे. अगर आपमें ये ऑटोइम्यून डिसऑर्डर पाया गया तो इलाज के लिए कुछ दवाइयां दी जाएंगी. थायरॉइड हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी की जा सकती है.

अगर इसका समय पर इलाज न हो तो कुछ कॉम्प्लिकेशंस भी हो सकते हैं. जैसे दिल की बीमारियां, हाई कोलेस्ट्रॉल, एनीमिया, डिप्रेशन, मूड स्विंग्स, लिबिडो यानी कामेच्छा में कमी आना और हमेशा कन्फ्यूज़न रहना. इसलिए समय रहते डॉक्टर से ज़रूर मिलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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