The Lallantop

क्या आप शादी के ख्याल से भी डरते हैं? ये भी एक फोबिया है

कुछ लोग प्यार तो शिद्दत से करते हैं, पर शादी का नाम सुनकर उनके पसीने छूट जाते हैं.

post-main-image
किसी भी मानसिक स्थिति के पीछे जेनेटिक, बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल कारण हो सकते हैं

कुछ लोग प्यार तो शिद्दत से करते हैं, पर शादी का नाम सुनकर उनके पसीने छूट जाते हैं.

शादी से, लॉन्ग टर्म कमिटमेंट के इस डर को‘गैमोफोबिया’ कहते हैं. ये ऐसा वैसा डर नहीं है, बाकायदा फ़ोबिया है. बहुत लोग अलग-अलग कारणों से इससे जूझते हैं.

शादी से, इस कमिटमेंट से डर क्यों लगता है. यही जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे कि गैमोफ़ोबिया क्या है. ये क्यों होता है और इसका तोड़ क्या है.

गैमोफ़ोबिया क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ. स्नेहा शर्मा ने.

Dr. Sneha Sharma - Addiction Psychiatrist in Delhi - Book Online Appointment
डॉ. स्नेहा शर्मा, कंसल्टेंट, साइकेट्री, आकाश हेल्थकेयर

- गैमो का मतलब है शादी या रिलेशनशिप

- वहीं फोबिया का मतलब होता है डर

- गैमोफ़ोबिया यानी जब किसी को शादी या लंबे रिलेशनशिप (कमिटमेंट) से बहुत ज़्यादा डर लगने लगे

- ये डर सामान्य चिंता से कहीं बढ़कर होता है

- गैमोफ़ोबिया में व्यक्ति को घबराहट होने लगती है

- उसे शादी या कमिटमेंट की बारे में सोचकर बहुत बेचैनी होती है

- मन में डर बैठ जाता है, इस डर का कोई ठोस कारण नहीं होता

- इस वजह से लोग अक्सर शादी या रिलेशनशिप से दूर भागने लगते हैं

गैमोफ़ोबिया क्यों होता है?

- किसी भी मानसिक स्थिति के पीछे जेनेटिक, बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल कारण हो सकते हैं

- अगर परिवार में पहले से ही एंग्ज़ायटी या डर जैसी मानसिक समस्याएं रही हैं, तो गैमोफ़ोबिया होने का चांस बढ़ जाता है

- अगर व्यक्ति ने दूसरों की रिलेशनशिप या शादी में बहुत ज़्यादा दिक्कतें देखी हैं

- या उसके खुद के रिलेशनशिप के अनुभव बहुत ज़्यादा खराब रहे हैं

- तो, इससे जुड़ी चिंताएं मन में घर कर जाती हैं और गैमोफ़ोबिया हो सकता है

- कुछ लोग परफेक्शनिस्ट होते हैं या उन्हें हार का डर होता है

- ऐसे लोग सोचते हैं कि शादी जैसी चीज़ एकदम परफेक्ट होनी चाहिए

- अब क्योंकि शादी में दो लोग शामिल होते हैं, उन्हें लगता है कि चीज़ें बिगड़ सकती हैं

- ये सोच उन्हें चिंता में डाल देती है और वो शादी के नाम से डर जाते हैं

Difference between Court Marriage and Registry Marriage
 किसी भी मानसिक स्थिति के पीछे जेनेटिक, बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल कारण हो सकते हैं

- हर इंसान का रिश्ते निभाने का अपना तरीका होता है

- जो लोग दूसरों से दूरी बनाकर रखते हैं, या रिश्ते को लेकर बहुत ज़्यादा चिंता करते हैं

- ऐसे लोगों में गैमोफ़ोबिया होने का चांस ज़्यादा होता है

गैमोफ़ोबिया का इलाज

- बहुत ज़्यादा चिंता या एंग्ज़ायटी से जुड़े डिसऑर्डर्स में थेरेपी मदद कर सकती है

- खासकर अगर किसी का पिछला अनुभव निगेटिव या बहुत डराने वाला रहा हो

-या उसे लोगों से भावनात्मक जुड़ाव रखने में दिक्कतें आती हों

- ऐसे मामलों में थेरेपी काफ़ी असरदार साबित हो सकती है

- थेरेपी में मनोचिकित्सक आपके डर को समझते हैं और उसे दूर करने के तरीके बताते हैं

- अगर चिंता बहुत ज़्यादा हो, तो टॉक थेरेपी फायदेमंद होती है

- कुछ मामलों में दवाइयों की भी ज़रूरत पड़ सकती है

- दवाएं घबराहट, बेचैनी जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं और लंबे समय में फायदा पहुंचा सकती हैं

देखिए, शादी या कमिटमेंट से थोड़ा-बहुत डर सबको लगता है. जब आप एक नए रिश्ते में जाते हैं, तो तमाम चुनौतियां होती हैं. इसलिए, हल्का-फुल्का डर लगना जायज़ है. लेकिन, अगर आपको शादी के नाम से घबराहट होने लगे. चिंता से दिमाग फटने लगे. तो ये फ़ोबिया की निशानी है. इसलिए किसी थेरेपिस्ट से ज़रूर मिलिए. हो सकता है, आप भी गैमोफ़ोबिया से जूझ रहे हों. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
 

वीडियो: सेहत: शरीर में 'हैप्पी हौर्मोम्स' कैसे बढ़ाएं, डॉक्टर से जानते हैं