जब कोई कम पानी पीता है तो उसके यूरिन यानी पेशाब का रंग बदल जाता है. वो हल्के पीले से गाढ़ा पीला हो जाता है. जब कोई ज़्यादा पानी पीता है. तो भी यूरिन का रंग बदल जाता है. वो हल्के पीले से एकदम साफ हो जाता है. बिल्कुल पानी जैसा.
यूरिन में लगातार झाग आना किन बीमारियों का लक्षण, डॉक्टर ने बताया!
अगर यूरिन में कई दिनों से झाग आ रहा है, तो ये बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है. ऐसे में यूरिन की जांच कराना ज़रूरी है.

यूरिन से जुड़ी ये वो दो बेसिक बातें हैं. जो हममें से ज़्यादातर लोगों को पता हैं. अब कई बार यूरिन का रंग तो नहीं बदलता. मगर फिर भी वो नॉर्मल से कुछ अलग हो जाता है. उसमें झाग उठता है. बुलबुले होते हैं. कई लोगों ने ऐसा नोटिस भी किया होगा. मगर इस पर ध्यान नहीं दिया होगा.
आपको पता है, यूरिन में झाग बनना ठीक नहीं है. लेकिन, क्यों बनता है यूरिन में झाग? ये किस दिक्कत का इशारा है? सब समझेंगे आज डॉक्टर साहब से. जानेंगे कि क्या पेशाब में झाग बनना नॉर्मल है. अगर पेशाब में झाग बन रहा है, तो इसका क्या मतलब है. ऐसा होने पर कौन-से टेस्ट कराने चाहिए. और, पेशाब में झाग न बने, इसके लिए क्या करें.
क्या यूरिन में झाग बनना नॉर्मल और हेल्दी है?
ये हमें बताया डॉक्टर शलभ अग्रवाल ने.

पहले ये देखना ज़रूरी है कि क्या यूरिन में झाग आना एकलौता लक्षण है. या इसके साथ यूरिन में जलन, खून, पेट दर्द, बुखार या कोई दूसरे लक्षण भी महसूस होते हैं. ये भी देखें कि क्या आपने कोई खास दवा या नई डाइट शुरू की है; क्योंकि ये भी झाग का कारण हो सकता है. यूरिन शरीर का वेस्ट प्रोडक्ट है. मिनरल्स, केमिकल्स और अतिरिक्त पानी किडनी से फिल्टर होकर यूरिन में निकलता है. फिर यूरिन के ज़रिए ये सब शरीर से बाहर निकल जाता है. यूरिन में कई ऐसे केमिकल होते हैं, जिन्हें किसी भी टेस्ट में मापा नहीं जा सकता. हमारे लिए ये जानना ज़रूरी है कि यूरिन में झाग किडनी ख़राब होने का संकेत है या नहीं.
अगर यूरिन में झाग आना अकेला लक्षण है, तो देखें कि क्या यूरिन में झाग सिर्फ 1-2 दिन या दिन में 1-2 बार ही आया है. या फिर झाग आना 4-5 दिनों बाद रुक गया है. अगर ऐसा नहीं है और यूरिन में लगातार झाग आ रहा है. तब इसकी सही जांच होना बहुत ज़रूरी है.
अगर पेशाब में झाग बन रहा है तो इसका क्या मतलब है?
पेशाब में झाग आने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे…
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
- किडनी में स्टोन
- ब्लैडर की बीमारी
- प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारी
- स्ट्रिक्चर यानी पेशाब की नली में रुकावट
- अनियंत्रित डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर
- कुछ खास दवाओं का असर, जैसे कीमोथेरेपी या जोड़ों की दवाइयां

कौन से टेस्ट/जांच करवानी चाहिए?
यूरिन में झाग आना किडनी डैमेज का संकेत है या नहीं, इसके लिए यूरिन प्रोटीन टेस्ट कराना ज़रूरी है. यूरिन प्रोटीन के टेस्ट कई तरह के होते हैं. जैसे यूरिन माइक्रोएल्बुमिन, यूरिन टोटल प्रोटीन, 24-आवर यूरिन टेस्ट और स्पॉट यूरिन टेस्ट. इसके अलावा, कुछ ब्लड टेस्ट भी होते हैं ताकि यूरिन में झाग आने के अन्य कारणों का पता चल सके. सभी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं. खुद से टेस्ट कराकर कोई फैसला न लें. अगर यूरिन में बार-बार झाग आ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
ऐसा न हो, इसके लिए क्या करना चाहिए?
- पानी की मात्रा बढ़ाएं
- डाइट में शुगर और फैट की मात्रा घटाएं
- अगर बहुत ज़्यादा प्रोटीन खा रहे हैं, तो उसे कम करें
- फल और सब्ज़ियों से भरपूर बैलेंस्ड डाइट लीजिए
- यूरिन में झाग आने को नज़रअंदाज़ न करें
- जांच कराने के बाद इसका सही इलाज कराएं
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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