क्या जब आप सुबह सोकर उठते हैं तो आपको अपने हाथ-पैरों के जोड़ अकड़े हुए महसूस होते हैं? घुटने, एड़ियां, कंधे या कलाई हिलाने में दर्द होता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत ही आम समस्या है ये. और ज़रूरी भी नहीं कि ऐसा किसी हड्डी या मांसपेशी की बीमारी की वजह से हो रहा हो. कई बार, ऐसा हमारी रोज़ की कुछ आदतों की वजह से होता है. उनपर कंट्रोल पा लिया तो इस समस्या से आप आराम से निपट सकते हैं. पर हां, अगर ऐसा लगातार होता है तो ये अर्थराइटिस यानी गठिया की तरफ़ इशारा हो सकता है.
सुबह जोड़ों में अकड़न, दर्द महसूस होता है? डॉक्टर से जानिए इलाज
क्या जब आप सुबह सोकर उठते हैं तो आपको अपने हाथ-पैरों के जोड़ अकड़े हुए महसूस होते हैं?
सुबह जोड़ों, मांसपेशियों में होने वाली अकड़न यानी मॉर्निंग स्टिफनेस क्यों होती, ये आज हम डॉक्टर से जानेंगे. साथ ही जानेंगे इससे बचा कैसे जाए और अगर ये समस्या लगातार चल रही है तो क्या इलाज है?
सुबह जोड़ों में अकड़न क्यों महसूस होती है?ये हमें बताया डॉ. आशीष चौधरी ने.
अधिकतर मामलों में मॉर्निंग स्टिफनेस यानी सुबह जोड़ों में अकड़न थोड़े समय के लिए ही होती है. ये कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाती है. आमतौर पर जब हमारी जीवनशैली सुस्त होती है. हम लगातार AC का इस्तेमाल करते हैं. बिल्कुल भी फिज़िकल एक्टिविटी नहीं करते. कोई पुरानी बीमारी होती है. तब सुबह मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में जकड़न होना बहुत आम है.
बचाव- मरीज़ों को जीवनशैली में बदलाव करने के लिए कहा जाता है
- जैसे फिज़िकल एक्टिविटी करना
- जो लोग लगातार कई घंटे बैठकर काम करते हैं, वो बीच-बीच में ब्रेक लें
- थोड़ा चलते-फिरते रहें
- गर्म चीज़ों का सेवन करें, ये बहुत ज़रूरी है
- अगर आप गर्म पेय पदार्थ पीते हैं जैसे गर्म दूध, गर्म पानी, चाय या कॉफी
- तो ये चीज़ें शरीर के तापमान को मेंटेन करके रखती हैं
- तेल से मालिश करने पर भी बहुत फर्क पड़ता है
- योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ से भी मॉर्निंग स्टिफनेस कम होती है
अगर ये समस्या लगातार चल रही है तो क्या इलाज है?- जिन्हें हर रोज़ मॉर्निंग स्टिफनेस होती है, उन्हें अर्थराइटिस या रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकता है
- इसके कुछ खास लक्षण होते हैं
- जैसे रोज़ 45 मिनट से ज़्यादा देर तक मॉर्निंग स्टिफनेस होना
- आमतौर पर इसका सबसे ज़्यादा असर छोटे जोड़ों पर ही पड़ता है
- जैसे हाथ और पैर के छोटे जोड़
- अगर 4 से 5 जोड़ों में लगातार अकड़न होती है और रोज़ 45 मिनट से ज़्यादा महसूस होती है
- तब ये इंफ्लेमेट्री अर्थराइटिस का कोई टाइप हो सकता है
- ऐसे में डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है
- वो आपके लक्षणों को जानकर कुछ जांचें करेंगे
- इसमें कुछ ब्लड टेस्ट और X-Ray शामिल हैं
- इनसे पता चल जाता है कि व्यक्ति को इंफ्लेमेट्री या रूमेटाइड अर्थराइटिस है या नहीं
- अगर बीमारी है तो उसका समय पर पता चलना और सही इलाज कराना ज़रूरी है
- अगर अर्थराइटिस का पता न चले तो धीरे-धीरे अकड़न इतनी बढ़ जाएगी कि जोड़ों को नुकसान पहुंचने लगेगा
- ये नुकसान इतना गंभीर हो सकता है कि वो कभी ठीक नहीं होगा
- लिहाज़ा मॉर्निंग स्टिफनेस को हल्के में न लें
- खासकर अगर वो रोज़ हो रही है और पैंतालीस मिनट तक बनी है
- ऐसा होने पर डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है
- आमतौर पर सर्दियों में बहुत सारे लोगों को शरीर में जकड़न की शिकायत होती है
- अगर ऐसे मामलों में अर्थराइटिस के लक्षण न दिखें तो जीवनशैली में बदलाव करने को कहा जाता है
- जैसे रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना
- गर्म चीज़ों का सेवन करना
- AC का तापमान कंट्रोल में रखना
- सर्दियों में खुद को ढककर रखना
- इन सबसे मॉर्निंग स्टिफनेस कम होती है
- साथ ही, फिज़िकल एक्टिविटी भी रोज़ करें
- इससे लॉन्ग टर्म में जोड़ों में होने वाली जकड़न को रोकने और ठीक करने में मदद मिलेगी
मॉर्निंग स्टिफनेस का इलाज मुमकिन है. बस अपनी सुस्ती थोड़ी कम कर दें. लाइफस्टाइल एक्टिव रखें. थोड़ी कसरत करें. गर्म चीज़ें खाएं-पिएं और डॉक्टर साहब की सलाह मानें. इनसे राहत ज़रूर मिलेगी.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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