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दिल का साइज़ क्यों बढ़ जाता है और बढ़ गया तो होगा क्या?

इंसान के दिल का साइज़ लगभग एक मुट्ठी बराबर होता है.

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जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है और वो अपने ब्लड प्रेशर पर ध्यान नहीं देते, उनमें दिल का साइज़ बढ़ने का ख़तरा ज़्यादा है

इंसान के दिल का साइज़ लगभग एक मुट्ठी बराबर होता है. लगभग-लगभग 11 से 12 सेंटीमीटर लंबा और आठ, साढ़े आठ सेंटीमीटर चौड़ा. पर कुछ लोगों में दिल का साइज़ बढ़ने लगता है. जिसको मेडिकल भाषा में कहते हैं कार्डियोमेगली. इसमें दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं, खिंच जाती हैं और कमज़ोर हो जाती हैं. नतीजा? दिल को खून पंप करने में समस्या होती है. अब ये सब सुनकर आपको डरने की ज़रुरत नहीं है. क्योंकि ज़रूरी नहीं ऐसा किसी गंभीर बीमारी की वजह से हो. पर हां, ऐसा होने के पीछे कुछ कारण हैं, जिनपर ध्यान देना ज़रूरी है.

जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है. और वो अपने ब्लड प्रेशर पर ध्यान नहीं देते. उनको इसका ख़तरा ज़्यादा है. आज हम डॉक्टर से जानेंगे दिल का साइज़ क्यों बढ़ जाता है? दिल का साइज़ बढ़ने के लक्षण क्या हैं? कौन से टेस्ट से पता चल जाता है कि दिल का साइज़ बढ़ गया है? और इसका इलाज क्या है?

दिल का साइज़ क्यों बढ़ जाता है?

ये हमें बताया डॉक्टर सुनील कुमार वाधवा ने.

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डॉक्टर सुनील कुमार वाधवा, एसोसिएट डायरेक्टर, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम

दिल का साइज़ उन लोगों में बढ़ जाता है, जो अपने ब्लड प्रेशर का ध्यान नहीं रखते. नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की दवा नहीं खाते. एक्सरसाइज नहीं करते. जिनको हार्ट अटैक पड़ चुका है. कुछ लोगों में ऐसा जेनेटिक कारणों से भी होता है.

दिल का साइज़ बढ़ने के लक्षण

- सांस लेने में तकलीफ़ होती है

- चलने-फिरने में छाती में भारीपन महसूस होता है

- चक्कर आते हैं

- शरीर में सूजन आती है

- पैरों में सूजन आती है

- रात में नींद नहीं आती

- सांस न आने के कारण नींद टूट जाती है और उठना पड़ता है

- चेहरे पर सूजन आ जाती है  

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इंसान के दिल का साइज़ लगभग एक मुट्ठी बराबर होता है.
कौन से टेस्ट करवाएं?

- सबसे ज़रूरी है जांच

- इसके लिए ECG करवा सकते हैं

- ECHO टेस्ट करवा सकते हैं

- एंजियोग्राफी भी करवा सकते हैं

- इससे पता चल जाता है कि साइज़ हार्ट अटैक से बढ़ा है

- ब्लड प्रेशर कंट्रोल न होने के कारण बढ़ा है या जेनेटिक कारणों से बढ़ा है

इलाज

- इलाज के लिए सबसे ज़रूरी है पानी कम पीया जाए

- डॉक्टर की बताई गई मात्रा अनुसार ही पानी पिएं

- डॉक्टर 1-2 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं

- खाने में नमक कम लें

- बीपी को कंट्रोल में रखें

- इसके लिए डॉक्टर जो दवा दें, उन्हें नियमित रूप से लें

- एक्सरसाइज करिए

- इन टिप्स से आप इस समस्या से निपट सकते हैं

अगर आपको डॉक्टर के बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इसे हल्के में न लें. अपनी जांच करवाएं. अगर टेस्ट में दिल का साइज़ बढ़ा हुआ निकलता है तो डॉक्टर दवाइयों, खान-पान और अगर ज़रुरत पड़ी तो सर्जरी से इसका इलाज करेंगे. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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