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कौन लोग ब्रेन ट्यूमर के ज़्यादा रिस्क पर हैं, डॉक्टर से जानते हैं

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है. अगर आपको इसका कोई भी लक्षण महसूस हो तो इसे नज़रअंदाज़ न करें. बिना देर किए डॉक्टर से मिलें.

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अगर बीमारी शुरुआत में ही पकड़ में आ जाए, तो इलाज करना आसान हो जाता है

आपने अक्सर शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ट्यूमर के बारे में सुना होगा. आज हम ब्रेन ट्यूमर के बारे में जानेंगे. हमारे दिमाग में मोटे तौर पर दो तरह के ब्रेन ट्यूमर बन सकते हैं. एक, जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं और बहुत ज़्यादा नहीं फैलते. इस तरह के ट्यूमर में कैंसर के सेल्स नहीं होते. वहीं, दूसरी तरह का ट्यूमर कैंसर वाला होता है. ये बहुत तेज़ी से फैलता है.  और, आसपास के हेल्दी सेल्स पर कब्ज़ा करने लगता है. और आसपास के अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है.

इनका इलाज मुश्किल होता है. इसलिए, समय पर बीमारी पकड़ में आना ज़रूरी है. ऐसा तभी मुमकिन है, जब ब्रेन ट्यूमर के बारे में आपको सही जानकारी हो. आज डॉक्टर से समझते हैं कि ब्रेन में ट्यूमर क्यों हो जाता है. कौन लोग ब्रेन ट्यूमर के ज़्यादा रिस्क पर हैं. ब्रेन ट्यूमर होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं. और, ब्रेन ट्यूमर से बचाव और इलाज कैसे किया जाए.

ब्रेन में ट्यूमर क्यों हो जाता है?

ये हमें बताया डॉ. पुनीत कांत अरोड़ा ने.

Minimal Invasive Spine Surgery | Dr Puneet Kant Arora | Manipal Hospital  Gurugram
डॉ. पुनीत कांत अरोड़ा, हेड, न्यूरोसर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम

हमारे ब्रेन सेल्स सामान्य रूप से बढ़ते हैं, विभाजित होते हैं और एक नियंत्रित तरीके से खत्म हो जाते हैं. ये किसी सेल का नॉर्मल साइकिल होता है. लेकिन जब ब्रेन सेल्स के डीएनए में कोई बदलाव आता है, तब वो अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं. एक मास या ट्यूमर का रूप ले लेते हैं. ब्रेन ट्यूमर होने के कई कारण हो सकते हैं. हालांकि सारे कारणों का अभी भी पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है. इसलिए, ब्रेन ट्यूमर होने का एक सटीक कारण क्या है, ये जानकारी अभी भी नहीं है.

कौन लोग ब्रेन ट्यूमर के ज़्यादा रिस्क पर हैं?

- ब्रेन ट्यूमर की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों में इसका रिस्क बढ़ जाता है

- कुछ जेनेटिक सिंड्रोम होते हैं, जैसे न्यूरोफ़ाइब्रोमैटोसिस और ट्यूबरस स्क्लेरोसिस, उसमें यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है

- किसी रेडिएशन के संपर्क में रहना भी एक बड़ा रिस्क फैक्टर है

- अगर आप किसी रेडिएशन के संपर्क में हैं तो ब्रेन ट्यूमर होने का रिस्क बढ़ जाता है

- उम्र बढ़ने के साथ, खासकर 40-50 साल के बाद ब्रेन ट्यूमर होने का चांस बढ़ जाता है

- हालांकि बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर पाए जाते हैं

- इसके अलावा, कई केमिकल्स जैसे पेंट, फ्यूल और कुछ तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी ब्रेन ट्यूमर का रिस्क बढ़ जाता है

Stroke - Dana Foundation
डॉ. पुनीत कांत अरोड़ा, हेड, न्यूरोसर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम
ब्रेन ट्यूमर होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं?

- ब्रेन ट्यूमर होने पर कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं

- जैसे सिरदर्द होना

- अगर लगातार सिरदर्द है, जो सुबह के समय ज़्यादा होता है

- तो ये ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है

- इसके अलावा, उल्टी आना भी एक लक्षण है

- ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के साइज़ और जगह पर भी निर्भर करते हैं

- अगर ट्यूमर दिमाग के आगे वाले हिस्से में है

- तो पर्सनैलिटी और याद्दाश्त में कुछ बदलाव आ सकते हैं

- कई लोगों में ब्रेन ट्यूमर की वजह से हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ते हुए भी देखा जाता है

- कम सुनाई देना या कम दिखाई देना भी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं

- अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से ऐसे लक्षण महसूस कर रहा है तो उसे तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए

ब्रेन ट्यूमर से बचाव और इलाज

- ब्रेन ट्यूमर से बचने का कोई एक सटीक उपाय नहीं है

- मगर कुछ सावधानियां बरतकर इसके रिस्क को कम किया जा सकता है

- जैसे रेडिएशन से बचना

- गैर-ज़रूरी एक्स-रे और सीटी स्कैन न कराना

- केमिकल पदार्थों के संपर्क में न आना

- एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीना, जिसमें रोज़ एक्सरसाइज़ और अच्छी डाइट शामिल हो

- अगर ब्रेन ट्यूमर हो जाता है तो इसका इलाज ट्यूमर के साइज़ और लोकेशन पर निर्भर करता है

- ज़्यादातर मामलों में सर्जरी की जाती है, जिसमें न्यूरोसर्जन ट्यूमर को हटाते हैं

- इसके अलावा, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का भी इलाज में इस्तेमाल होता है

- कई और तरीके भी हैं, जैसे स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी और गामा नाइफ

- इसमें बिना ऑपरेशन ट्यूमर को खत्म या कंट्रोल किया जाता है

- इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी जैसी कुछ एडवांस्ड थेरेपी भी दी जाती हैं

- मगर सबसे ज़रूरी यही है कि ट्यूमर के लक्षणों को पहचान कर उनका जल्दी इलाज किया जाए

- अगर बीमारी शुरुआत में ही पकड़ में आ जाए, तो इलाज करना आसान हो जाता है

देखिए, ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है. अगर आपको इसका कोई भी लक्षण महसूस हो तो इसे नज़रअंदाज़ न करें. बिना देर किए डॉक्टर से मिलें. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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