क्या आपने विटामिन पैचेज़ का नाम सुना है? इन दिनों ये सोशल मीडिया पर खूब छाए हुए हैं. देखिए, आमतौर पर जब हमारे शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी होती है. जैसे विटामिन्स की. विटामिन ए, बी, सी, डी... वगैरह. तो डॉक्टर हमें अपनी डाइट सुधारने के लिए कहते हैं. जब डाइट से ज़रूरत भर विटामिंस नहीं मिलते, तो खाने के लिए सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. ये सप्लीमेंट्स गोली या कैप्सूल के रूप में आते हैं. लेकिन, कई लोगों को इन्हें खाने में दिक्कत आती है. किसी को ये सप्लीमेंट्स सूट नहीं करते. किसी को एलर्जी हो जाती है.कोई खाना भूल जाता है तो कोई लापरवाही में इन्हें नहीं लेता.
विटामिन पैच काम कैसे करते हैं? ये शरीर के अंदर विटामिन्स की सप्लाई कैसे कर देते हैं?
जब कभी हमारे शरीर में किसी विटामिन की कमी होती है. तो डॉक्टर डाइट सुधारने और सप्लीमेंट्स खाने को देते हैं. मगर अब 'विटामिन पैचेज़' चर्चा में हैं. इन्हें खाना नहीं होता, बल्कि शरीर पर चिपकाना होता है.

ऐसे में ‘लाइफसेवर’ बनकर आते हैं विटामिन पैचेज़. इन विटामिन पैचेज़ को खाना नहीं होता. बल्कि शरीर पर चिपकाना होता है! स्टीकर की तरह दिखने वाले ये पैचेज, शरीर पर बड़ी आसानी से चिपक जाते हैं. यहां आपने इन्हें चिपकाया, वहां आपके शरीर में विटामिंस पहुंचने लगे. सुनने में जादू जैसा लग रहा है न?
चलिए, आज आपको विटामिन पैचेज़ के बारे में सबकुछ बताते हैं.
ये हमें बताया डॉक्टर चांदनी जैन गुप्ता ने.

विटामिन पैच छोटे-छोटे चिपकाने वाले पैचेज़ होते हैं. ये दिखने में बैंडेज जैसे होते हैं. इन्हें बांह के ऊपरी हिस्से या कमर पर लगा सकते हैं. इनसे विटामिंस और पोषक तत्व स्किन के अंदर एब्ज़ॉर्व होते हैं.
विटामिन पैच कैसे काम करते हैं?विटामिन पैच का एक खास मैकेनिज़्म होता है. इसे ट्रांसडर्मल ड्रग डिलीवरी सिस्टम (TDDS) कहा जाता है. मार्केट में कई तरह के पेनकिलर पैच भी उपलब्ध हैं. इन्हें लगाने पर दवा धीरे-धीरे रिलीज़ होती है. फिर वो स्किन के जरिए शरीर में एब्ज़ॉर्व हो जाती है. इसके बाद पेन रिसेप्टर्स पर असर डालती है. पेन रिसेप्टर्स दिमाग को दर्द का सिग्नल भेजते हैं.
इसी तरह विटामिन पैच से विटामिन्स निकलते हैं. जैसे विटामिन C, D, B12, फोलेट, मैग्नीशियम और आयरन. ये सभी पोषक तत्व इन पैच के ज़रिए शरीर में एब्ज़ॉर्व हो जाते हैं.
क्या विटामिन पैच असरदार हैं?विटामिन पैच काफी असरदार हैं. हालांकि इस पर अभी और रिसर्च की ज़रूरत है. अगर पैच अच्छी क्वालिटी का है, तो वो काफी प्रभावी है.

विटामिन पैच इस्तेमाल करने का कोई खास नुकसान नहीं है. बस इन्हें ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल न करें. अगर 24 घंटे के लिए पैच लगाने को कहा गया है, तो उससे ज़्यादा न लगाएं. ध्यान रखें कि पैच को गीली स्किन पर न लगाएं. पसीने वाली जगह पर भी पैच न लगाएं, वरना जलन हो सकती है. स्किन में खुजली हो सकती है. स्किन लाल पड़ सकती है. कोई एलर्जी भी हो सकती है.
कुछ पैच बहुत ज़्यादा चिपकने वाले होते हैं, जिससे स्किन पर ग्लू के निशान रह सकते हैं. कभी-कभी स्किन पर हल्की सूजन या पित्ती हो सकती है, जिसे अर्टिकेरिया भी कहते हैं. अगर बहुत ज़्यादा पैच इस्तेमाल किए जाएं, तो ओवरडोज़ का ख़तरा हो सकता है.
विटामिन पैच इस्तेमाल करते हुए किन बातों का ध्यान रखें?विटामिन पैच इस्तेमाल करते हुए ध्यान रखें कि आपकी स्किन हाइड्रेटेड हो. शरीर को अच्छे से मॉइश्चराइज़ करें, ताकि विटामिन पैच ठीक से काम कर सके. पैच की एक्सपायरी डेट बीत जाने के बाद उसे इस्तेमाल न करें. बहुत लंबे या बहुत कम समय तक पैच न पहनें. अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो विटामिन पैच शरीर में पोषक तत्वों के स्तर को बनाए रखने का अच्छा तरीका है. जो लोग ओरल टैबलेट्स नहीं ले पाते, वो पैच के द्वारा विटामिन की कमी को पूरा कर सकते हैं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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