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Ozempic की तरह वजन घटाती है Mounjaro, लेकिन लेने की शर्तें नहीं जानीं तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं

एली लिली एंड कंपनी ने 20 मार्च को भारत में ‘मौनजारो’ दवा लॉन्च कर दी है. बिल्कुल ओजेम्पिक की तरह, ये भी डायबिटीज़ और वज़न घटाने में खूब असरदार है. अब मौनजारो दवा कैसे काम करती है? कितने की मिलेगी? किन्हें लेनी है और किन्हें नहीं? ये सब हमने पूछा डॉक्टर से.

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देश में मोटापा एक महामारी बन गया है (फोटो: Getty Images)

तारीख 28 जनवरी, 2025. उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स का उद्घाटन समारोह चल रहा था. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. समारोह के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने मोटापे को लेकर बात की. कहा, ‘आंकड़े कहते हैं कि हमारे देश में मोटापे की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है. देश का हर एज-ग्रुप और युवा भी इससे बुरी तरह से प्रभावित है. ये चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि मोटापे की वजह से डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज़ जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ा है.’ पीएम मोदी ने लोगों से खाने में 10  प्रतिशत तेल घटाने की बात भी कही.

इसके बाद आई 23 फरवरी. 'मन की बात' के 119वें एपिसोड में पीएम मोदी ने फिर से मोटापे का ज़िक्र किया. बोले, ‘पिछले कुछ सालों में मोटापे के मामले दोगुने हो गए हैं. आज हर 8 में से 1 व्यक्ति मोटापे से जूझ रहा है.’

इसके अगले ही दिन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने 10 लोगों को नॉमिनेट किया. ताकि मोटापे के खिलाफ लड़ाई को मज़बूत किया जा सके और खाने में तेल घटाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा सके. यहां मोटापे से मतलब है ओबेसिटी.

सोचिए, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ओबेसिटी को लेकर इतने चिंतित है, तो ये हमारे देश में कितनी बड़ी समस्या है.

लांसेट जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, भारत की लगभग 70% अर्बन आबादी ओवरवेट है. अर्बन आबादी यानी सिटी और टाउन में रहने वाले लोग. यही नहीं, NCD Risk Factor Collaboration की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आठ करोड़ से ज़्यादा लोग ओबीज़ हैं. उनमें से एक करोड़ 5 से 19 साल की उम्र के बीच के हैं. 

अब ये तो है ओबेसिटी यानी मोटापे की स्थिति हमारे देश में. इस बीच एक बड़ी ख़बर आई है. देश में एक ऐसी दवा लॉन्च हुई है, जो वज़न घटाने और डायबिटीज में काफी कारगर है. इस दवा का नाम है, मौनजारो (Mounjaro).

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मौनजारो इंजेक्शन को हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करना होगा

इसके बारे में आपको सबकुछ बताएंगे. लेकिन पहले ये बताइए, कि क्या आपने ओज़ेम्पिक (Ozempic) का नाम सुना है. वैसे तो ये डायबिटीज़ की दवा है. पर वज़न घटाने में भी खूब असरदार है. तभी तो बड़े-बड़े सेलेब्स इस दवा का इस्तेमाल कर अपना वज़न घटा चुके हैं. जैसे एलम मस्क, ओपरा विनफ्रे और एमी शूमर वगैरा. लेकिन, ये दवा भारत में नहीं बिकती. ओज़ेम्पिक को नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) नाम की कंपनी बनाती है.

नोवो नॉर्डिस्क की ही तरह, दवाएं बनाने की एक और कंपनी है जिसका नाम है एली लिली एंड कंपनी. आमतौर पर इसे ‘लिली’ कहा जाता है. लिली ने 20 मार्च को भारत में ‘मौनजारो’ दवा लॉन्च कर दी है. बिल्कुल ओजेम्पिक की तरह, ये भी डायबिटीज़ और वज़न घटाने में खूब असरदार है.

अब मौनजारो दवा कैसे काम करती है? कितने की मिलेगी? किन्हें लेनी है और किन्हें नहीं? ये सब हमने पूछा डॉक्टर राजीव कोविल से.

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डॉ. राजीव कोविल, हेड, डायबेटोलॉजी, ज़ैंड्रा  हेल्थकेयर

डॉक्टर राजीव कहते हैं कि मौनजारो एक इंजेक्शन है. इसे हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करना होगा. मौनजारो को केमिकली ‘टिरज़ेपटाइड’ के नाम से जाता है. इस दवा को ‘सिंगल डोज़’ शीशी में लॉन्च किया गया है. रॉयटर्स के मुताबिक, अगर आप 2.5 mg की शीशी खरीदते हैं. तो ये 3,500 रुपये की पड़ेगी. अगर 5 mg की शीशी लेते हैं, तो उसकी कीमत 4,375 रुपये है.

क्लीनिकल ट्रायल से पता चला है कि इस इंजेक्शन से लोग अपना 20 पर्सेंट तक वज़न घटा सकते हैं. हर 3 में से 1 व्यक्ति अपना एक-चौथाई वज़न भी घटा सकता है.

अब बात आती है कि टिरजेप्टाइड काम कैसे करता है?

डॉक्टर राजीव बताते हैं कि हमारे शरीर में GLP-1 यानी ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 और GIP यानी ग्लूकोज़-डिपेंडेंट इंसुलिनो-ट्रोपिक पॉली-पेप्टाइड नाम के दो हार्मोन होते हैं. ये खाने के बाद शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं. लेकिन, डायबिटीज़ के मरीज़ों में इनका असर कम हो जाता है. टिरज़ेप्टाइड GLP-1 और GIP हॉर्मोनों की तरह काम करता है. या कहें कि इनके कामों की नकल उतारता है.

थोड़ा और विस्तार में समझाते हैं. पैंक्रियाज़ हमारे शरीर का एक अंग है, जो इंसुलिन नाम का हॉर्मोन बनाता है. इंसुलिन का काम है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करना. लेकिन, डायबिटीज़ के मरीज़ों में या तो इंसुलिन बनता ही नहीं है या ठीक से अपना काम नहीं कर पाता. नतीजा? उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहता है. लेकिन, टिरज़ेप्टाइड पैंक्रियाज़ को ज़्यादा इंसुलिन बनाने के लिए उत्तेजित करता है. जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है.

इसके अलावा, शरीर में ग्लूकागन नाम का एक हॉर्मोन होता है. ये लिवर को सिग्नल भेजकर ग्लूकोज़ रिलीज़ करवाता है. जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है. लेकिन, टिरज़ेप्टाइड ग्लूकागन का लेवल घटाता है. जिससे ब्लड शुगर  कंट्रोल में रहती है. भूख कम लगती है. और वज़न घटता है.

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जिनका BMI 27 से ज़्यादा है, उन्हें ही ये दवा दी जा सकती है  (फोटो: Getty Images)

देखिए, मौनजारो कारगर तो है. लेकिन ये सबके लिए नहीं है. डॉक्टर ये दवा उन्हें ही दे सकते हैं, जिनका BMI 27 या उससे ज़्यादा है. BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स. किसी इंसान का वज़न उसकी हाइट और उम्र के हिसाब से कम है, ज़्यादा है, या फिर ठीक है, ये BMI से ही पता चलता है. जैसे अगर किसी का BMI साढ़े 17 से कम है तो इसका मतलब उसका वज़न कम है. अगर साढ़े 18 से 25 के बीच है तो ये नॉर्मल है. 25 से 30 के बीच है तो व्यक्ति ओवरवेट हैं. अगर BMI 30 के ऊपर है, तो व्यक्ति को ओबीज़ माना जाता है.

वैसे मौनजारो लेने के लिए BMI ही एकमात्र फैक्टर नहीं है. व्यक्ति का डायबिटिक होना भी ज़रूरी है. यानी जिन लोगों को डायबिटीज़ है और वो ओवरवेट भी हैं, उन्हें ये इंजेक्शन दे सकते हैं.

ये दवा उनके लिए तो बिल्कुल भी नहीं है, जिनके परिवार में मेडुलरी थायरॉइड कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है. जिन्हें मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया सिंड्रोम टाइप 2 है. जिन्हें इस दवा के कंपाउंड्स से एलर्जी है. गैस्ट्रोपेरेसिस यानी स्टमक पैरालिसिस है. या फिर कोई दूसरी कोई गंभीर बीमारी है. प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसे न लेने की सलाह दी गई है.

एक चीज़ का खास ध्यान रखें कि मौनजारो बिना डॉक्टर की सलाह के कतई नहीं लेनी है. वरना इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. डॉक्टर कोविल का कहना है कि मौनजारो का इस्तेमाल केवल एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या फिजिशियन की निगरानी में ही करना चाहिए. ये एक दवा है. सिर्फ़ वज़न घटाने का ज़रिया है. इसलिए इसका सही इस्तेमाल होना ज़रूरी है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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