बॉलीवुड के किंग Shahrukh Khan ने 2 नवंबर को अपना 59वां बर्थडे मनाया. इस मौके पर हुए एक इवेंट में शाहरुख ने बताया कि उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी है. (Shah Rukh Khan quits smoking) दरअसल शाहरुख खान चेन स्मोकर रहे हैं. यानी वो लगातार एक के बाद एक सिगरेट पीते थे. अब खुद अंदाज़ा लगा लीजिए, दिनभर में उनकी कितनी सिगरेट हो जाती होंगी. लेकिन, अब उन्होंने सिगरेट को पूरी तरह न कह दिया है. इसी इवेंट में शाहरुख़ खान ने एक बात ऐसी कही, जिसे सुनकर सिगरेट छोड़ने वालों के कान खड़े हो गए. क्योंकि ये दिक्कत काफ़ी लोगों को होती है.
शाहरुख खान ने छोड़ी सिगरेट, फिर भी बड़ी तकलीफ में, असल वजह अब डॉक्टर्स ने बताई
2 नवंबर को अपने जन्मदिन पर हुए एक इवेंट में शाहरुख ने इस बात का खुलासा किया. लेकिन इसके बाद भी उन्हें सांस में दिक्कत क्यों हो रही है?
शाहरुख ने कहा कि सिगरेट छोड़ने के बाद भी उनकी सांस फूल रही है. उन्हें लगा था सिगरेट छोड़ने के बाद ऐसा नहीं होगा, पर ऐसा हो रहा है. उन्हें उम्मीद है ये जल्दी ठीक हो जाएगा.
जो भी इंसान सिगरेट पीता है, उसे सांस फूलने की दिक्कत होती है. ये आम सी बात है. लेकिन, सिगरेट छोड़ने के बाद भी ऐसा क्यों होता है और इससे राहत कैसे पाई जाए? ये हमने पूछा डॉक्टर कुलदीप कुमार ग्रोवर से.
डॉक्टर कुलदीप बताते हैं कि सिगरेट में निकोटीन और दूसरे केमिकल्स होते हैं. जब ये केमिकल्स शरीर में जाते हैं तो खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं. जिससे फेफड़ों को कम ऑक्सीज़न मिलता है. फिर जब कोई इंसान सिगरेट छोड़ता है. तो फेफड़े ठीक होने लगते हैं. खून की नलियां फैलने लगती हैं. इससे खून का फ्लो बढ़ जाता है. ऐसे में इंसान को सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है. लेकिन, ये धीरे-धीरे ठीक भी हो जाता है.
सिगरेट छोड़ने के बाद एंग्ज़ायटी और स्ट्रेस भी होता है. इससे भी सांस तेज़ चलने लगती है और फूलने लगती है. हालांकि अच्छी बात ये है कि ये परेशानी थोड़े समय के लिए ही रहती है.
सिगरेट छोड़ने के इस साइड इफेक्ट से आप राहत पा सकते हैं. इसके लिए खुद को हाइड्रेटेड रखें. दिन में करीब 7 से 8 गिलास पानी पिएं. डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें. यानी गहरी सांसे लें. इससे फेफड़ों की क्षमता सुधरती है. स्ट्रेस कम करने के लिए योग करें. ध्यान लगाएं. आप तेज़-तेज़ चल सकते हैं, स्विमिंग और साइकलिंग भी कर सकते हैं. इनसे फेफड़े बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं.
साथ ही, ऐसी चीज़ें खाएं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड हों. एंटीऑक्सीडेंट के लिए हरी सब्ज़ियां जैसे ब्रॉकली, पालक, गोभी, टमाटर, बेरीज़ और खट्टे फल खाए जा सकते हैं. वहीं ओमेगा थ्री फैटी एसिड के लिए चिया सीड्स, अलसी के बीज, मछली, राजमा और अखरोट खा सकते हैं.
अगर फिर भी दिक्कत रहती है तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहतः सिगरेट पीने वालों का दिल कैसे ख़राब होता है?