PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम. ये महिलाओं की ओवरी यानी अंडाशय से जुड़ी एक समस्या है. देखिए, ओवरी का काम है, महिलाओं के शरीर में अंडे बनाना. आमतौर पर एक पीरियड साइकिल 28 दिन की होती है. इस दौरान ओवरी में अंडा बनता है. एक समय बाद, ये अंडा ओवरी रिलीज़ कर देती है. अगर ये पुरुष के स्पर्म से मिल जाता है, तो प्रेग्नेंसी हो जाती है. अगर नहीं तो पीरियड्स के दौरान ये टूटकर शरीर के बाहर निकल जाता है.
PCOS से परेशान? डॉक्टर की बताई ये डाइट नोट कर लीजिए
PCOS ओवरी से जुड़ी एक समस्या है. इससे पीड़ित महिलाओं को ‘लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स’ वाली चीज़ें खानी चाहिए.
मगर PCOS में एक अंडे के बदले बहुत सारे अंडे बनने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में एक भी अंडा ठीक से नहीं बन पाता. इन अंडर-डेवलप्ड अंडों को सिस्ट कहते हैं. ये सिस्ट ओवरी के अंदर ही रह जाते हैं. इसी वजह से इस कंडीशन को पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम कहते हैं.
महिलाओं में, ये बहुत ही आम दिक्कत है. लेकिन, कुछ चीज़ें करके इससे निपटा जा सकता है. इनमें से एक है डाइट सुधारना.
PCOS से पीड़ित महिलाओं को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए? ये हमने पूछा डाइटिशियन कौशिकी गुप्ता से.
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीज़ेंडाइटिशियन कौशिकी बताती हैं कि PCOS से पीड़ित महिलाओं को ‘लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स’ वाली चीज़ें खानी चाहिए. ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होना यानी, उस चीज़ को खाने से कार्बोहाइड्रेट जल्दी ग्लूकोज़ में नहीं बदलता. जिससे ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ते. इससे इंसुलिन का लेवल भी कंट्रोल में रहता है. ये PCOS में बहुत ज़रूरी है क्योंकि इंसुलिन रेज़िस्टेंस होना, PCOS की एक बड़ी वजह है. इसके लिए ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ, जौ, चने, साबुत अनाज, दालें, बीन्स और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाई जा सकती हैं.
प्रोटीन ज़रूर लेंडाइट में पर्याप्त प्रोटीन भी होना चाहिए. प्रोटीन खाने से पेट भरा-भरा लगता है. जिससे हम बार-बार खाना नहीं खाते. फिर वज़न घटाने में मदद मिलती है. PCOS कंट्रोल करने के लिए वज़न कम करना बहुत ज़रूरी है. प्रोटीन, हॉर्मोनल बैलेंस बनाने और PCOS से जुड़ी सूजन करने में भी मददगार है. प्रोटीन के लिए दूध, दही, पनीर, सोयाबीन और अंडे खाए जा सकते हैं.
डाइट में फाइबर होना भी ज़रूरी है. ये खाना पचाने, ब्लड शुगर और वज़न कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके लिए मिलेट्स, दालें, चने, राजमा, पालक, गाजर खाए जा सकते हैं. पपीता, जामुन, सेब, नाशपाती, और संतरों में खूब फाइबर होता है. आप चाहें तो बादाम, चिया सीड्स, अलसी और अखरोट जैसे मेवे और बीज भी खा सकते हैं.
गुड फैट भी होआपकी डाइट में गुड फैट होना चाहिए. ये शरीर को एनर्जी देता है. अंदरूनी सूजन घटाता है. हॉर्मोन्स के बीच बैलेंस भी बनाता है. जिससे PCOS के लक्षण कम होते हैं. गुड फैट को ही अनसैचुरेटेड फैट भी कहते हैं. ये मछली, एवोकाडो, नट्स, सनफ्लावर ऑयल, सोयाबीन ऑयल और ऑलिव ऑयल में पाया जाता है.
पानी पीना न भूलेंपानी खूब पिएं. दिन में करीब 2 से 3 लीटर. आप छाछ और नारियल पानी भी पी सकते हैं.
साथ ही, समय पर सोएं. समय पर जागें. रोज़ आधा घंटा एक्सरसाइज़ करें. अपना वज़न कंट्रोल करें
इन चीज़ों से बनाएं दूरीःखाने की ऐसी चीज़ों से दूरी बनाएं. जिनसे डायबिटीज़, मोटापा और दूसरी बीमारियों का रिस्क बढ़ता हो. जैसे प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड, बहुत ज़्यादा चीनी-नमक वाली चीज़ें. या तेल-मसाले वाला खाना.
देखिए, अगर आपके पीरियड्स इर्रेगुलर हैं. तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. वो आपका सही से इलाज करेंगे. डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाइयों से ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल कंट्रोल किया जाएगा. इन सबसे हॉर्मोंस का बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी. जिससे पीरियड्स टाइम पर आ सकते हैं. और, PCOS के लक्षण कम हो सकते हैं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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