डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बेहद ज़रूरी है कि उनकी शुगर कंट्रोल में रहे. अब कैसे पता चलता है शुगर कितनी है? एक सिंपल से ब्लड टेस्ट की मदद से. आजकल कई लोग शुगर जांचने की मशीन घर पर ही रखते हैं. इसको इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है. मशीन के साथ मिली एक छोटी सुई उंगली में चुभोनी होती है. खून की हल्की-सी बूंद मशीन के साथ मिली स्ट्रिप पर लगानी होती है. कुछ सेकंड बाद मशीन बता देती है कि शुगर कितनी है.
घर पर खुद से शुगर लेवल चेक करते वक्त नहीं करनी हैं ये 6 गलतियां
अगर आप भी ये गलतियां करते हैं, तो आपकी शुगर रीडिंग गलत आ सकती है. घर पर शुगर लेवल चेक करते वक्त क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? डॉक्टर से जानिए.
कई लोग घर पर ही इस मशीन से अपनी शुगर चेक करते हैं. लेकिन, साथ ही कुछ बहुत ही आम-सी गलतियां भी करते हैं. नतीजा? उनकी शुगर रीडिंग सही नहीं आती और उन्हें पता भी नहीं चलता. घर पर शुगर लेवल चेक करते वक्त क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? ये हमने पूछा डॉक्टर सुनीता नागपाल से.
पहली गलतीः शुगर लेवल चेक करने से पहले हाथ को अच्छे से धोना चाहिए. कई बार लोगों के हाथ में गंदगी, एल्कोहल या शुगर लगी होती है. इससे रीडिंग गड़बड़ा सकती है. लिहाज़ा शुगर लेवल चेक करने से पहले हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें. फिर अपने हाथों को पोछें. जब हाथ सूख जाएं, तब ही ब्लड शुगर चेक करें.
दूसरी गलतीः कई बार लोग शुगर चेक करने के लिए उंगली के साइड से खून लेते हैं. ये गलती न करें. अगर सटीक रिज़ल्ट चाहिए तो उंगली के बीच में से खून लें. फिंगरटिप वाले हिस्से से.
तीसरी गलतीः ज़्यादा या कम ब्लड लेने से भी शुगर लेवल पर असर पड़ सकता है. साथ ही, शुगर जांचने के लिए रोज़ एक ही उंगली से खून न निकालें. इससे उंगली में दर्द हो सकता है. उसमें चोट लग सकती है. अपना शुगर लेवल चेक करने के लिए हर दिन अलग उंगली का इस्तेमाल करें.
चौथी गलतीः खाना खाने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल न जांचें. दरअसल खाना खाने के बाद शुगर लेवल बढ़ा हुआ होता है. इसलिए खाने के लगभग 2 घंटे बाद ही अपना शुगर लेवल टेस्ट करें. या फिर जो समय डॉक्टर ने बताया है, उस टाइम चेक करें.
पांचवी गलतीः अगर आप हाइड्रेटेड नहीं हैं यानी शरीर में पानी की कमी है, तो भी शुगर लेवल बढ़ जाता है. लिहाज़ा अगर ब्लड शुगर मैनेज करनी है तो पानी खूब पिएं. अगर आप एक्सरसाइज़ करते हैं. चाय-कॉफी बहुत पीते हैं. तब तो हाइड्रेट रहना और भी ज़्यादा ज़रूरी है.
छठवीं गलतीः पुरानी स्ट्रिप्स का इस्तेमाल न करें. हर स्ट्रिप की एक एक्सपायरी डेट होती है. आमतौर पर, ये उसे खरीदने के 3 से 6 महीने के बीच की होती है. कई बार लोग एक्सपायरी डेट चेक नहीं करते. या पुराने स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करते हैं. इससे रिज़ल्ट गलत आ सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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