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पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में आम होता है ये फंगल इंफेक्शन, बचने का तरीका जान लें!

इस फंगल इंफेक्शन का नाम 'मेल यीस्ट इंफेक्शन' है. प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई न रखने और अनकंट्रोल्ड डायबिटीज़ की वजह से ये इंफेक्शन हो सकता है.

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मेल यीस्ट इंफेक्शन कैंडिडा एल्बिकेंस नाम के फंगस की वजह से होता है (फोटो: Getty Images)

किडनी में स्टोन हो जाए तो इंसान तुरंत डॉक्टर के पास जाता है, जांच करवाता है. हार्ट में ब्लॉकेज आ जाए तो मरीज़ लगकर इलाज करवाता है. लेकिन, अगर उसके प्राइवेट पार्ट से जुड़ी कोई बीमारी या इन्फेक्शन हो जाए, तो वो झिझक के चलते इस बारे में किसी को नहीं बताता. शर्म के मारे डॉक्टर के पास नहीं जाता. जब तक दिक्कत बहुत बढ़ नहीं जाती.

पुरुषों में होने वाली ऐसी ही एक बहुत आम समस्या है ‘मेल यीस्ट इंफेक्शन' (Male Yeast Infection). ये आदमियों में होने वाला एक फंगल इंफेक्शन है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि मेल यीस्ट इंफेक्शन क्या है. ये क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. और, मेल यीस्ट इंफेक्शन से बचाव और इलाज कैसे किया जाए. 

मेल यीस्ट इन्फेक्शन क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर राजीव कुमार सेठिया ने. 

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डॉ. राजीव कुमार सेठिया, हेड, यूरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल

ये पुरुषों में होने वाला एक आम इंफेक्शन है. इसे फंगल बैलेनाइटिस या बैलेनोपोस्टाइटिस विद सेकेंडरी फाइमोसिस भी कहते हैं. ये इंफेक्शन कैंडिडा एल्बिकेंस नाम के फंगस की वजह से होता है. ये फंगस आमतौर पर स्किन पर पाया जाता है. लेकिन, कभी-कभी ज़्यादा बढ़ने की वजह से ये फंगल बैलेनाइटिस (लिंग के टिप पर होने वाला फंगल संक्रमण) कर सकता है.

मेल यीस्ट इन्फेक्शन के कारण

- मेल यीस्ट इंफेक्शन का सबसे आम कारण अनियंत्रित डायबिटीज़ है

- प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई न रखने पर भी ये इंफेक्शन हो सकता है

- अगर फीमेल पार्टनर को फंगल इंफेक्शन है और अनसेफ सेक्स किया जाए, तो मेल पार्टनर को भी इंफेक्शन हो सकता है

- कई बार फाइमोसिस (लिंग की चमड़ी का टाइट होना) के कारण, जब पेनाइल टिप (लिंग की टिप) की सफाई ठीक से नहीं हो पाती, तब भी ये इंफेक्शन हो सकता है

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मेल यीस्ट इंफेक्शन में लिंग के टिप पर खुजली होती है (फोटो: Freepik)

मेल यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण

- लिंग के टिप पर खुजली होना

- उसका लाल हो जाना

- सफेद डिस्चार्ज निकलना

- कभी-कभी लिंग की टिप पर सफेद धब्बे दिख सकते हैं

कई बार इंफेक्शन की वजह से सूजन इतनी बढ़ जाती है कि पेनाइल फोरस्किन (लिंग के टिप की ऊपरी स्किन) को पीछे खींचना मुश्किल हो जाता है. इसे सेकेंड्री फाइमोसिस कहते हैं. सेकेंड्री फाइमोसिस की वजह से बार-बार इंफेकशन हो सकता है. इससे लिंग के टिप की ऊपरी स्किन पर दरारें भी पड़ सकती हैं.

मेल यीस्ट इन्फेक्शन से बचाव और इलाज

- अपने प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई रखें

- डॉक्टर की सलाह पर एंटी-फंगल क्रीम लगाएं

- ज़रूरत पड़ने पर एंटी-फंगल टैबलेट भी खा सकते हैं

- अगर फीमेल पार्टनर को फंगल इंफेक्शन हो, तो उसका भी इलाज कराएं

- इससे इंफेक्शन एक से दूसरे में फैलने से रोका जा सकता है

- अगर इसके बावजूद बार-बार फंगल इंफेक्शन हो रहा है

- तो डॉक्टर सरकमसीज़न कराने की सलाह दे सकते हैं

- इसमें लिंग के टिप की ऊपरी स्किन हटा दी जाती है

- इससे उस हिस्से की सफाई करना आसान हो जाता है

- इंफेक्शन से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें

- ये इंफेक्शन अनियंत्रित डायबिटीज़ की वजह से बार-बार होता है

- कई बार ये इंफेक्शन बहुत ज़्यादा बढ़ सकता है, इसलिए डायबिटीज़ कंट्रोल में रखना बहुत ज़रूरी है

- इसके अलावा, जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर है. उनमें भी मेल यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है

- लिहाज़ा, प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई ज़रूर रखें ताकि इंफेक्शन न हो

देखिए, अगर आपको अपने प्राइवेट पार्ट में किसी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है. उसकी स्किन कुछ अलग लग रही है, उसमें खुजली हो रही है तो झिझक के चलते उसे इग्नोर न करें. डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. हो सकता है, ऐसा फंगल इन्फेक्शन की वजह से हो रहा हो.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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