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टाइटैनिक एक्ट्रेस केट विंसलेट ने सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए जो थेरेपी कराई है, उसके बारे में सबकुछ जान लीजिए

TR Therapy यानी टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी. आमतौर पर मेनोपॉज़ के बाद कुछ महिलाएं सेक्स की इच्छा बढ़ाने के लिए इसे कराती हैं.

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हॉलीवुड एक्ट्रेस केट विंसलेट. (फोटो: सोशल मीडिया)

आपने टाइटैनिक मूवी देखी है? इसमें हीरोइन का रोल एक्ट्रेस केट विंसलेट ने किया था. रोज़ नाम था उनके किरदार का. केट विंसलेट हॉलीवुड की बहुत नामी एक्ट्रेस हैं. आजकल ख़बरों में छाई हुई हैं. वजह है, हाल में ही दिया गया उनका एक इंटरव्यू. एक पॉडकास्ट में केट ने बताया कि अपनी सेक्स ड्राइव यानी सेक्स की इच्छा बढ़ाने के लिए उन्होंने टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Kate Winslet Sex Drive Therapy) ली. इंटरव्यू के बाद लोगों की इस थेरेपी में रुचि काफ़ी बढ़ गई. सब जानना चाहते हैं कि ये है क्या?

टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी होती क्या है? कैसे की जाती है? इसके नफ़ा-नुकसान क्या हैं? ये सब हमने पूछा डॉक्टर शलभ अग्रवाल से. 

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डॉ. शलभ अग्रवाल, कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

डॉक्टर शलभ बताते हैं कि टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी, टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन से जुड़ी हुई है. ये एक मेल सेक्स हॉर्मोन है. यानी पुरुषों की आवाज़ बदलने से लेकर उनकी दाढ़ी-मूंछ आना, सब इसी की बदौलत होता है. टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन महिलाओं में भी होता है. लेकिन उनमें इसकी मात्रा कम होती है.

अब कई बार शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होने लगता है. वैसे तो इसकी सबसे बड़ी वजह उम्र है. 40-45 की उम्र के बाद इस हॉर्मोन की मात्रा शरीर में अपने आप घटने लगती है. लेकिन, कई बार किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से भी ऐसा हो सकता है.

जब टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल कम हो तो सेक्स करने की इच्छा भी कम हो जाती है. मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं. कमज़ोरी आने लगती लगती है. यहां काम आती है टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी यानी TRT.

TRT की मदद से लो-टेस्टोस्टेरॉन लेवल को ठीक किया जाता है. कई बार लोग अपनी सेक्शुअल परफॉर्मेंस बढ़ाने, हाई एनर्जी और मसल्स बनाने के लिए भी ये थेरेपी कराते हैं. ये महिलाओं और पुरुषों, दोनों में की जा सकती है. महिलाएं, आमतौर पर, मेनोपॉज़ के बाद अपनी सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए इसे कराती हैं.

TR Therapy
 टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी कई तरीकों से की जा सकती है

TRT कराने के कई तरीके हैं. ये आपकी मेडिकल ज़रूरत और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है. जैसे किसी व्यक्ति को इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं. यानी ऐसे इंजेक्शंस जो सीधे मांसपेशियों में लगाए जाते हैं. इन्हें हफ्ते-दो हफ्ते में एक बार दिया जा सकता है.

या फिर आपको क्रीम या जेल लगाने को दिए जा सकते हैं. जो स्किन से होते हुए खून में एब्ज़ॉर्व हो जाएंगे. कभी-कभी दवाइयां भी खाने को दी जाती हैं. हालांकि, ये महंगा तरीका है. उस पर, लंबे वक्त तक ऐसी दवाएं खाई जाएं तो लिवर ख़राब होने का रिस्क रहता है. कुछ मामलों में हाइपरटेंशन और स्ट्रोक का खतरा भी होता है.

क्या ये थेरेपी महिलाओं के लिए सेफ है? 

डॉक्टर शलभ बताते हैं कि मेनोपॉज़ होने के बाद इस थेरेपी से महिलाओं की सेक्स ड्राइव बढ़ सकती है. लेकिन, ये कितनी सेफ है, और लॉन्ग टर्म के लिए कितनी कारगर है, इस पर अभी बहुत रिसर्च नहीं की गई है. हालांकि, इस थेरेपी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले हैं. जैसे मुंहासे आना, बालों का झड़ना, बीपी बढ़ना, खून में रेड ब्लड सेल्स बढ़ने से खून का थक्का जम जाना. इसलिए, जिन महिलाओं को दिल, लिवर या खून की नलियों से जुड़ी कोई समस्या है, उन्हें ये थेरेपी बिल्कुल भी नहीं करानी चाहिए. वहीं अगर कोई और बीमारी है, तो भी एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए.

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