The Lallantop

इस वजह से होती है कान में खुजली, भूलकर भी इयरबड से साफ ना करें कान

कई लोग खुजली दूर करने के लिए कान में टूथपिक और उंगली भी डालते हैं. ऐसा करना बिल्कुल भी सेफ नहीं है.

post-main-image
कान में खुजली होना बहुत आम है.

कान में खुजली. उफ्फ्फ़. जब होना शुरू होती है तो बिना कान खुजाए, सुकून नहीं मिलता. खुजली मिटाने के लिए कोई कान में टूथपिक डाल लेता है, कोई इयरबड (Ear Cleaning Earbud) तो कोई उंगली. आप भी अक्सर ऐसा करते होंगे. अब आप कितना भी खुद को ना रोक पाएं, लेकिन खुजली होने पर कान में इयरबड नहीं डालना चाहिए. ऐसा हम नहीं, डॉक्टर कहते हैं. क्यों भला? बताते हैं आपको. साथ ही, ये भी बताते हैं कि किन वजहों से कान में खुजली होती है. खुजली होने पर इयरबड का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए. कान में खुजली होने पर क्या गलतियां अवॉइड करनी चाहिए. और, कान की खुजली का सही इलाज क्या है.

कान में खुजली होने के कारण

ये हमें बताया डॉक्टर खोज़ेमा सैफी ने.

dr khozema saify
डॉ. खोज़ेमा सैफी, डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियोलॉजी, आरजेएन अपोलो स्पेक्ट्रा, ग्वालियर

कान में खुजली होना बहुत आम दिक्कत है. कई कारणों से कान में खुजली हो सकती है. इनमें सबसे प्रमुख कारण है ओटिटिस एक्सटर्ना. ये कान की बाहरी नली में होने वाला एक्जिमा है. इसमें पपड़ी बनती है, खुजली होती है, कई बार पानी जैसा रिसाव होता है और पस भी बन सकता है. कान में ड्राईनेस (सूखापन) होने से भी खुजली होती है. फंगल इंफेक्शन से भी कान में खुजली होती है. सिर में डैंड्रफ होने के बाद कान में खुजली होना आम बात है. कान में नमी भी खुजली का कारण बन सकती है. अगर कान के पर्दे में इंफेक्शन है तो वहां एक्जिमा पैदा होता है, इसके कारण भी कान में खुजली होती है. कई लोगों को कान में खुजली करने की आदत है. तनाव होने पर भी कान में खुजली होने लगती है.

क्या इयरबड का इस्तेमाल करना चाहिए?

कई लोग कान में खुजली होने होने पर इयरबड से कान साफ करने की कोशिश करते हैं. ऐसा बिल्कुल न करें क्योंकि हमें नहीं पता कान के अंदर क्या चल रहा है. जब तक अच्छी रोशनी में कान की सही तरह जांच न हो जाए, तब तक इयरबड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

eardrop
कान से जुड़ी कोई दवा डॉक्टर से बिना पूछे न डालें

खुजली होने पर क्या गलतियां अवॉयड करें

जिन्हें कान से जुड़ी कोई बीमारी है, उन्हें कुछ खास गलतियों से बचना चाहिए. जैसे सेल्फ मेडिकेशन यानी खुद से दवाई न लें. कई लोग खुद अपना इलाज करने लगते हैं. मेडिकल स्टोर से इयर ड्रॉप्स खरीदकर ले आते हैं. या घर में मौजूद पुराने ड्रॉप्स कान में डालने लगते हैं. हमें नहीं पता कि कान में इनफेक्शन किस वजह से हो रहा है. बिना कारण जाने दवाई लेना सुरक्षित नहीं है. 

साथ ही, अपने कान में खुजली न करें. कान में नाखून न डालें. कान को बार-बार न रगड़ें. कान को बार-बार हिलाने से बचें. इयरबड का इस्तेमाल भी न करें.

सही इलाज क्या है?

सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि कान में खुजली की वजह क्या है. जब तक वजह न पता चले, तब तक इलाज सफल नहीं होता. जांच में देखा जाता है कि कहीं कोई और बीमारी तो नहीं है. जैसे कान के अंदर कोई इनफेक्शन तो नहीं. बीपी या शुगर जैसी समस्याएं तो नहीं हैं. शरीर में एक्जिमा या कोई अंदरूनी बीमारी तो नहीं है. कान की जांच अच्छी रोशनी में होनी चाहिए. इसके लिए ENT स्पेशलिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट या फिजीशियन से अपनी जांच कराएं.

सही जांच के बाद इलाज कराना आसान हो जाता है. कुछ खास टेस्ट भी किए जाते हैं. जैसे टोटल सीरम IgE टेस्ट. इससे पता चलता है कि शरीर में खुजली होने की संभावना कितनी है. हिस्टामिन (एलर्जी पैदा करने वाले) केमिकल का रिसाव कितना है. जब सभी टेस्ट और जांचें पूरी हो जाती हैं, तो एक सही इलाज मिलता है. सही इलाज से बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है. बस खुद से अपना इलाज न करें. साथ ही, दवाई बंद करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. कई बार कुछ दवाइयां धीरे-धीरे बंद की जाती हैं. कुल मिलाकर, कान का चेकअप कराने के बाद ही अपना इलाज कराएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: एक दिन में कितना प्रोटीन खाना ज़रूरी? ज़्यादा प्रोटीन खाएंगे तो क्या होगा?