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फास्टिंग से घटता है वजन, बस ये गलतियां करने से बचें

Fasting करके Weight Loss किया जा सकता है. जानें फास्टिंग करने का सही तरीका क्या है और किन लोगों को फास्टिंग नहीं करनी चाहिए.

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फ़ास्टिंग करने पर शरीर में कई बदलाव होते हैं

प्रिया कानपुर में रहती हैं. Lallantop को काफी वक्त से देखती-पढ़ती रही हैं. पिछले दिनों हमें उनका मेल आया. उन्होंने बताया कि वो अक्सर अलग-अलग दिनों पर फ़ास्ट (Fast) रखती हैं. यानी खाने की कुछ चीज़ों से परहेज़ करती हैं. अपनी डाइट कंट्रोल करती हैं. प्रिया जानना चाहती हैं कि वो जो खाने में इतना कंट्रोल कर रही हैं, क्या उसका उनके शरीर पर कोई असर पड़ता भी है या नहीं? क्या फ़ास्टिंग से उनका बढ़ा हुआ वज़न कम हो सकता है? जब शरीर को रोज़ की तरह खाना नहीं मिलता, तो शरीर में क्या-क्या होता है?

अब सवाल इंट्रेस्टिंग हैं तो हमें लगा इसके जवाब भी तलाशने चाहिए. चलिए फिर, डॉक्टर साहब से समझते हैं कि जब आप फ़ास्टिंग करते हैं तो शरीर में क्या होता है. फ़ास्टिंग करने के फायदे क्या हैं. क्या फ़ास्टिंग करने से वेट लॉस हो सकता है. और, किन लोगों को फ़ास्टिंग करने से बचना चाहिए.

जब आप फ़ास्टिंग करते हैं तो शरीर में क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर विशाल खुराना ने. 

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डॉ. विशाल खुराना, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद

जब हम खाना खाते हैं तो खाने से मिला ग्लूकोज़ ‘ग्लाइकोजन’ के रूप में हमारी मांसपेशियों और लिवर में जमा होता है. फिर जैसे ही हम खाना छोड़ते हैं तो ये ग्लाइकोजन धीरे-धीरे खून में रिलीज़ होने लगता है. लगभग 24 घंटे के बाद शरीर से ग्लाइकोजन का भंडार खत्म हो जाता है. अब अगर कोई व्यक्ति 24 घंटे से ज़्यादा का फ़ास्ट रखे तो शरीर एनर्जी के लिए फैट का इस्तेमाल करता है. जब फैट भी खत्म हो जाता है तो शरीर मांसपेशियों को तोड़कर ग्लूकोज़ पैदा करना शुरू कर देता है.

फ़ास्टिंग करने के फ़ायदे क्या हैं?

- कई स्टडीज़ में पाया गया है कि फ़ास्ट करने से वज़न घटता है.

- हमारे सोचने की शक्ति तेज़ होती है.

- कुछ स्टडीज़ में ये भी देखा गया है कि फ़ास्टिंग से कैंसर होने के चांस कम हो जाते हैं.

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सही तरीके से की गई फ़ास्टिंग वेट लॉस में मदद करती है
क्या वाकई फ़ास्टिंग से वेट लॉस होता है?

फ़ास्टिंग और वेट लॉस से जुड़ी कई स्टडीज़ हुई हैं. ऐसा देखा गया है कि जब कोई 12 से 24 घंटे की फ़ास्टिंग करता है, तब शरीर का मेटाबॉलिज़्म (Metabolism) धीमा होने लगता है. मेटाबॉलिज़्म यानी हम जो खाना खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलने, नए सेल्स बनाने और पुराने को बचाए रखने का प्रोसेस. लिहाज़ा अगर कोई लंबे समय तक फ़ास्टिंग करे तो शरीर का मेटाबॉलिज़्म रेट घट जाता है. व्यक्ति की शारीरिक क्षमता भी कम होने लगती है. 

कई बार लोग फ़ास्टिंग करने के बाद जमकर खाना खाते हैं. जिस वजह से फ़ास्टिंग के फ़ायदे घट जाते हैं. इसलिए, सही तरीके से फ़ास्टिंग करना ज़रूरी है ताकि Weight Loss में मदद मिले. 

किन लोगों को फ़ास्टिंग करने से बचना चाहिए?

डायबिटीज़ वालों या जिन मरीज़ों को खाने के बाद दवाई लेनी होती है, उन्हें फ़ास्टिंग से बचना चाहिए. इसी तरह प्रेग्नेंट महिलाओं, छोटे बच्चों और जिन लोगों को खाने से जुड़ी कोई बीमारी है, उन्हें भी फ़ास्ट नहीं करना चाहिए.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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