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थकान कब किडनी खराब होने का संकेत होती है? बचने का तरीका जानें

वैसे हर बार थकान का नाता किडनी की बीमारियों से नहीं होता. कभी-कभी थकान कुछ दूसरी वजहों से भी होती है. लेकिन, लगातार थकान किडनी की खराबी का संकेत हो सकती है.

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बहुत थकान रहती हो डॉक्टर से ज़रूर मिलें

क्या आपको हर वक़्त थकान महसूस होती है? रातभर आराम करने के बाद भी दिन भर सुस्त रहते हैं? क्या आपको या आपके परिवार में किसी को किडनी से जुड़ी कोई समस्या है? अगर इन तीनों सवालों का जवाब ‘हां’ हैं तो आपको विकास की कहानी ध्यान से सुननी चाहिए.

विकास लल्लनटॉप के व्यूअर हैं. 42 साल के हैं. पिछले कुछ हफ़्तों से उन्हें बहुत ज़्यादा थकान महसूस हो रही थी. उन्होंने अपनी डाइट सुधारी, नींद पूरी करने की कोशिश की. फिर भी दिनभर थका-थका महसूस होता. ऑफिस में सुस्ती महसूस होती. उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने कुछ जांचें की तो पता चला कि उन्हें क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ नाम की बीमारी है. इतनी थकावट महसूस होना उसका ही एक लक्षण था.

अब विकास की कहानी सुनकर आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है. हर बार थकान का नाता किडनी की बीमारियों से नहीं होता. कभी-कभी थकान कुछ दूसरी वजहों से भी होती है. लेकिन लगातार थकान रहना किडनी की ख़राबी का एक बहुत ही अहम लक्षण हैं. ख़ासतौर पर अगर आपके परिवार में किडनी से जुड़ी बीमारियों की हिस्ट्री रही हो. 

ऐसे में आज डॉक्टर से जानिए कि लगातार थकान महसूस होने के पीछे क्या वजहें हो सकती हैं, क्या किडनी की बीमारी ज़्यादा थकान का कारण हो सकती है, थकान और किडनी की बीमारी के बीच क्या कनेक्शन है और इससे बचाव और इलाज कैसे किया जाए.

हर वक़्त थका हुआ क्यों महसूस होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर सुमन लता ने. 

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डॉ. सुमन लता, हेड, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, मणिपाल हॉस्पिटल, नई दिल्ली

कई बार हीमोग्लोबिन लेवल कम होने की वजह से थकान हो जाती है. अगर आप बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं तो भी आपको थकान हो सकती है. वहीं अगर आपको हॉर्मोन से जुड़ी कोई दिक्कत है, जैसे हाइपोथायरॉयडिज़्म, तो इसकी वजह से भी थकान महसूस हो सकती है.

क्या किडनी की बीमारी ज़्यादा थकान का कारण हो सकती है?

बिल्कुल, ऐसा हो सकता है. थकान किडनी फेल होने का एक बहुत ही अहम लक्षण है. इसे हम आमतौर पर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. ये सोचकर कि थकान किसी और वजह से होगी. लेकिन अगर आपको किडनी फेलियर का कोई रिस्क है और आपको थकान भी लग रही है. तो ये किडनी फेल होने की ओर इशारा हो सकता है. जो काम आप पहले बिल्कुल सही से कर पा रहे थे पर अब नहीं कर पा रहे. आपका एनर्जी लेवल लो है, थकान लग रही है तो ये सारे क्रॉनिक किडनी फेलियर के लक्षण हैं.

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 बहुत ज़्यादा थकान क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ का लक्षण है (सांकेतिक तस्वीर)

थकान और किडनी की बीमारी के पीछे क्या कनेक्शन है?

हमारी किडनी एरिथ्रोपोइटिन (Erythropoietin) नाम का एक हॉर्मोन बनाती है. जिन लोगों की किडनी ठीक से काम नहीं करती, उनके शरीर में एरिथ्रोपोइटिन या तो कम बनता है या नहीं बनता है. इससे हीमोग्लोबिन का लेवल कम हो जाता है और हमें थकान लगती है. किडनी फेलियर की वजह से किडनी खून को सही से फिल्टर नहीं कर पाती. जिससे नमक, फॉस्फोरस, यूरिया और क्रिएटिनिन शरीर में इकट्ठा होने लगते हैं. इनका लेवल बढ़ जाता है जिससे हमें थकान हो सकती है.

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डायबिटीज़ के मरीज़ अपनी शुगर कंट्रोल में रखें

बचाव और इलाज

- किडनी फेलियर के मामले में बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है.

- लिहाज़ा अगर आपको शुगर है तो अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रखिए.

- ब्लड प्रेशर की कोई दिक्कत है तो बीपी कंट्रोल करें.

- पेनकिलर का कम से कम इस्तेमाल करें क्योंकि पेनकिलर के ज़्यादा इस्तेमाल से किडनी फेलियर हो सकता है.

- अगर आपको पथरी है तो उसका समय पर इलाज कराएं.

- अगर बार-बार यूरिन इंफेक्शन हो रहा है तो डॉक्टर से मिलकर इलाज कराएं.

- ये वो अहम कारण हैं जिनसे किडनी खराब हो सकती है.

- दो सबसे अहम कारण हैं, डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन.

- किडनी फेल होने के 80 पर्सेंट से ज़्यादा मामले डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से जुड़े होते हैं.

- इसलिए अगर आपको हाइपरटेंशन है और परिवार में पहले से किडनी फेलियर का रिस्क भी है.

- तो समय पर किडनी से जुड़े टेस्ट कराएं ताकि किडनी फेल होने का चांस न रहे.

देखिए, किडनी हमारे शरीर की छन्नी है. ये बिना रुके खून की सफाई करती रहती है. शरीर की अंदरूनी गंदगी बाहर निकाल देती है. अब अगर किडनी ख़राब हो जाए या फेल होने लगे तो ये सारी गंदगी शरीर में ही जमा होने लगेगी. हमारा शरीर बीमारियों का घर बन जाएगा. इसलिए, सही समय पर सही इलाज लेना बेहद ज़रूरी है. अगर आपको बहुत ज़्यादा थकान रहती है तो अपनी जांच ज़रूर करवाएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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