कुछ दिन पहले एक्ट्रेस विद्या बालन का एक इंटरव्यू खूब वायरल हुआ. इस इंटरव्यू में विद्या बालन ने बताया कि वो पूरी ज़िंदगी पतला होने के लिए स्ट्रगल (Vidya Balan Weight Loss) करती रहीं. डाइट की, एक्सरसाइज़ की. कई बार वज़न घटा भी. पर कुछ समय बाद वो फिर वापस बढ़ गया. लेकिन, इस साल उन्हें पता चला कि उनके शरीर में फैट नहीं बल्कि इंफ्लेमेशन है. इंफ्लेमेशन यानी शरीर में अंदरूनी सूजन और गर्मी.
विद्या बालन ने बिना एक्सरसाइज के घटा लिया वजन! लेकिन कैसे?
एक्ट्रेस विद्या बालन ने केवल अपनी डाइट के बलबूते पर वज़न घटाया है!
इसके बाद विद्या ने अपनी डाइट बदली और फिर उनका वज़न घटता चला गया. उन्होंने ये भी बताया कि वज़न घटाने के लिए उन्होंने बिल्कुल भी एक्सरसाइज़ नहीं की. ये सुनकर सब चौंक गए!
क्या वाकई हम अब तक सूजन को वज़न का बढ़ना समझ रहे थे? और, आखिर ये इंफ्लेमेशन होता क्यों है? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने दो एक्सपर्ट्स से बात की. एक मॉडर्न मेडिसिन के. दूसरी आयुर्वेद के. उनसे समझा कि शरीर में इंफ्लेमेशन क्यों होता है? क्या इससे वज़न बढ़ सकता है? वज़न बढ़ने के अलावा, और क्या समस्याएं हो सकती हैं? ये भी जाना कि खाने की किन चीज़ों से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है. और, खाने की किन चीज़ों से इसे दूर किया जा सकता है.
ये हमें बताया डॉ. रवींद्र गुप्ता ने.
इंफ्लेमेशन दो तरह का होता है- एक्यूट और क्रोनिक. जब शरीर में कोई बैक्टीरिया, वायरस या फंगस प्रवेश करता है, तब एक्यूट इंफ्लेमेशन होता है. चोट लगने पर भी ये इंफ्लेमेशन हो सकता है. दरअसल, घाव की वजह से उस जगह पर सूजन आ जाती है. वायु प्रदूषण, केमिकल्स और प्रिज़रवेटिव्स भी शरीर में आकर एक्यूट इंफ्लेमेशन की वजह बनते हैं. वहीं, शरीर में क्रोनिक इंफ्लेमेशन एंटीबॉडी बन जाने की वजह से होता है. ये एंटीबॉडी स्किन, जोड़ों, फेफड़ों और दूसरे अंगों पर असर कर, वहां इंफ्लेमेशन पैदा करती है. रोज़ एक्सरसाइज़ न करने, लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने और सिगरेट-शराब पीने से भी शरीर में इंफ्लेमेशन का चांस बढ़ता है.
क्या शरीर में इंफ्लेमेशन के चलते वज़न बढ़ता है?मोटापा हमारे शरीर में इंफ्लेमेशन पैदा करता है. इस इंफ्लेमेशन की वजह से डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है. लेकिन इंफ्लेमेशन से मोटापा बढ़ता है या नहीं, ये अभी तक निश्चित नहीं है. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंफ्लेमेशन से वज़न बढ़ता है. फिर उससे डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है. मगर इंफ्लेमेशन से वज़न बढ़ने की बात पर विज्ञान पूरी तरह से सहमत नहीं है. अभी तक यही पता है कि मोटापे से इंफ्लेमेशन होता है.
- इंफ्लेमेशन से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं
- जैसे दमा, क्रोनिक लंग डिज़ीज़, डायबिटीज़, दिल की बीमारियां, कैंसर, ऑस्टियोअर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, क्रोनिक लिवर डिज़ीज़, सिरोसिस लिवर और फैटी लिवर
- आंतों में क्रोनिक इंफ्लेमेशन से IBS यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम हो सकता है
- इंफ्लेमेशन से कुछ दूसरे डिसऑर्डर्स भी जुड़े हुए हैं
- जैसे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स, मूड डिसऑर्डर्स
- वेस्कुलाइटिस हो सकता है, जो शरीर के किसी हिस्से में खून की नलियों और खून की नसों पर असर डालता है
- इससे शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं
- कुल मिलाकर, इंफ्लेमेशन हमारे शरीर में कई तरह से असर करता है और कई बीमारियों की वजह बनता है
किन खाने की चीज़ों से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है?ये हमें बताया डॉ. हंसा जी योगेंद्र ने.
- सबसे पहला, चीनी यानी वॉइट शुगर है
- इससे बनी हर चीज़ शरीर को नुकसान पहुंचाती है
- इसलिए वॉइट शुगर से परहेज़ करें
- दूसरा, मैदे से बनी चीज़ें
- जैसे वॉइट ब्रेड, बिस्कुट, केक और पेस्ट्री
- ये सारे बेकरी प्रोडक्ट्स रिफाइंड मैदे से बनते हैं
- जो शरीर के लिए सही नहीं है
- तीसरा, डीप फ्राइड यानी तली-भुनी चीज़ें
- समोसे, पकोड़े और दूसरी डीप फ्राइड चीज़ें शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं
- इसलिए इन्हें कम ही खाएं, न खाएं तो और भी अच्छा है
खाने की किन चीज़ों से इंफ्लेमेशन दूर कर सकते हैं?- खाने में हल्दी ज़रूर खाएं क्योंकि इसमें करक्यूमिन होता है
- करक्यूमिन सूजन को कम करने में मददगार है
- अदरक की चाय पिएं
- सब्ज़ियों में अदरक डालें या इसकी चटनी बनाकर खाएं
- अदरक हमेशा ही शरीर को फ़ायदा पहुंचाती है
- आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियां भी हैं, जिन्हें लेना शरीर के लिए बहुत अच्छा रहेगा
- जैसे अश्वगंधा. इसे थोड़ा-सा दूध में डालकर रात में सोने से पहले लें
- गुग्गुल (जड़ी बूटी) भी शरीर को काफी फ़ायदा करती है
- इन चीज़ों का ज़रा-सा सेवन भी बहुत लाभ पहुंचा सकता है
देखिए, अंदरूनी सूजन क्योंकि हमें दिखती नहीं, इसलिए हमें पता नहीं चलता. पर ये सेहत के लिए काफ़ी नुकसानदेह है. इसलिए अपने खान-पान का ध्यान रखिए. और जो टिप्स अभी आपको दी गई हैं, उन्हें याद रखिए.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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