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सर्दियों में हाथ-पैरों में दर्द और जोड़ों में अकड़न? मौसम को दोष मत दीजिए, कसूर आपका है

जब लोग ज़्यादा चलते-फिरते नहीं हैं. पूरे दिन बैठे या लेटे रहते हैं. तब जोड़ों के इर्द-गिर्द मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. इससे घुटनों पर दबाव बढ़ जाता है.

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सर्दियों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है

सर्दियां आते ही वही हाथ-पैरों में दर्द. जोड़ों में अकड़न. हर साल का यही रोना है. लेकिन, इस साल मौसम को कोसने से पहले ये जान लीजिए कि ऐसा कई बार हमारी ही कुछ गलतियों की वजह से होता है.

क्या हैं ये गलतियां, ये हमें बताया डॉक्टर परमप्रीत सिंह नागपाल ने.

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डॉ. परमप्रीत सिंह नागपाल, डायरेक्टर एंड हेड, ऑर्थोपेडिक्स, नागपाल सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, पंजाब

एक्सरसाइज़ ज़रूर करें

डॉक्टर परमप्रीत कहते हैं कि जब लोग ज़्यादा चलते-फिरते नहीं हैं. पूरे दिन बैठे या लेटे रहते हैं. तब उनके जोड़ों के इर्द-गिर्द जो मांसपेशियां हैं, वो कमज़ोर होने लगती हैं. कमज़ोर मांसपेशियां जोड़ों को पर्याप्त सहारा नहीं दे पातीं. इससे घुटनों पर दबाव बढ़ जाता है. नतीजा? घुटनों में दर्द, सूजन और अकड़न होती है.

लिहाज़ा, रोज़ थोड़ी एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है. ये एक्सरसाइज़ कुछ भी हो सकती है. जैसे साइकिल चलाना, तेज़ कदमों से चलना, योग करना. कुछ भी. आपको हर बार जिम जाकर डंबल या वेट उठाने की ज़रूरत नहीं है.

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जिम जाकर सबसे पहले वॉर्मअप करें

जिम जाएं तो इन बातों का ध्यान रखें

अगर आप जिम जाते हैं. तो कुछ बातों का ध्यान रखें. जैसे एक्सरसाइज़ से पहले 10-15 मिनट वॉर्मअप ज़रूर करें. बिना वॉर्मअप के, घुटनों की मांसपेशियां और लिगामेंट्स सख्त रहते हैं. लिगामेंट (Ligament) यानी टिश्यू के इलास्टिकनुमा बैंड. ये दो हड्डियों को आपस में जोड़ते हैं. जब आप एक्सरसाइज़ शुरू करते हैं, तो घुटनों पर अचानक दबाव पड़ता है. जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.

आराम भी ज़रूरी 

अच्छा, सिर्फ एक्सरसाइज़ ही नहीं, आराम भी ज़रूरी है. हफ्ते में एक दिन अपने घुटनों और शरीर के दूसरे जोड़ों को आराम ज़रूर दें. एक्सरसाइज़ के दौरान, इन पर बहुत तनाव पड़ता है. मगर जब आप आराम करते हैं. तो जोड़ों की मरम्मत होती है. उन्हें मज़बूत बनने का मौका मिलता है. अगर ज़रूरतभर आराम न किया जाए. तो घुटनों में खिंचाव या लगातार दर्द की शिकायत हो सकती है.

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ओवरवेट होने से घुटनों पर दबाव पड़ता है

अपना वज़न कंट्रोल करें 

डॉक्टर परमप्रीत आगे कहते हैं कि जब आप ओवरवेट होते हैं या बहुत भारी सामान उठाते हैं. तब भी घुटनों पर दबाव पड़ता है. आपके कार्टिलेज (Cartilage) को नुकसान पहुंचने लगता है. कार्टिलेज एक तरह का कुशन है, जो दो हड्डियों के बीच होता है. ये हमारे जोड़ों और हड्डियों को नुकसान से बचाता है. अगर कार्टिलेज को किसी भी तरह का नुकसान हो, तो सीधे जोड़ों पर असर पड़ता है. इसलिए, अपना वेट कंट्रोल करें. बहुत भारी सामान अकेले न उठाएं.

फुटवियर आरामदायक हो

जोड़ों के दर्द में आपके फुटवियर का भी रोल रहता है. ‘हाई हील्स ते नच्चे, ता तू बड़ी जच्चे’, ये होता होगा. पर इस जंचने के चक्कर में घुटनों की टैं बोल जाती है. हाई हील्स पहनने से पैरों और घुटनों पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है. फिर उनमें दर्द होने लगता है. इसलिए, फुटवियर ऐसा पहनें जो आपके पैर को सहारा दे. वो आरामदायक हो और जिसे लंबे समय तक पहनने पर भी कोई परेशानी न हो.

एक चीज़ और, अगर आपके घुटने या किसी दूसरे जोड़ में लगातार दर्द बना हुआ है. कोई सूजन है. तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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