‘बड़ा ही आलसी शनिवार था. मैं आराम से अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था. अचानक मेरी नाक से खून निकलने लगा. इतना खून कि सफेद वॉशबेसिन लाल पड़ गया. रुई खून से सन गई. कोमा में जाने का डर, और मैं पहुंच गया ICU. मेरा वीकेंड बहुत भयानक रहा.’
क्या स्ट्रेस आपका बीपी बढ़ा सकता है? डॉक्टर से जानिए!
जब आप स्ट्रेस में होते हैं, तो शरीर ‘फाइट एंड फ्लाइट’ मोड में चला जाता है. इस दौरान, खून में एड्रेनलिन और कोर्टिसोल हॉर्मोन रिलीज़ होने लगते हैं. ये शरीर को लड़ने के लिए तैयार करते हैं. इनके बढ़ने से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.

अपने लिंक्डइन पोस्ट में ये बातें लिखी हैं, बेंगलुरु बेस्ड एक कंपनी के फाउंडर और सीईओ अमित मिश्रा ने. उन्होंने हॉस्पिटल के बेड पर लेटे हुए अपनी एक तस्वीर भी डाली है.

पोस्ट में वो आगे लिखते हैं,
‘जब तक मैं अस्पताल पहुंचा, मेरा बहुत खून बह चुका था. इमरजेंसी टीम ने 20 मिनट तक कोशिश की, तब जाकर मेरा खून बहना बंद हुआ. लेकिन शॉक की बात तो ये थी कि मेरा बीपी 230 था. पर न तो मुझे सिरदर्द था. न चक्कर आ रहे थे. न बीपी की कोई हिस्ट्री थी. कोई वॉर्निंग साइन भी नहीं था. बस अचानक से मुसीबत आ गई.’
इसके अगले ही दिन, यानी रविवार को अमित का बीपी अचानक से गिर गया. ऐसा क्यों हुआ? पता नहीं. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.
पर उनके इस अनुभव ने उन्हें कुछ सीखें दी हैं. पहली सीख तो यही, कि शरीर हमेशा चेतावनी नहीं देता. हाई बीपी, स्ट्रेस, ये सब साइलेंट किलर्स हो सकते हैं.
दूसरी सीख, काम ज़रूरी है, लेकिन सेहत से समझौता नहीं किया जा सकता.
देखिए, स्ट्रेस आपका बीपी बढ़ा सकता है. कैसे? डॉक्टर सुनील सेखरी से समझते हैं.

डॉक्टर सुनील कहते हैं कि जब आप स्ट्रेस में होते हैं, तो शरीर ‘फाइट एंड फ्लाइट’ मोड में चला जाता है. इस दौरान, खून में एड्रेनलिन और कोर्टिसोल हॉर्मोन रिलीज़ होने लगते हैं. ये शरीर को लड़ने के लिए तैयार करते हैं. इनके बढ़ने से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
क्यों बढ़ जाता है? क्योंकि खून की नलियां सिकुड़ने से, खून को पंप करने के लिए दिल को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
हालांकि जब स्ट्रेस दूर होता है, तो ब्लड प्रेशर वापस नॉर्मल हो जाता है. लेकिन, अगर लगातार स्ट्रेस रहे, तो बीपी भी बार-बार बढ़ता है. इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक भी पड़ सकता है. आपके दिल, किडनियों और खून की नलियों को भी खूब नुकसान पहुंचता है. ये नुकसान लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले नुकसान जैसा ही होता है.

कई बार लोग स्ट्रेस से निपटने के लिए दूसरे तरीके भी आजमाते हैं. जैसे शराब पीना. खूब चाय-कॉफी पीना. स्ट्रेस ईटिंग करना और बस थके-हारे बिस्तर पर पड़े रहना.
जब आप अनहेल्दी चीज़ें खाते-पीते हैं. कोई फिज़िकल एक्टिविटी नहीं करते. अच्छी नींद नहीं लेते. तो भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इसलिए, ज़रूरी है स्ट्रेस से निपटना.
अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस में हैं, या बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेते हैं. तो काउंसलिंग या थेरेपी का सहारा लें. साथ ही, उतना ही काम करें, जिससे आपको स्ट्रेस न हो. अगर काम का बोझ बहुत ज़्यादा हो, तो अपने बॉस से बात करें. इसके अलावा, लंबी-लंबी सांसें लें. रोज़ थोड़ी देर योग करें. एक्सरसाइज़ करें. हेल्दी खाना खाएं और रोज़ 7 से 8 घंटे की नींद लें. इनसे भी स्ट्रेस घटाने में मदद मिलती है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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