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40 साल की उम्र पार कर चुके? बीमारियों से बचना है तो ये 5 टेस्ट करा लें!

इन टेस्ट्स से पता चल जाएगा कि आपमें कुछ खास बीमारियों का कोई रिस्क फैक्टर तो नहीं है. अगर रिस्क फैक्टर निकलता है, तो आप सावधानी बरतकर उस बीमारी से बच सकते हैं.

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अगर आप ये टेस्ट कराएंगे तो शरीर में जो भी बदलाव हो रहे हैं, उन्हें समझ पाएंगे (फोटो: Freepik)

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है. आप 40 पार करते हैं, वैसे-वैसे शरीर में बदलाव आते हैं. आपका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने लगता है. इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने का मतलब है, शरीर खुद को बीमारियों और इन्फेक्शंस के हमले से बचा नहीं पाता इसलिए इंफेक्शंस जल्दी होते हैं. तमाम बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है. शरीर हेल्दी नहीं रहता. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़ता है. इनसे होने वाली समस्याओं का रिस्क भी बढ़ जाता है.

इंसान इसे समय की मार समझकर झेलता है. 'उम्र हो गई है' कहकर बीमारियों से जूझता रहता है. मगर आप इन सारी तकलीफों से बच सकते हैं. आने वाली दिक्कतों को पहले ही पकड़ सकते हैं. कैसे? बस कुछ सस्ते और सिंपल से टेस्ट करवाकर. इन टेस्ट्स के बारे में बताया डॉक्टर मुक्ता अग्रवाल ने. 

डायबिटीज़ का टेस्ट
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डॉ. मुक्ता अग्रवाल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, मणिपाल हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद

महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए डायबिटीज़ की जांच कराना बहुत ज़रूरी है. बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने और जेनेटिक वजहों से ये बीमारी बहुत आम हो गई है. डायबिटीज़ एक नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़ है यानी ये एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलती. समय पर शुगर की जांच कराने से हम डायबिटीज़ से जुड़ी समस्याओं को रोक सकते हैं. डायबिटीज़ की जांच कराना बहुत ज़रूरी है. इसमें फास्टिंग शुगर, खाने के बाद की शुगर और तीन महीने की औसत शुगर बताने वाला HbA1c टेस्ट किया जाता है.

ब्लड प्रेशर का टेस्ट

दूसरा टेस्ट हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर का है. हाई ब्लड प्रेशर का कारण जेनेटिक्स, स्ट्रेस, अनुवांशिक या जंक फूड हो सकता है. आजकल वर्किंग लाइफस्टाइल के चलते बहुत लोग बाहर का खाना खाते हैं. इससे बीपी बढ़ने का ख़तरा होता है. हाई ब्लड प्रेशर लगातार रहने से हार्ट अटैक तक आ सकता है. स्ट्रोक पड़ सकता है. किडनियों को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए, ब्लड प्रेशर की जांच बहुत ज़रूरी है ताकि बड़ी बीमारियों से बचा जा सके. 

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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के ज़रिए खून में मौजूद फैट्स का लेवल जांचा जाता है 

लिपिड प्रोफाइल

तीसरा टेस्ट लिपिड प्रोफाइल है. इसमें खून में मौजूद फैट्स का लेवल जांचा जाता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, LDL और VLDL शामिल हैं. यानी कुल 5-6 तरह के फैट्स की जांच होती है. ज़्यादा देर बैठने, एक्सरसाइज़ न करने और वर्क स्ट्रेस लेने से फैट बढ़ जाता है. इससे दिल की नसों में फैट जमने लगता है. जिससे हार्ट अटैक आने का रिस्क रहता है. स्ट्रोक पड़ सकता है. अगर फैट लिवर पर जम जाए तो फैटी लिवर हो सकता है. इसलिए, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना बहुत ज़रूरी है.

कैंसर की जांच  

प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग और ओज़ोन लेयर में बदलाव से रेडिएशन बढ़ रहा है. इस रेडिएशन की वजह से कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं. इसलिए, कैंसर की जांच कराना बहुत ज़रूरी है. महिलाओं के लिए ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड किया जाता है. इससे ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती स्टेज में पहचान हो सकती है. अगर कैंसर का पता देर से चले, तो इलाज मुश्किल हो जाता है. उसके न ठीक होने का चांस भी बढ़ जाता है. जल्दी जांच से कैंसर का समय पर पता चल सकता है. पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने का चांस ज़्यादा होता है. इसके लिए ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड और सीरम PSA लेवल की जांच की जाती है. इन टेस्ट्स से पता चलता है कि प्रोस्टेट कैंसर होने की कितनी संभावना है. समय रहते जांच कराकर कैंसर के रिस्क को कम कर सकते हैं.

आई चेकअप

पांचवा टेस्ट आंखों की जांच यानी आई चेकअप है. आजकल लोगों को कम उम्र में ही चश्मा लगने लगा है. इसका कारण स्क्रीन टाइम का बढ़ना और देर तक कंप्यूटर पर काम करना है. स्ट्रेस से भी आंखों की सेहत पर असर पड़ता है. इसलिए, आंखों की जांच कराना बहुत ज़रूरी है. 40 की उम्र के बाद कैटरेक्ट (मोतियाबिंद) और डायबिटीज़ से रेटिनोपैथी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. अगर हर कुछ समय में आई चेकअप हो, तो इन दिक्कतों का पता समय रहते चल सकता है. जिससे आगे होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है.

कितना खर्च आएगा?

इन सभी ज़रूरी टेस्ट्स का खर्च ज़्यादा नहीं होता. ढाई हज़ार से 5 हज़ार रुपए में ये सारे टेस्ट कराए जा सकते हैं. बाद में बीमारी बढ़ने पर इलाज का खर्च बढ़ सकता है. इसलिए, समय पर ही जांच करा लें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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