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संभल हिंसा के नाम पर वायरल हो रहे इस वीडियो का पूरा सच जान लीजिए

वायरल वीडियो में पुलिस एक भीड़ के ऊपर लाठीचार्ज करती नज़र आ रही है. इसे संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा का बताया जा रहा है. दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की सेक्रेटरी वैशाली पोद्दार ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. लेकिन इस वीडियो का सच क्या है?

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पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा (Sambhal violence) में 4 लोगों की मौत हो गई. हिंसा के दौरान गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी थी. झड़प और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. अब इसी घटना से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में पुलिस एक भीड़ के ऊपर लाठीचार्ज करती नजर आ रही है. इसे संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा का बताया जा रहा है.

दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की सेक्रेटरी वैशाली पोद्दार ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. उन्होंने लिखा है, 

“संभल में पुलिस ने आतंकियों पर लाठीचार्ज कर दिया. लगता है, आतंकियों को लगा होगा कि पुलिस सिर्फ फिल्मों में ही एक्शन करती है, पर यहां तो रियल लाइफ का "धोबी पछाड़" दिखा दिया गया. अब कानून की इस "लाठी" का असर समझ आयेगा.”

इंस्टाग्राम पर ‘aapkampmaneeshpareek’ ने भी वायरल वीडियो को शेयर करते हुए इसी तरह के दावे किए हैं. उन्होंने लिखा है, 

“संभल में जामा मस्जिद सर्वे पर भड़का बवाल. समझाती रही पुलिस लेकिन नहीं माने पत्थरबाज. पत्थरबाजी करने वालों पर पुलिस लेगी कड़ा एक्शन.”

पुलिस लाठीचार्ज के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट
पुलिस लाठीचार्ज के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट.

कई अन्य यूजर्स ने भी इसी तरह के दावे किए हैं, जिन्हें आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल

क्या पुलिस की लाठीचार्ज का ये वीडियो यूपी के संभल में हुई हालिया हिंसा का है? इसका पता लगाने के लिए हमने वीडियो के एक फ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें यूट्यूब पर 3 मार्च, 2020 को अपलोड किया गया एक मिला. इस वीडियो में अभी वायरल हो रहे वीडियो का लंबा वर्जन देखा जा सकता है. इससे यह साफ है कि वीडियो संभल हिंसा का नहीं है, बल्कि चार साल पहले से इंटरनेट के गलियारों में मौजूद है.

अब सवाल है कि असल में वीडियो है कहां का? इसका पता लगाने के लिए हमने ‘एक्स’ पर 2019-2020 का टाइमफ्रेम लगाकर लाठीचार्ज से जुड़े कीवर्ड सर्च किए. हमें फैजान जस्टिन नाम के एक यूजर के हैंडल से 21 दिसंबर, 2019 को की गई एक पोस्ट मिली. इसमें भी लाठीचार्ज का वायरल वीडियो मौजूद है. वीडियो को गोरखपुर का बताया गया है.

गोरखपुर का 5 साल पुराने लाठीचार्ज के वीडियो का स्क्रीनशॉट
गोरखपुर का 5 साल पुराने लाठीचार्ज के वीडियो का स्क्रीनशॉट

इससे हमें एक हिंट मिल गया कि वीडियो दिसंबर, 2019 का हो सकता है और यूपी के गोरखपुर का है. इससे मदद लेते हुए हमने यूट्यूब पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें दिसंबर 2019 के समय के कई के मिले. इसमें अभी वायरल हो रहे वीडियो का हिस्सा देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 20 दिसंबर, 2019 को छपी रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जिले के घंटा घर, शाहमारूफ और नखास जैसे इलाकों में प्रदर्शन किए थे. पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था.

नतीजा

कुल मिलाकर, हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि गोरखपुर में दिसंबर, 2019 में हुए प्रदर्शन का वीडियो, संभल में हुई हालिया हिंसा का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. 

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