इस्लामिक कैलेंडर के सबसे पवित्र महीने रमजान के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कुछ पुलिसकर्मी महिलाओं और बच्चों को खाना परोसते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में नज़र आ रही ज्यादातार महिलाओं ने बुर्का पहना है. वीडियो के बैकग्राउंड में एक व्यक्ति को ये कहते सुना जा सकता है कि “पुलिस कमिश्नर साहब आपके लिए परोस रहे हैं. अल्लाह आपके रोजों को कबूल करे.” वीडियो को शेयर करने वाले इसे उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के दौरान का बता रहे हैं. कहा जा रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में यूपी पुलिस इस तरह थाने में इफ्तार पार्टी में खाना परोसती थी.
पुलिस ने मुस्लिम बच्चों को इफ्तारी दी तो 'अखिलेश का राज' बता दिया, लेकिन वीडियो यूपी का नहीं है
सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करके कहा जा रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में यूपी पुलिस इस तरह थाने में इफ्तार पार्टी में खाना परोसती थी.

मोहिनी राजपूत नाम की फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“सत्ता का मद और अधिकारियों की अहमियत. जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में अखिलेश मुख्यमंत्री था, तब पुलिस थाने में इफ्तार पार्टी का आयोजन पुलिसकर्मियों को करना पड़ता था.”

इसी तरह के दावे कई अन्य यूजर्स ने ‘एक्स’ पर भी किए हैं जिनके पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.
पड़तालतो क्या है वीडियो की सच्चाई? क्या ये वीडियो यूपी की सपा सरकार के दौरान का है?
यह जानने के लिए हमने वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें ‘एक्स’ पर ऐसे कई पोस्ट मिले जहां वीडियो को मई, 2022 में अपलोड किया गया था. ऐसा ही एक पोस्ट राज लक्ष्मी नाम के यूजर ने किया था जिसमें वीडियो को महाराष्ट्र का बताया गया है.
इससे मदद लेते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. इस दौरान हमें ‘Muslim Mirror’ की वेबसाइट पर अप्रैल 2022 में छपी एक रिपोर्ट मिली. इसमें वीडियो का स्क्रीनग्रैब मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो महाराष्ट्र के सोलनपुर का है जहां 29 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हरीश बैजल ने प्राइमरी स्कूल के सैकड़ों छात्रों के लिए इफ्तार का आयोजन किया था. छात्रों ने नमाज पढ़ कर रोजा खोला और इस दौरान पुलिसकर्मियों ने छात्रों को अपने हाथों से खाना परोसा था.
इस बात की तस्दीक कई मीडिया रिपोर्ट से भी मिलती है. एक रिपोर्ट आप
इसके अलावा सोलापुर पुलिस के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से 29 अप्रैल, 2022 को की गई एक पोस्ट मिली. पोस्ट में एक तस्वीर नत्थी है जिसमें सोलापुर पुलिस कमिश्नर हरीश बैजल के साथ बुर्का पहनी लड़कियां मौजूद हैं. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि उन्होंने अपने घर पर बच्चों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था.
नतीजाकुल मिलाकर, हमारी पड़ताल में साफ है कि महाराष्ट्र के सोलापुर की लगभग तीन साल पुरानी तस्वीर को यूपी का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: मस्जिदों पर तिरपाल, होली से पहले संभाल क्यों बना छावनी?