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राजस्थान में भैरो बाबा की मूर्ति तोड़कर घसीटी गई? वायरल वीडियो की असली कहानी

दावा है कि राजस्थान में भैरो बाबा की मूर्ति को तोड़कर ट्रैक्टर से घसीट कर ले जाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि क्या गहलोत सरकार द्वारा कभी किसी अवैध मजार या दरगाह को भी तोड़ा गया है?

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (तस्वीर: ट्विटर@TheAbhishek_IND)
दावा:

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें भैरव (भैरो भी लिखा जाता है) बाबा की मूर्ति को तोड़कर ट्रैक्टर की मदद से जमीन पर घसीट कर ले जाया जा रहा है. वीडियो में कुछ पुलिस वाले भी नज़र आ रहे हैं. इसे राजस्थान का बताते हुए अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. कहा जा रहा है कि क्या गहलोत सरकार द्वारा कभी किसी अवैध मजार या दरगाह को भी तोड़ा गया है?

मिसाल, के तौर पर एक ट्विटर (X) यूजर ने लिखा, 

वीडियो राजस्थान की बताई जा रही है जहां भैरो बाबा के मंदिर को तोड़कर मूर्ति को ट्रैक्टर से घसीटते हुए ले जाया जा रहा है. सवाल - क्या गहलोत सरकार द्वारा कभी किसी अवैध मजार या दरगाह को भी तोड़ा गया है?

(पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं.)

इसके अलावा कई अन्य ट्विटर (X) यूजर्स ने भी वायरल वीडियो को शेयर किया है.

पड़ताल

‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वीडियो राजस्थान के एक गांव की स्थानीय परंपरा का हिस्सा है. 

हमें वीडियो में नज़र आ रहे ट्रैक्टर के नंबर प्लेट पर राजस्थान का नंबर दिखाई दिया. इसके अलावा वीडियो में जितने भी लोग नज़र आ रहे हैं, लगभग सभी ने अपने मुंह पर मास्क लगाया है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो राजस्थान का है और कोविड लॉकडाउन के समय का है. 

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट


इससे मदद लेते हुए हमने वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स बनाए. एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें फेसबुक पर दो साल पहले की एक पोस्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद है. धर्मेंद्र सिंह पारसी नाम के फेसबुक यूजर ने 15 मई 2021 को यह वीडियो पोस्ट किया था. इसमें लिखे कैप्शन के अनुसार, वीडियो राजस्थान के सिमालिया गांव का है जहां के ग्रामीण लोग ‘भेरूजी बाबा’ को पूजने के लिए इकट्ठा हो रहे थे. इस दौरान पुलिस ‘भैरो बाबा’ को उठाकर ले गई.”

2021 में की गई फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट. 

मई 2021 में कई यूजर्स ने वायरल वीडियो को लगभग इसी जानकारी के साथ फेसबुक पर पोस्ट किया था. इन वीडियो को आप यहां और यहां देख सकते हैं.

इससे यह तो साफ है कि वीडियो करीब दो साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और हाल फिलहाल की घटना नहीं है.

हमने मामले की अधिक जानकारी के लिए राजस्थान के कोटा में सिमलिया गांव के प्रेम गुर्जर से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, 

“यह वीडियो कोरोना लॉकडाउन के समय का है. जब कोरोना काल चल रहा था तब सिमलिया गांव के लोगों ने निर्णय लिया कि घास भैरू जी को गांव मे घुमाया जाए ताकि इस कोरोना महामारी से छुटकारा मिल सके. जब घास भैरू जी को गांव मे घुमाया जा रहा था तब पुलिस ने वहां मौजूद ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया और घास भैरू जी को और गांव वालों को थाने ले गए. फिर आपसी समझाइश के बाद घास भैरू जी को उनके स्थान पर रखा गया और हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दिया.”

प्रेम ने यह भी बताया कि यह भैरो को पूजने की परंपरा राजस्थान के लगभग हर गांव में है.

मामले की पुष्टि के लिए हमने सिमालिया थाने के एसएचओ उम्मैद सिंह से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो लगभग दो साल पुराना है. बोले, 

“सिमालिया गांव में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो लोग स्थानीय देवता घास भैरू जी को पूजते हैं. इस दौरान लोग भैरू बाबा की मूर्ति को बैल के सहारे पूरे गांव का चक्कर लगवाते हैं. लेकिन अब बैल का प्रचलन कम हो गया है, इस कारण कुछ वर्षों से घास भैरू को लकड़ी के सहारे घुमाते हैं. साल 2021 में कोविड के दौरान भी ऐसा किया गया और उस समय भारी भीड़ इकट्ठा हो गई जिस कारण पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया और घास भैरू को भी थाने में ले गई. बाद में समझा बुझाकर लोगों को वापस छोड़ दिया गया था और घास भैरू जी को भी उनके स्थान पर रख दिया गया.”

नतीजा

इस तरह हमारी पड़ताल में मूर्ति को तोड़कर ट्रैक्टर से घसीट कर ले जाने का दावा भ्रामक साबित हुआ. वायरल वीडियो राजस्थान के कोटा का है जहां एक स्थानीय परंपरा के दौरान भैरू बाबा की मूर्ति को प्राकृतिक आपदा के दौरान चारों तरफ घसीटा जाता है.

(कोटा से चेतन के इनपुट्स के साथ)

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