शुक्रवार यानी 19 अगस्त की सुबह 8 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट किया. ट्वीट अंग्रेजी में लिखा गया है और ट्वीट के साथ The New York Times ई-पेपर का स्क्रीनशॉट भी मौजूद है. केजरीवाल ने लिखा,
केजरीवाल ने अमेरिका के अखबार में सरकारी स्कूल का बताकर प्राइवेट स्कूल की तस्वीर छपवाई?
दावा है कि केजरीवाल ने द न्यू यॉर्क टाइम्स में सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल की तस्वीर को छपवाया.
दिल्ली ने भारत को गौरवान्वित किया है. दिल्ली मॉडल अमेरिका के सबसे बड़े अखबार के पहले पन्ने पर है. मनीष सिसोदिया आजाद भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री हैं.
केजरीवाल सिर्फ ट्वीट तक ही सीमित ही नहीं रहे और लगे हाथ इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर डाली. वहीं दिल्ली बीजेपी नेता केजरीवाल के इस दावे को विज्ञापन बता रहे हैं. द न्यू यॉर्क टाइम्स के अलावा एक स्क्रीनशॉट ख़लीज़ टाइम्स अखबार का भी वायरल है. इसमें दिल्ली के स्कूलों पर लेख लिखा गया है और क्रेडिट न्यू यॉर्क टाइम्स को दिया गया है.
इसके बाद सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल होने लगा. दावा है कि
न्यू यॉर्क टाइम्स और ख़लीज़ टाइम्स में जो खबर छपी है, उसमें मयूर विहार के एक प्राइवेट स्कूल की तस्वीर को सरकारी स्कूल की फोटो बताया गया है.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने वायरल दावा ट्वीट करते हुए लिखा, (आर्काइव)
न्यू यॉर्क टाइम्स और ख़लीज़ टाइम्स में पैसे देकर ख़बर तो छपवा ली , पर झूठ और चोरी की आदत नहीं गयी. ये फ़ोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं बल्कि मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल के बच्चों की हैं. केजरीवाल और सिसोदिया देश में भी झूठ बेच रहे हैं और विदेश में भी.
कपिल मिश्रा के अलावा पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने भी वायरल दावे को ट्वीट किया है.
पड़ताल'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे का सच जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला. अखबार में छपी तस्वीर का मयूर विहार के स्कूल से कोई संबंध नहीं है.
सबसे पहले हमने ख़लीज़ टाइम्स में छपी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा. सर्च से हमें तस्वीर द न्यू यॉर्क की वेबसाइट पर 16 अगस्त, 2022 को पब्लिश हुई रिपोर्ट में मिली. फोटो के कैप्शन में फोटोग्राफर का नाम सौम्या खंडेलवाल है और लोकेशन दिल्ली में सर्वोदय विद्यालय बताई गई है.
इसके बाद हमने दावे में मौजूद दूसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा तो वायरल तस्वीर हमें Mother Mary's School की वेबसाइट पर मिली.
अब दोनों तस्वीरों को गौर से देखने पर कुछ अंतर आपको स्पष्ट तौर पर दिखाई देंगे.
1) दोनों तस्वीरों में लड़कियों की ड्रेस के कलर में अंतर देखा जा सकता है.
2) लड़कियों की शर्ट के बाजू दोनों तस्वीरों में अलग-अलग हैं. एक में फुल हैं तो दूसरे में हाफ.
3) ड्रेस के लोगो में अंतर साफ तौर पर देखा जा सकता है.
वायरल तस्वीर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए फोटोजर्नलिस्ट सौम्या खंडेलवाल से संपर्क किया. उन्होंने बताया,
'तस्वीर को मैंने 5 जुलाई, 2022 को अपने कैमरे में कैद किया था. तब मैं न्यू यॉर्क टाइम्स के लिए एक असाइनमेंट कर रही थी. तस्वीर दिल्ली के ककरोला में मौजूद सर्वोदय विद्यालय की है. बाद में इस तस्वीर को न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है.'
इसके बाद सौम्या ने लल्लनटॉप से फोटो का मेटाडाटा भी शेयर किया, जिसको आप नीचे तस्वीर में देख सकते हैं.
नतीजाहमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ. अखबार में छपी तस्वीर मयूर विहार के Mother Mary's School की नहीं बल्कि दिल्ली के सरकारी स्कूल सर्वोदय विद्यालय, ककरोला की है. एक बात और Mother Mary's School गर्ल्स स्कूल है जबकि अखबार में छपी तस्वीर में लड़के और लड़कियां दोनों को देखा जा सकता है.
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