राजस्थान के करौली में हुई हिंसक झड़प की घटना के बाद इलाके में धारा 144 लगी हुई है, साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं. करौली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कोटा, बीकानेर, जोधपुर ,अजमेर में भी धारा 144 लगाए जाने की खबर सामने आई है. करौली हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर राजस्थान सरकार और सांप्रदायिक एंगल के दावे के साथ वीडियो और तस्वीरों की बाढ़ आ गई है. इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर से जुड़ा एक दावा जमकर वायरल है. वायरल दावे में ट्रैफिक पुलिस वाले का मुंह पकड़े एक शख़्स की तस्वीर शेयर हो रही है. दावा है कि
अब ऐसी स्थिति के लिए भी देश का गृहमन्त्री जिम्मेदार है? यह है कांग्रेस शासित राजस्थान. मियां के हाथ में पुलिस का गिरहबान. चित्र जोधपुर के घंटाघर क्षेत्र का है. इसके डरने के लिए इतना ही पर्याप्त है कि जो तेवर दिखा रहा है वो और आसपास घेरकर खड़े लोग एक खास वर्ग के हैं.
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वायरल तस्वीर राजस्थान के जोधपुर की है लेकिन लगभग पांच साल पुरानी है. जोधपुर में घंटाघर इलाके के पास लगे अवैध ठेलों पर कार्रवाई कर रहे हेड कांस्टेबल शोभाराम की एक ठेलेवाले से झड़प हो गयी थी.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए शेयर हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से इंटरनेट पर खोजने पर हमें उस अखबार की कतरन मिली जहां से हैडलाइन क्रॉप करके इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है. (आर्काइव )
इस अखबार कतरन की हैडलाइन कुछ इस प्रकार है –
ठेला हटाने गए हेड कांस्टेबल का मुंह दबोचा, माफी मंगवाकर ही छोड़ा
इन कीवर्ड्स को ध्यान में रखते हुए जब हमने इंटरनेट पर खोजा तो हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर मई, 2016 को पोस्ट किया गया इसी घटना से जुड़ा आर्टिकल मिला. (आर्काइव )
इस आर्टिकल में मिली जानकारी के मुताबिक –
‘पूरी घटना मई 2016 की है. जोधपुर के घंटाघर वाले इलाके में ठेले लगाने से शुरू हुई यातायात की समस्या को ध्यान में रखते हुए जोधपुर नगर निगम ने विशेष अतिक्रमण अभियान चलाकर घंटाघर के इलाके को नो ठेला जोन घोषित कर दिया था. घंटाघर में बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए हेड कांस्टेबल शोभाराम अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचे थे. उन्होंने राह में बाधक बन रहे ठेलाधारकों को वहां से हटने का आदेश दिया तो इससे वे आक्रोशित हो गए. ठेलेवाले एकत्रित होकर पुलिस को धमकाने लगे कि तभी एक शख्स ने पुलिस हैड कांस्टेबल का मुंह पकड़ लिया और जमकर अपशब्द बोले. बाद में पुलिस वाले बचकर वहां से निकले.’
साथ ही हमें Lion Express की वेबसाइट पर भी 28 मई, 2016 की पोस्ट किया गया इस घटना से जुड़ा एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में शेयर हो रही तस्वीर भी मौजूद है. (आर्काइव )
घटना की जानकारी के लिए लल्लनटॉप ने तस्वीर में दिख रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी शोभाराम से बात की. उन्होंने बताया,
‘वायरल तस्वीर 2016 की है जब हाईकोर्ट के आदेश पर ट्रैफिक पुलिस की टीम जोधपुर में अतिक्रमण हटवाने गई थी. अतिक्रमण हटाते समय कुछ ठेलेवालों से हमारी टीम की बहस हो गई थी. जिस श़ख्स ने मेरा मुंह दबोचा हुआ है उसका नाम धर्मेंद्र है. साथ ही युवक हिन्दू है न कि मुस्लिम जैसा कि वायरल दावे में बताया जा रहा है. तब मैं राजस्थान ट्रैफिक पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था और अब ASI हूं.’
इससे साफ है कि पूरी घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
नतीजा
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ. वायरल तस्वीर साल 2016 की है जब जोधपुर के घंटाघर इलाके के पास लगे अवैध ठेलों पर कार्रवाई कर रहे हेड कांस्टेबल शोभाराम की एक ठेलेवाले से झड़प हो गयी थी. घटना को साम्प्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया जा रहा है जोकि पूरी तरह से गलत है. साथ ही साल 2016 में राजस्थान में बीजेपी की सरकार थी न कि कांग्रेस की और मुख्यमंत्री थीं वसुंधरा राजे सिंधिया.