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ब्राह्मण होने की वजह से भेदभाव हुआ इसलिए भारत छोड़ न्यूजीलैंड चले गए रचिन रविंद्र?

न्यूजीलैंड के क्रिकेटर रचिन रविंद्र इस World Cup में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. अपनी टीम के लिए तीन शतक लगा चुके हैं. अब उनके बारे में एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल है.

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सोशल मीडिया पर रचिन रविंद्र को लेकर एक दावा वायरल है. (तस्वीर: Facebook/PandatanDeKaake, तस्वीर:AP)
दावा:

न्यूजीलैंड के क्रिकेटर रचिन रविंद्र (Rachin Ravindra) भारतीय मूल के हैं. क्रिकेट विश्वकप 2023 (Cricket World Cup 2023) में रविंद्र के बल्ले से लगातार रन बरस रहे हैं. उन्होंने 8 मैचों में तीन शतकों की मदद से 523 रन बना लिए हैं. इसी बीच उनको लेकर एक दावा वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि उन्होंने तीन साल पहले भारत छोड़ दिया था, क्योंकि यहां उनके साथ जाति के कारण भेदभाव होता है.

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा,

“ब्राह्मण रत्न रचिन रविंद्र कृष्णमूर्ति का पाकिस्तान के खिलाफ 100. विश्व कप में अब तक 500 से ज्यादा रन, 3 शतक, 3 अर्धशतक, 8 विकेट. भविष्य का क्रिकेट जगत का सुपरस्टार. अच्छा किया भाई तुमने 3 साल पहले भारत छोड़ दिया, क्योंकि यहां तो तुम्हारी जाति देखकर कह देते की ब्राह्मणवाद है. मत खिलाओ. आज उसी बैंगलोर की धरती पर, जहां जाति का भेदभाव झेलकर रविंद्र ने भारत छोड़ा था, उस पर पाकिस्तान के खिलाफ़ शतक लगा दिया है.”

रचिन रविंद्र को लेकर वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट.

इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल पोस्ट को शेयर किया है.

पड़ताल

दी लल्लनटॉप की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला.

सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हमने न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर रविंद्र के क्रिकेट इतिहास को खंगाला. यहां पता चला कि न्यूजीलैंड में खेलों को बढ़ावा देने वाली एक संस्था है न्यूजीलैंड कम्यूनिटी ट्रस्ट (NZCT). वो कई स्कूलों की टीमों की प्रतियोगिता कराती रहती है. न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की वेबसाइट पर मार्च 2014 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी कड़ी में रविंद्र रचिन ने अपनी टीम हट इंटरनेशनल बॉयज़ स्कूल (एचआईबीएस) की ओर से खेलते हुए नाबाद 98 रन बनाए थे. यह मैच उत्तरी न्यूजीलैंड के एक शहर पामर्स्टन में खेला गया था.

इससे तो ये बात समझ आती है कि रविंद्र रचिन करीब सात साल पहले से न्यूजीलैंड में खेल रहे हैं. न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की वेबसाइट से यह भी पता चला कि एचआईबीएस के इस ओपनर और बाएं हाथ के गेंदबाज को फरवरी 2016 में न्यूजीलैंड क्रिकेट का यंग प्लेयर ऑफ द ईयर नामित किया गया था. वे बांग्लादेश में खेले गए आईसीसी अंडर-19 विश्वकप में न्यूजीलैंड टीम के सबसे कम उम्र के सदस्य थे.

न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर रिचर्ड हेडली के साथ रचिन रविंद्र (तस्वीर: ncz)

क्रिकेट से जुड़े आंकड़े सामने लाने वाली वेबसाइट 'Cricbuzz' पर रविंद्र रचिन की प्रोफाइल छपी हुई है. यहां दी गई जानकारी के अनुसार, रचिन रविंद्र न्यूजीलैंड के वेलिंगटन में पैदा हुए थे. उन्होंने अपने बेजोड़ ऑलराउंडर प्रदर्शन के दम पर घरेलू टूर्नामेंट, अंडर-19 और न्यूजीलैंड ए टीम में लगातार अवसर मिले. रचिन ने न्यूजीलैंड के लिए अपना पहला टी20 मैच सितंबर 2021 में बांग्लादेश के खिलाफ खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया.

ESPNCricInfo’ की वेबसाइट के मुताबिक, रचिन के पिता रवि कृष्णमूर्ति पेशे से एक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट हैं और उन्होंने न्यूजीलैंड में बसने से पहले भारत में अपने गृहनगर बेंगलुरु में काफी क्रिकेट खेला था. कृष्णमूर्ति की क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी थी और उसे वह बहुत गंभीरता से लेते थे. इसी कड़ी में उन्होंने न्यूजीलैंड में साल 2011 में Hutt Hawks Cricket Club की स्थापना की. रचिन पिछले 12-13 सालों में कई बार भारत आकर इस क्लब की तरफ से क्रिकेट खेल रहे हैं. वेबसाइट के अनुसार, रचिन को भारत में खेलने का काफी फायदा मिला. इससे उन्हें अलग-अलग कडींशन के हिसाब से खेलने में मदद मिली. वर्ल्ड कप में उनकी परफॉर्मेंस इसकी गवाह है.

रचिन रविंद्र की पांच साल से अधिक पुरानी तस्वीर (तस्वीर:espncricinfo)

रचिन रविंद्र ने वर्ल्डकप में अपना पहला शतक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जड़ा था. मैच के बाद हुए प्रेस कॉफ्रेंस में रचिन ने कहा

मैं न्यूजीलैंड में पैदा हुआ. मेरा परिवार भारत से आता है. लेकिन मैं खुद को पूरी तरह से कीवी खिलाड़ी के रूप में पाता हूं. मुझे अपनी जड़ों और पहचान पर बहुत गर्व है.”

नतीजा

कुलमिलाकर, यह दावा भ्रामक है कि रचिन रविंद्र ने जातीय भेदभाव से बचने के लिए तीन साल पहले भारत छोड़ने का फैसला किया. 

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