नीना गुप्ता भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणित की प्रोफेसर हैं. उन्हें साल 2021 के रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह पुरस्कार गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 45 वर्ष से कम आयु के गणितज्ञों को दिया जाता है. लेकिन अब नीना गुप्ता को लेकर एक पोस्ट वायरल है.
क्या नीना गुप्ता रामानुजन सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं?
दावा है कि नीना गुप्ता रामनाजुन पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं.
वायरल पोस्ट शेयर करके दावा किया जा रहा है कि नीना गुप्ता रामनाजुन पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं.
एक ट्विटर यूजर ने वायरल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “ये है ! नीना गुप्ता गणितज्ञ यदि शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण से फुरसत मिले तो इन्हें भी पहचान लेना भारतीयों! इन्हें रामानुजन अवार्ड से सम्मानित किया गया है ये एकमात्र भारतीय महिला हैं जिसने यह अवार्ड जीता ! भारत की इस बेटी ने दुनिया को गणित में भारत का लोहा मनवाया है.”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देख जा सकता है.
इस तरह कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल पोस्ट को ट्विटर पर शेयर किया है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय महिला नहीं हैं.
सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. ‘अमर उजाला’ की वेबसाइट पर दिसंबर 2021 में छपी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि नीना गुप्ता ने रामानुजन पुरस्कार जीत लिया है. यह युवा गणितज्ञों को गणित के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट काम के लिए दिए जाने वाला पुरस्कार है, जिसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (आईसीटीपी) रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है. उन्हें कम्यूटेटिव अलज़ेब्रा में उल्लेखनीय कार्य और विशेष तौर से एफीन स्पेस के लिए जारिस्की कैंसिलेशन हल करने के लिए यह सम्मान दिया गया है.
इसके अलावा हमें प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो की एक प्रेस रिलीज भी मिली. इसके अनुसार, नीना गुप्ता को एक वर्चुअल समारोह में साल 2021 के रामानुजम पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बता दें, रामानुजन पुरस्कार की शुरुआत साल 2005 में हुई थी. गूगल सर्च करने पर हमें ‘इंडिया टुडे’ की एक रिपोर्ट में रामानुजन पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट मिली.
इसके अलावा आईसीटीपी की वेबसाइट को खंगालने पर हमें रामानुजन पुरस्कार विजेताओं की एक लिस्ट मिली. इसके मुताबिक,यह पुरस्कार अबतक 17 लोगों को दिया गया है. सुजाथा रामदोरई यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. उन्हें यह पुरस्कार साल 2006 में दिया गया था. इसके अलावा दो अन्य भारतीयों को भी यह पुरस्कार मिला है. अमललेंदू कृष्णा को साल 2015 में और रिताब्रता मुंशी को साल 2018 में रामानुजन पुरस्कार दिया गया था.
नतीजा
हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला नहीं हैं. सुजाथा रामदोरई को यह पुरस्कार साल 2006 में मिला था और वो यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं.
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