‘Superman.चुटकी में कपड़े बदले’
इस कैप्शन के साथ एक ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है. ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो तस्वीरें का एक कोलाज है. दोनों तस्वीरों में पीएम मोदी अलग-अलग कपड़े पहने हुए दिखाई दे रहे हैं. दावा है कि
‘Superman.चुटकी में कपड़े बदले’
इस कैप्शन के साथ एक ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है. ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो तस्वीरें का एक कोलाज है. दोनों तस्वीरों में पीएम मोदी अलग-अलग कपड़े पहने हुए दिखाई दे रहे हैं. दावा है कि
पीएम मोदी ने एक ही कार्यक्रम के दौरान अपने कपड़े बदल लिए.
ट्विटर पर RAVAL KALPESH S नाम के यूज़र ने वायरल तस्वीर को ट्वीट किया जिसे पड़ताल लिखे जाने तक 6 हज़ार से ज्यादा लाइक्स और 1600 से ज्यादा रीट्वीट्स मिल चुके हैं. (आर्काइव)
फेसबुक पर भी ये तस्वीर खूब वायरल है.
पड़ताल'दी लल्लनटॉप' ने वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे गलत निकले.
हमने सबसे पहले नरेन्द्र मोदी को सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया. सर्च से हमें मोदी के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिला, जिसमें वायरल तस्वीरों को देखा जा सकता है. पोस्ट का कैप्शन अंग्रेजी में है, जिसका हिन्दी अनुवाद है-
आज सुबह, मुझे नई संसद की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने का अवसर मिला.
पोस्ट में दोनों तस्वीरों को गौर से देखने पर पता चलता है कि दोनों में पीएम मोदी के कपड़े एक ही हैं. मोदी ने सफेर कुर्ता-पजामा के ऊपर आसमानी रंग का हाफ जैकेट पहना हुआ है. वायरल तस्वीर में जिसे दूसरा कपड़ा बताया जा रहा है वो असल में भगवा शॉल है. इस भगवा शॉल को मोदी ने ऊपर से ओढ़ा हुआ है.
कार्यक्रम से जुड़ा वीडियो हमें यूट्यूब चैनल Narendra Modi पर भी मिला. 11 जुलाई 2022 को अपलोड हुए वीडियो में मोदी को पूरे कार्यक्रम के दौरान एक ही ड्रेस में देखा जा सकता है.
क्या था कार्यक्रम?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को नई संसद की छत पर बने अशोक चिन्ह का अनावरण कर किया था. कांस्य का बना ये विशाल चिन्ह साढ़े 6 मीटर ऊंचा है और इसका वजन साढ़े 9 हजार किलो है. पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना के साथ राष्ट्रीय चिन्ह का अनावरण किया और इसके बाद एक विवाद भी सामने आया. कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय चिह्न के साथ छेड़छाड़ की गई है. विपक्षी नेताओं समेत कई लोगों ने सवाल उठाए कि अशोक चिन्ह पर बने सिंहों को खूंखार दिखाया गया है, जो कि वास्तविक राष्ट्रीय चिह्न से अलग हैं. इसके बाद बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि सारनाथ के अशोक स्तंभ और संसद भवन के ऊपर बने अशोक स्तंभ में कोई अंतर नहीं है.
नतीजाहमारी पड़ताल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कपड़ों को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह के अनावरण में कपड़े नहीं बदले थे और जिसे दूसरा कपड़ा बताया जा रहा है वो असल में एक भगवा शॉल है. इस शॉल को कुछ देर के लिए पीएम मोदी ने ओढ़ा था, बाकी समय वो आसमानी रंग की हाफ जैकेट पहने हुए थे.
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