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केदारनाथ में श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटने वाले क्या सच में मुसलमान निकले?

वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं. पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर जब उनकी जानकारी शेयर की है.

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केदारनाथ मामले के आरोपियों के बारे में पता चला. (फोटो- ट्विटर)

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें खच्चर चलाने वाले कुछ युवक लाठी डंडों से कुछ लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं. पीड़ितों में एक लड़की भी नजर आ रही है.

क्या हो रहा है दावा?

 वायरल वीडियो को शेयर करके इसे केदारनाथ (Kedarnath) का बताया जा रहा है. कई यूजर्स ने दावा किया कि लोगों को पीटने वाले युवक मुस्लिम (Muslim) हैं. 

एक ट्विटर यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करके दावा किया, “हर हर महादेव.केदारनाथ धाम में यात्रियों के साथ मुस्लिम खच्चर वालों ने की मारपीट. वही हुआ जो हंमेशा से होता आया है. इतनी संख्या में होने के बाद भी हिन्दू नपुंसकता का परिचय देते हुए देखते रहे. नपुंसक समाज को खुद भगवान भी बचाते. भाग पहला हेै. बाक़ी है.”

(पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है.)

इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी ट्विटर पर वायरल वीडियो को शेयर किया है.

पड़ताल

‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. मुस्लिम समुदाय के नहीं हैं. दावा झूठा निकला. 

वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की सहायता से गूगल सर्च किए. हमें नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट मिलीं, जिसमें बताया गया है कि वीडियो 13 जून का रुद्रप्रयाग के केदारनाथ धाम पैदल मार्ग का है.  आरोपियों के नाम अंकित सिंह, संतोष कुमार, रोहित कुमार और गौतम हैं.  चार आरोपियों के अलावा घटना में एक नाबालिग भी शामिल था. 

इसके बाद हमने ट्विटर पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें रुद्रप्रयाग पुलिस के आधिकारिक हैंडल से 13 जून को किया गया एक ट्वीट मिला. इसके मुताबिक,  आरोपियों के खिलाफ सोनप्रयाग थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. नाबालिग के खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा रही है. 

एक और ट्वीट में रुद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि आरोपी घोड़ा संचालकों के लाईसेंस रद्द कर दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार किसी भी हालत में माफी लायक नहीं है. ऐसे असामाजिक तत्वों पर पुलिस के स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नतीजा

कुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं हैं.  श्रद्धालुओं के साथ हुई अभद्रता में शामिल आरोपी अंकित सिंह, संतोष कुमार, रोहित कुमार और गौतम हैं.

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