देश भर में गणेश उत्सव का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बीच कर्नाटक के मांड्या से गणेश प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हिंसा और आगजनी की खबर सामने आई हैं. मामले में पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है. अब एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें एक पुलिसकर्मी गणेश प्रतिमा को हाथ में उठाकर ले जाता नज़र आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने गणेश उत्सव पर बैन लगाया? ये पढ़कर फोटो शेयर करने वाले मुंह छिपाएंगे
एक पुलिसकर्मी भगवान गणेश की मूर्ति को हाथ में उठाकर ले जाता दिख रहा है. इसी को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया है.
आनंद झा नाम के एक ‘एक्स’ यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा,
“कर्नाटक की यह तस्वीर कांग्रेस के हिन्दू विरोधी होने का प्रमाण. गणेश विसर्जन के दौरान हुई पत्थरबाजी का विरोध कर रहे लोगों के साथ-साथ कर्नाटक पुलिस गणेशजी की प्रतिमा को गिरफ्तार करके ले गई. कांग्रेस को हिन्दू देवी देवताओं की पूजा पाठ से भी दिक्कत है. कितनी शर्मनाक सोच है?”
इसी तरह का दावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य ने भी किया. पांचजन्य ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से शेयर करते हुए लिखा है,
“PM मोदी का कांग्रेस पर बड़ा हमला. कांग्रेस राज में गणपति जी को भी जेल में डाला जा रहा है. आज तो हालत ये हो गई है कि कांग्रेस के राज में कर्नाटक में गणपति जी को भी सलाखों के पीछे डाला जा रहा है. पूरा देश आज गणेश उत्सव मना रहा है और कांग्रेस विघ्नहर्ता की पूजा में भी विघ्न डाल रही है.”
बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 14 सितंबर को कुरुक्षेत्र में एक जनसभा में इसका जिक्र किया. उन्होंने कहा,
पड़ताल“आज तो हालात ये हो गई है कि कांग्रेस के राज में कर्नाटक में गणेश जी को भी सलाखों के पीछे डाला जा रहा है. गणपति जी को पुलिस के डिब्बे में बंद कर दिया. ”
तो आखिर क्या है सच्चाई? क्या कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में गणेश उत्सव मनाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कुछ कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़े वीडियोज़ मिले. इसमें पुलिस मूर्तियों को वैन में ले जाते देखा जा सकता है. वीडियो के कैप्शन में यूजर ने लिखा है,
“कर्नाटक पुलिस गणेश की मूर्ति बहुत सावधानीपूर्वक वैन में रखती हुई.”
हमने अधिक जानकारी के लिए इंडिया टुडे के बेंगलुरु ब्यूरो हेड सगाय राज से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. सगाय ने कहा है,
“कर्नाटक के मांड्या में 13 सितंबर को हुई हिंसा के बाद VHP और अन्य हिंदू संगठनों ने बेंगलुरु के टाउनहॉल के सामने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू नेताओं को रिहा करने की मांग की, साथ ही मामले की NIA से जांच कराने की मांग की. VHP नेता गणेश प्रतिमा लेकर टाउनहॉल के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. उन्हें टाउनहॉल के सामने प्रदर्शन करने की इज़ाजत नहीं थी. जिस कारण पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने प्रदर्शन से जुड़ी अन्य चीजों और भगवान गणेश की मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया.”
इसके अलावा हमें DCP बेंगलुरु का 15 सितंबर को किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें इस विवाद पर स्पष्टीकरण दिया गया है. पुलिस ने पोस्ट में लिखा है,
“हिंदू सगंठनों ने 13 सितंबर, 2024 को बेंगलुरु के टाउनहॉल में नागामंगला में गणेश प्रतिमा विसर्जन मामले को लेकर प्रोटेस्ट किया था. यह हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन था. इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी. इस कारण प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. बाद में अधिकारियों ने मान्यताओं के अनुसार गणेश प्रतिमा को विसर्जित कर दिया.”
हमें कई
यह साफ है कि कर्नाटक में गणेश उत्सव मनाने पर कोई रोक नहीं लगी है. पुलिसकर्मी के हाथ में गणेश की मूर्ति वाली वायरल तस्वीर एक प्रदर्शन के दौरान की है, जहां प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था.
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