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जिग्नेश मेवाणी का दावा, 'मजबूर गुजराती व्यापारी ने सड़कों पर फेंके हीरे', सच क्या है?

जंगल में आग की तरह खबर फैल गई कि Surat के एक व्यापारी ने परेशान होकर सड़क पर हीरे फेंक दिए. लोग दौड़ पड़े ज्यादा से ज्यादा हीरे बटोरने को. बाद में सच्चाई सामने आ गई.

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सूरत की सड़कों पर हीरे पड़े होने की खबर वायरल हो गई. (बाएं: वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट, दाईं तस्वीर PTI से साभार)
दावा:

एक सड़क पर बिखरे पड़े हीरों (Diamonds) को बीनने की लूट मची हुई है. लोगों में होड़ लगी है ज्यादा से ज्यादा हीरे बटोरने की. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा है कि गुजरात के सूरत (Surat) में ‘मंदी से त्रस्त व्यापारी गुस्से में सड़कों पर अपने हीरे फेंक रहे’ हैं. 

वायरल वीडियो को शेयर करने वालों में गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी भी हैं. उन्होंने वीडियो शेयर करके लिखा,

बीते 9 सालों से देश में आर्थिक क्रांति के ढेरों प्रचार और दावे हुए. लेकिन इस बीच सूरत का एक हीरा व्यापारी वर्तमान समय के मुश्किल हालत में अपने बिजनेस की डिमांड को पैदा करने में असफल रहा जिससे निराश होकर उसे अपने हीरे सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ा. सैकड़ों लोग सड़कों पर फेंके गए हीरों को इकट्ठा करते हुए देखे जा सकते हैं. अब हम सूरत में हीरा उद्योग की कठिन स्थिति की कल्पना कर सकते हैं जो घटते निर्यात से प्रभावित हुई है.”

(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.)

इसके अलावा अन्य ट्विटर (X) यूजर्स ने भी वायरल वीडियो को शेयर किया है. एक यूजर ने लिखा, “मोदी सरकार के गलत फैसलों और गलत नीतियों की वजह से गुजरात के सूरत शहर में पहली बार हीरा व्यापार घाटे में चला गया है! देश विदेश में हीरे की डिमांड घट गई है! हीरा व्यापारी गुस्से में सड़कों पर अपने हीरे फेंक रहे हैं!”

पड़ताल

दी लल्लनटॉप की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला. ये सच है कि वायरल वीडियो सूरत का है. ये भी सच है कि सड़क पर हीरे फेंके गए. लेकिन असली नहीं, नकली.

सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें ‘अहमदाबाद मिरर’ की वेबसाइट पर 25 सितंबर को छपी एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि गुजरात के सूरत में हीरे के एक फेमस मार्केट वराछा में एक अफवाह फैल गई कि किसी अंजान व्यक्ति ने गलती से हीरे का एक पैकेट गिरा दिया है. इसके बाद स्थानीय लोग उन हीरों को इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़े. रिपोर्ट में बताया गया है कि बाद में लोगों को समझ आया कि वे हीरे नकली थे.

इसके अलावा हमें ‘आजतक’ की वेबसाइट पर 24 सितंबर को छपी एक रिपोर्ट भी मिली. इसमें भी बताया गया है कि सूरत की सड़कों पर हीरे पड़े होने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. हीरा बीनने वालों में आम लोगों के अलावा हीरे के कारोबारी भी शामिल थे. रिपोर्ट बताती है कि ये नकली हीरे थे. इन हीरों को ‘अमेरिकन डायमंड’ भी कहा जाता है, और असली हीरे के मुकाबले इनकी कीमत बहुत कम होती है. रिपोर्ट के अनुसार, वहां के व्यापारी इस घटना से काफी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

‘आजतक’ की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट.

हमने मामले की और जानकरी लेने के लिए सूरत हीरा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवाडिया से भी संपर्क किया. उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया है. दिनेश ने ‘दी लल्लनटॉप’ से बातचीत में बताया, 

“यह घटना मेरे ऑफिस के ठीक नीचे हुई थी. रविवार का दिन था और डायमंड का मार्केट बंद था. किसी ने सुबह सवेरे देखा कि सड़कों पर कुछ चमकीली चीज दिखाई दे रही है. फिर ये खबर लोगों के बीच में फैल गई कि वहां सड़क पर हीरे पड़े हुए हैं. जबकि यह अमेरिकन डायमंड है, जिसकी कीमत 500 रुपये किलो के आसपास है. ”

नवाडियन ने आगे कहा कि इस तरह की घटना से हमारी इंडस्ट्री की बदनामी हुई है और हमारी मांग है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

नतीजा

कुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में यह निष्कर्ष निकला कि सूरत की सड़कों पर हीरे पड़े होने की घटना का वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है. सड़कों पर पड़े हीरे अमेरिकन डायमंड थे जोकि असली हीरे से एकदम अलग होते हैं और बहुत ही कम कीमत पर मिलते हैं.
 

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