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पड़ताल: क्या योगी सरकार गोवर्धन पर्वत बेचने को तैयार है?

सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस दावे की सच्चाई क्या है?

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दावा- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गोवर्धन पर्वत बेचने की तैयारी कर रही है.
दावा सोशल मीडिया पर एक अख़बार की कटिंग वायरल है. वायरल कटिंग की हेडिंग है- 'गोवर्धन पर्वत बेचने की तैयारी'. इस कटिंग को शेयर कर सोशल मीडिया यूज़र्स BJP और योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
फेसबुक यूज़र अशोक तामरकर
ने वायरल कटिंग पोस्ट करते हुए लिखा है-
"अब तो भगवान कृष्ण भी ख़तरे में,बीजेपी की योगी सरकार ने कृष्ण जी की गोवर्धन पर्वत को बेचने की तैयारी कर ली"
अब तो भगवान कृष्ण भी खतरे में, बीजेपी की योगी सरकार ने कृष्ण जी की गोवर्धन पर्वत को बेचने की तैयारी कर ली
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Posted by Ashok Tamrkar
on Friday, 19 February 2021
(आर्काइव
)
ट्विटर यूज़र हरिश्चंद्र
ने वायरल कटिंग ट्वीट करते हुए लिखा है-
"भारत को फिर से गुलामी की जंजीरों में बांधने की तैयारी. योगी सरकार एंड मोदी सरकार. यही है देश का विकास. गोवर्धन पर्वत बेचने की तैयारी"
(आर्काइव
)
इसी तरह के तमाम दावे इस कटिंग के साथ फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हैं. पड़ताल 'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में अख़बार की वायरल कटिंग के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. असल में एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर गोवर्धन पर्वत की शिलाओं को बेचने का ऑनलाइन विज्ञापन दिया गया था. मामला सामने आने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने विज्ञापन देने वाले चेन्नई के बी.प्रेमकुमार को गिरफ़्तार किया गया था.
हमने वायरल अख़बार की कटिंग को ध्यान से पढ़ा. अख़बार की कटिंग में ये स्पष्ट लिखा है कि 'इंडिया मार्ट' नाम की एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर गोवर्धन पर्वत की शिला बेचने का विज्ञापन दिया गया था. विज्ञापन में एक शिला की कीमत 5,175 रुपये बताई गई थी. इस विज्ञापन के सामने आने के बाद मथुरा के साधु-संतों ने इसका विरोध भी किया था.
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें 'हिंदुस्तान
' अख़बार की 8 फरवरी 2021 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक़, 'इंडिया मार्ट' नाम की ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट पर गोवर्धन पर्वत की शिला को ऑनलाइन बेचने का विज्ञापन दिया गया था. इस विज्ञापन की जानकारी मिलते ही मथुरा पुलिस ने 5 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ किया था. मामले को लेकर कंपनी के फाउंडर और CEO दिनेश अग्रवाल, को-फाउंडर ब्रजेश अग्रवाल और मथुरा में सप्लायर अग्रवाल अंकुर अग्रवाल को गिरफ़्तार भी किया गया था.
Hindustan
'हिन्दुस्तान' अख़बार की 8 फरवरी 2021 की रिपोर्ट.


(आर्काइव
)
हमें गोवर्धन पर्वत की शिला को ऑनलाइन बेचे जाने की यही जानकारी न्यूज़ वेबसाइट 'पत्रिका
' समेत कई वेबसाइट्स पर मिली. (आर्काइव
)
ख़बरों में दी गई जानकारी के आधार पर हमने मामले में कार्रवाई करने वाले मथुरा ग्रामीण के SP शिरीष चंद्र से बात की उन्होंने 'दी लल्लनटॉप' को बताया-
"मामले में इंडिया मार्ट कंपनी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने वाले चेन्नई के बी.प्रेमकुमार को भी 15 फरवरी 2021 को चेन्नई से गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है. जांच अभी जारी है. विज्ञापन के संदर्भ में हम इंडिया मार्ट के अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी जांच कर रहे हैं. मामले में बी.प्रेमकुमार के अलावा अभी तक किसी और की गिरफ़्तारी नहीं हुई है."
हमें किसी भी मीडिया रिपोर्ट में योगी सरकार द्वारा गोवर्धन पर्वत बेचे जाने की तैयारी से जुड़ी कोई ख़बर नहीं मिली. नतीजा हमारी पड़ताल में गोवर्धन पर्वत से जुड़ा दावा भ्रामक निकला. UP की योगी सरकार गोवर्धन पर्वत नहीं बेच रही है. एक ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की वेबसाइट पर गोवर्धन पर्वत की शिला को बेचने का विज्ञापन दिया गया था. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए UP पुलिस ने विज्ञापन देने वाले चेन्नई के बी.प्रेमकुमार को चेन्नई से गिरफ़्तार कर लिया था.